रांची(ब्यूरो)। दो साल कोरोना लहर में ट्रांसपोर्टेशन बिल्कुल ठप रहा है। लॉकडाउन और इसके बाद भी गाडिय़ों के परिचालन में वाहन मालिकों को काफी समस्याओं से गुजरना पड़ा। बस ओनर के साथ भी यह परेशानी बनी रही। लंबे समय तक जहां एक ओर बसों का परिचालन बंद रहा, तो वहीं दूसरी और खड़ी बसों के टैक्स बढ़ते चले गए। वित्तीय वर्ष समाप्त होने के बाद बस ओनर पर करोड़ों रुपए का टैक्स बकाया हो गया है। परिवहन विभाग की ओर से बार-बार बस ओनर को नोटिस दिया गया, लेकिन अब भी बकाए टैक्स का भुगतान अधिकतर बस ओनर ने नहीं किया है। इसके बाद परिवहन विभाग और सख्ती बरतने जा रहा है। विभाग अब अंतिम चेतावनी देते हुए बसों को जब्त करने की तैयारी में है। विभाग की ओर से करीब पांच सौ बस मालिकों को नोटिस भेजकर बकाया भुगतान करने को कहा है। इधर बस मालिकों का कहना है जिस समय गाड़ी ही चली ही नहीं चली, उस समय का टैक्स क्यों जमा करें। विभाग को इसमें रियायत बरतनी चाहिए।

सात दिनों में जमा करें टैक्स

फाइनेंसियल ईयर इंड होने को है। ऐसे में ऐसे में सभी डिपार्टमेंट रेवेन्यू बढ़ाने पर जोर दे रहे है। परिवहन विभाग इसमें पीछे नहीं है। विभाग ने पांच सौ बस मालिकों को नोटिस भेजते हुए एक हफ्ते का समय दिया गया है। सात दिनों में बस मालिकों को हर हाल में टैक्स भुगतान करने को कहा गया है। इस समयावधि में भुगतान नहीं करने वालों की गाड़ी जब्त करने की तैयारी है। डीटीओ प्रवीण प्रकाश ने जिला परिवहन ऑफिस से रजिस्टर्ड वैसे वाहन मालिक जिनके वाहन 4 सॉफ्टवेयर में वाहन के टैक्स का भुगतान नहीं किया गया है, उन्हें रोड टैक्स के अलावा दूसरा कोई भी टैक्स बकाया हो तो ससमय भुगतान करने का आदेश जारी किया है। यह भुगतान ऑनलाइन भी किया जा सकता है। टैक्स नहीं देने वाले बस मालिकों के खिलाफ मोटर व्हीकल एक्ट 1988 के तहत कार्रवाई की जाएगी।

तीन प्रकार से नोटिस भेजेगा विभाग

वाहन मालिकों को टैक्स जमा करने के लिए तीन प्रकार से नोटिस भेजे जाएंगे। पहले चरण में परिवहन विभाग की वेबसाइट और अखबारों में विज्ञापन निकालकर वाहन मालिकों को टैक्स जमा करने के लिए कहा जाएगा। इसके बाद इसके बाद डिमांड नोटिस रजिस्टर्ड पोस्ट के जरिए भेजा जाएगा। इसके बाद भी वाहन मालिक टैक्स जमा नहीं करेंगे तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की प्रक्रिया की जाएगी। परिवहन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार विभाग ऐसे बस मालिकों को नोटिस भेजा रहा है जिन्होंने बीते डेढ़ वर्ष से टैक्स का भुगतान नहीं किया है। डीटीओ प्रवीण प्रकाश ने बताया कि लंबे समय से टैक्स का भुगतान नहीं करने से करोड़ो रुपए की राशि बकाया हो गई है। विभाग की ओर से सभी डिफाल्टर की लिस्ट तैयार की जा रही है।

वाहन की होगी नीलामी

राजधानी में करीब 2 हजार बसें रजिस्टर्ड हैैं। इन बस मालिकों पर रोड टैक्स के रुप में करोड़ों रुपए बकाया है। पहले चरण में 500 बसों के वाहन मालिकों के नाम व वाहनों का रजिस्ट्रेशन नंबर जारी किया गया है। इसके बाद बाकी 1500 वाहनों का भी नंबर जारी कर बकाया टैक्स भुगतान का निर्देश देंगे। ऐसा नहीं करने वालों के खिलाफ भी कार्रवाई शुरू होगी। टैक्स का भुगतान नहीं करने वालों की गाड़ी जब्त कर उसकी निलामी की जाएगी। हालांकि, वैसे बस मालिक जिन्होंने अपने टैक्स का भुगतान कर दिया है, फिर भी लिस्ट में उनका नाम यदि शामिल है, तो वे अपने सभी वैलिड डॉक्यूमेंट के साथ परिवहन विभाग में सपंर्क कर सकते हैैं।