RANCHI: कोरोना वायरस का डर लोगों में समा गया है, जिसे देखो वो खुद बचाने के लिए तरह-तरह के उपाय कर रहा है। इस बीच हेल्थ डिपार्टमेंट भी अलर्ट हो गया है। वहीं रांची समेत झारखंड के लिए गाइडलाइंस भी जारी कर दी गई है। इतना ही नहीं, एयरपोर्ट पर बाहर से आने वाले मरीजों में किसी भी तरह के लक्षण पाए जाने पर उनकी स्क्रीनिंग की जा रही है। वहीं पैसेंजर्स के लिए सेल्फ डिक्लीयरेशन सेंटर भी बनाया गया है। जहां पर आकर पैसेंजर्स को बताना है कि उन्होंने चीन का विजिट किया है या वहां से आए हैं।

जरूरत पड़ी तो बढ़ सकेत हैं कैंप

रांची के सिविल सर्जन डॉ विजय बिहारी प्रसाद की मानें तो एयरपोर्ट पर सेंटर इसलिए बनाया गया है क्याेंकि वहां पर देश के हर कोने से पैसेंजर्स आते हैं। वहीं, चीन से होते हुए दूसरे राज्यों के लोग भी रांची आ रहे हैं। ऐसे में वे लोग खुद बताएंगे कि वे चीन गए थे या नहीं। जिससे कि पैसेंजर्स को आइडेंटिफाइ करके उन्हें आइसोलेशन में रखा जाएगा। वहीं जरूरत पड़ी तो स्टेशनों पर भी स्क्रीनिंग के लिए कैंप लगाए जा सकते हैं। लेकिन अभी वैसी स्थिति झारखंड में नहीं है।

मेडिकल हेल्पलाइन 104 पर आ रहे कॉल

सिटी के लोगों में कोरोना का डर इस कदर समा गया है कि वे लोग सर्दी-जुकाम होने पर भी घबरा रहे हैं। ऐसे में मेडिकल हेल्पलाइन 104 पर कॉल करके डॉक्टर से सलाह ले रहे हैं। वहीं क्या करें और क्या न करें, जैसे सवाल भी पूछ रहे हैं। वहीं कई लोग इस बीमारी के बारे में जानकारी हासिल करने के लिए भी कॉल कर रहे हैं। इससे साफ है कि लोग खुद भी इस बीमारी से बचने के लिए जागरूक हैं।

हेल्थ एडवाइजरी जारी, रहें अलर्ट

हेल्थ डिपार्टमेंट ने हॉस्पिटल में काम करने वाले डॉक्टर्स और स्टाफ्स के साथ पब्लिक के लिए एडवाइजरी जारी कर दी है। इसमें लोगों को खुद से अलर्ट रहने को कहा गया है। इसके अलावा भीड़-भाड़ वाले इलाकों में जाने से परहेज करने की सलाह भी दी गई है।

मास्क के लिए मनमाना पैसे वसूल रहे दुकानदार

खुद को बचाने के लिए लोगों को मास्क का यूज करने को कहा गया है। इसके बाद से ही होलसेल दुकान से लेकर मेडिकल दुकान वालों की चांदी हो गई है। वहीं मास्क के दाम आसमान छू रहे हैं। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि 2 रुपए में बिकने वाला डिस्पोजेबल मास्क 11 रुपए में होलसेल में मिल रहा है। वहीं, 25 रुपए वाला मास्क 60-70 रुपए में बेचा जा रहा है। जबकि रिटेल दुकानों में तो मनमाना पैसा लिया जा रहा है। लेकिन लोग खुद की सेफ्टी के लिए यह भी करने को तैयार हैं।