RANCHI : अगर आपकी मेमोरी पावर कमजोर हो रही है। भूलने की टेंडेंसी बढ़ रही है। आंखों से देखने में दिक्कतें आ रही हैं तो इसे इग्नोर नहीं करें। आपको अलर्ट रहने की जरूरत है, क्योंकि यह ब्रेन स्ट्रोक का भी लक्षण हो सकता है। आज के बदलते लाइफ स्टाइल, खान-पान और भागदौड़ भरी जिंदगी में हम अपने शरीर में आ रहे कई बदलाव को नजरअंदाज कर देते हैं, जो ब्रेन स्ट्रोक की वजह बन सकता है। ब्रेन स्ट्रोक के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। व‌र्ल्ड ब्रेन स्ट्रोक डे के मौके पर जानें कि क्या है ब्रेन स्ट्रोक, लक्षण और बचाव के उपाय।

आर्टरी में सिकुड़न

खानपान की आदतों में बदलाव का असर आर्टरी सिस्टम पर भी पड़ रहा है। आर्टरी सिकुड़ती जा रही है, जिस वजह से दिमाग के साथ शरीर के अन्य अंगों में भरपूर मात्रा में ब्लड की सप्लाई नहीं पाती है। इस वजह से दिमाग सही तरीके से काम नहीं कर करता है। अक्सर लोग इसे टेंशन की वजह मानकर इग्नोर कर देते हैं, पर जब यह ब्रेन पर स्ट्रोक करता है तो नींद खुलती है। ब्रेन स्ट्रोक गंभीर बीमारी है। कई बार तो मरीज की जान भी चली जाती है।

दो तरह का होता है ब्रेन स्ट्रोक

ब्रेन स्ट्रोक दो तरह का होता है- इसीमिक और हैमोरजी। इसीमिक में शरीर में ब्लॉकेज होने लगता है। इस वजह से शरीर के साथ दिमाग में ब्लड की सप्लाई प्रॉपर वे में नहीं हो पाती है। धीरे-धीरे ब्रेन टिश्यू खत्म होने लगता है और कई बार मरीज की जान तक चली जाती है। दूसरी तरफ हैमोरजी में ब्लड वेसेल्स फट जाता है। ब्लीडिंग होने लगती है और मरीज की स्थिति काफी गंभीर हो जाती है।

ब्रेन स्ट्रोक के लक्षण

। लकवा : ब्रेन स्ट्रोक के पहले पैरालाइसिस अटैक की आशंका रहती है। यह काफी खतरनाक है, पर इस ओर लोग ज्यादा ध्यान नहीं देते हैं। ऐसी स्थिति में हमें अलर्ट रहने की जरूरत है।

2. देखने में दिक्कत : अगर आंखों में किसी तरह की समस्या हो। खासकर देखने में दिक्कत हो रही है तो तुरंत आई स्पेशलिस्ट से कंसल्ट करना चाहिए। यह ब्रेन स्ट्रोक की भी वजह हो सकती है।

है।

3. मेमोरी पावर में कमी : भागदौड़ भरी जिंदगी में भूलने की आदत कॉमन बीमारी होती जा रही है। अक्सर लोग इसे इग्नोर कर देते हैं। स्ट्रेस की वजह से लोग नशा करना शुरू कर देते हैं। ऐसे में यह भी ब्रेन स्ट्रोक का कारण बन सकता है।

4. बिहेवियरल चेंजेज : बदलते लाइफ स्टाइल की वजह से लोगों में बिहेवियरल चेंजेज भी आ रहा है। चिड़चिड़ापन और गुस्से की टेंडेंसी बढ़ना भी ब्रेन स्ट्रोक का लक्षण बन सकता है।

5. बॉडी का सुन्न होना : अगर बॉडी का कोई पार्ट अचानक सुन्न हो जाए। उस पार्ट में किसी तरह की फीलिंग नहीं होती है तो उसे गंभीरता से लेनी चाहिए। ब्रेन स्ट्रोक की वजह यह हो सकती है।

6. हाई कॉलेस्ट्राल : खानपान में कॉलेस्ट्रॉल की मात्रा ज्यादा होने से बॉडी का ब्लड सर्कुलेशन प्रभावित होता है। ब्रेन में अगर ब्लड की सप्लाई ठीक से नहीं हो सिर दर्द की समस्या बढ़ जाती है। सिर दर्द की यह समस्या ब्रेन स्ट्रोक का भी रुप ले सकता है।

बरतें ये सावधानी (फोर योर हेल्प का लोगो)

-बीपी की महीने में दो बार कराएं जांच

-खान-पान व लाइफस्टाइल में लाएं बदलाव

-रेगुलर एक्सरसाइज करें

-उम्र बढ़ने के साथ रेगुलर हेल्थ चेकअप कराएं

-डिप्रेशन की स्थिति में डॉक्टर से करें कंसल्ट

-अगर पढ़ने-लिखने में भूलने की टेंडेंसी हो तो उसे इग्नोर नहीं करें

-हार्ट के मरीजों को अलर्ट रहना ज्यादा जरूरी

वर्जन

बदलते लाइफ स्टाइल व खान-पान की वजह से लोगों को तरह-तरह की बीमारी हो रही है। इन्हीं बीमारियों में ब्रेन स्ट्रोक भी है। हाइपर टेंशन, टेंशन और हेवी डायट से बचकर हम काफी हद तक इस बीमारी से दूर रह सकते हैं। अगर इस तरह का कोई भी लक्षण दिखे तो तुरंत डॉक्टर से कंसल्ट करें। उम्र बढ़ने के साथ बीपी और कॉलेस्ट्रोल की जांच रेगुलर कराएं।

डॉ अनिल कुमार

एचओडी, न्यूरो, रिम्स