रांची (ब्यूरो) । डीपीएस स्कूल में गुरुवार को एनुअल डे के अवसर पर जश्न ए बचपन नामक रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम के अंतर्गत कक्षा नर्सरी और प्रेप के बच्चों द्वारा नृत्य नाट्य कला का अद्भुत मंचन प्रस्तुत किया गया। कार्यक्रम का उद्देश्य पुरस्कार के जरिए ब'चों को हर क्षेत्र में उपलब्धियां प्राप्त कराने के लिए प्रोत्साहित करना तथा पर्यावरण को स्व'छ और सुरक्षित रखते हुए जीव-जंतुओं के प्रति सहानुभूति के भावों को अनुभव कराना है।

वेलकम सांग से शुरूआत

कार्यक्रम का शुभारंभ वेलकम सांग एवं ज्ञान के प्रतीक दीप प्रज्ज्वलन से हुआ।

समारोह के मुख्य अतिथि न्यायाधीश संजय प्रसाद झारखण्ड उच्च न्यायलय ने इस अवसर पर विशेष रूप से उपस्थित होकर विद्यालय को गौरवान्वित किया। अतिथियों का स्वागत करते हुए स्कूल के प्रिंसिपल डॉ राम सिंह ने अपने भाषण में विद्यार्थियों के शैक्षणिक उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि स्कूल बच्चों में नैतिक मूल्य पर आधारित शिक्षा देने में विश्वास रखता है तथा विभिन्न गतिविधियों और प्रतिस्पर्धाओं के माध्यम से बच्चों में रूचि जागृत कराना है। ताकि आने वाले समय में ये बच्चे मजबूती से सभी चुनौतियों का सामना कर सकें।

खुशियों का सुंदर चित्रण

इसके बाद कक्षा नर्सरी और प्रेप के बच्चों द्वारा जश्न ए बचपन के अंतर्गत नृत्य नाटिका से सांस्कृतिक कार्यक्रम का आगाज किया गया। नर्सरी के बच्चों द्वारा पुरस्कार वितरण समारोह पर आधारित नृत्य नाटिका के माध्यम से बच्चों ने पुरस्कार द्वारा प्राप्त होने वाली खुशियों का बहुत ही सुंदर चित्रण को उजागर किया। वहीं प्रेप के बच्चों द्वारा जंगल बुक पर आधारित नृत्य नाटिका के माध्यम से पर्यावरण की रक्षा करना तथा पशु-पक्षियों के मित्रवत व्यवहार बनाए रखने का संदेश दिया।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जस्टिस संजय प्रसाद ने कहा कि स्कूल द्वारा आयोजित कार्यक्रम में छोटे और नन्हें विद्यार्थियों का प्रदर्शन बहुत ही प्रभावपूर्ण था। उन्होंने इस बात की प्रशंसा की कि स्कूल छोटे बच्चों को आने वाले कल का जिम्मेदार नागरिक बनाने का जो प्रयास चल रहा है वह काफी प्रशंसनीय है।