महाधिवेशन में सुदेश ने साधा सरकार पर निशाना, कहा : व्यापारियों के कहने पर सीएनटी-एसपीटी एक्ट में संशोधन

- गठबंधन वाली इस सरकार में न पंच न पंचायत

-शराबबंदी की उठी मांग, ग्रेटर झारखंड के लिए होगा आंदोलन

RANCHI (19 Mar) : झारखंड सरकार में शामिल ऑल झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन पार्टी (आजसू) ने अपनी ही सरकार पर जमकर 'प्रहार' किया है। तीन दिवसीय केंद्रीय महाधिवेशन के अंतिम दिन रविवार को आजसू सुप्रीमो सुदेश महतो ने सरकार पर कई आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि व्यापारियों के कहने पर सीएनटी-एसपीटी एक्ट में संशोधन किया गया है। महाधिवेशन में यह फैसला लिया गया कि इन दोनों एक्ट में संशोधन की वापसी के लिए पार्टी आंदोलन करेगी। अगले क्00 दिनों में आजसू के नेता क्7 हजार गांवों का दौरा करेंगे। इसके साथ ही राज्य में पूर्ण शराबबंदी तथा ओडिशा और पश्चिम बंगाल के सात जिलों को मिलाकर ग्रेटर झारखंड की मांग को लेकर भी पार्टी का आंदोलन जारी रहेगा।

क्या

खेती के लिए जमीन देगी सरकार?

महाधिवेशन में फ्0 घंटे तक चली बहस के बाद पार्टी ने कई प्रस्ताव पारित किए। इस मौके पर आयोजित ओपेन सेसन को संबोधित करते हुए सुदेश महतो ने कहा कि सवाल यह भी है कि सरकार उद्योगपतियों को जमीन का स्वामित्व देने पर आमादा है, वह भी पांच किस्तों में राशि लेकर। अगर कोई किसान खेती के लिए पांच एकड़ जमीन मांगता है, तो क्या सरकार ऐसा करेगी। इस गठबंधन वाली सरकार में न पंच है और न ही पंचायत। सरकार अपने निर्णय सरकारी कार्यक्रमों में सुनाती है और अन्य दल अपने कार्यक्रमों के जरिए अपना संदेश सरकार तक पहुंचाते हैं। उन्होंने कहा कि आजसू का सरकार के साथ चुनाव पूर्व का गठबंधन है। अगर इस गठबंधन में जनहित के कुछ मुद्दों पर एकरूपता नहीं बनती है तो घटक दल होने के नाते जनता की मांग को सरकार तक पहुंचाना उनका दायित्व है, आजसू यही कर रही है।

गुमला में कब चलेगी ट्रेन?

उन्होंने सरकार को आगाह किया कि वह अपनी शर्तो पर काम करें न कि किसी और की शर्तो पर। उन्होंने सरकार पर प्रहार किया कि खनिज संपदा के मामले में धनी झारखंड में शहीदों के वंशज आज भी दिहाड़ी क्यों कर रहे हैं। मेट्रो और बुलेट ट्रेन चलाने की बात हो रही है, परंतु गुमला में ट्रेन कब चलेगी, कौन बताएगा। इससे इतर कोयला उत्खनन को केंद्र में रख रेलवे परियोजनाओं को धरातल पर उतारने में सरकार तेजी दिखा रही है। जहां के युवा रोटी के संघर्ष कर रहे हों, वह राज्य चोटी पर कैसे पहुंच सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि निर्णय की तुलना में सरकार की घोषणा की रफ्तार तेज है। डेढ़ वर्षो से एक लाख नौकरी देने की बात राज्य में चल रही है। शायद ही कोई राज्य होगा, जहां स्थानीय युवाओं की अर्हताओं को छांटकर दूसरे प्रदेशों के युवाओं को तवज्जो देता हो। महाधिवेशन को जल संसाधन मंत्री चंद्रप्रकाश चौधरी, पूर्व मंत्री उमाकांत रजक, तमाड़ विधायक विकास कुमार मुंडा, जुगसलाई के विधायक रामचंद्र सहिस, टुंडी के विधायक राजकिशोर महतो, डॉ देवशरण भगत आदि ने भी संबोधित किया।