रांची: कोरोना का ग्राफ एकबार फिर सिटी में तेजी से बढ़ने लगा है। फिर भी लोग न तो मास्क लगाने को तैयार हैं और न ही सोशल डिस्टेंसिंग मेंटेन करने को। इससे साफ है कि अब नहीं चेते तो फिर से लॉकडाउन का सामना करना पड़ सकता है। वहीं, चौंकाने वाली बात यह है कि राज्यभर में कोरोना के आधे से अधिक मामले केवल सिटी में हैं। बाकी 23 जिलों में कोरोना के एक्टिव मामले हैं। सिटी में कोरोना की रफ्तार तेजी से बढ़ रही है। वहीं इसे लेकर रिम्स भी अलर्ट मोड में आ गया है। ट्रामा सेंटर स्थित इंटीग्रेटेड कोविड सेंटर को एकबार फिर से पूरी तरह कोरोना के मरीजों के लिए खोल दिया गया है। वहीं स्टाफ की डिमांड और दवाएं भी प्रबंधन से की गई है, ताकि किसी भी आपात स्थिति से निपटा जा सके।

सदर में भर्ती होंगे एसिंप्टोमैटिक

रिम्स में कोरोना की चपेट में आए गंभीर मरीजों का इलाज किया जाएगा। चूंकि वहां पर हर तरह की सुविधा मरीजों के लिए उपलब्ध है। जबकि सदर में एसिंप्टोमैटिक और माइल्ड सिंप्टोमैटिक मरीजों को रखने की तैयारी है। इसके बाद अगर किसी मरीज को ट्रीटमेंट की जरूरत पड़ेगी तो उसके लिए सीसीएल हॉस्पिटल में भी सारे इंतजाम हैं।

पेइंग वार्ड में एक फ्लोर रिम्स स्टाफ के लिए

रिम्स के पेइंग वार्ड में एक फ्लोर रिम्स के डॉक्टर व स्टाफ के लिए रिजर्व रखा गया है। वहीं सेकेंड फ्लोर एसिंप्टोमेटिक एवं माइल्ड सिंप्टोमेटिक मरीजों के लिए आरक्षित करने का निर्णय लिया गया है। थर्ड फ्लोर को जल्द तैयार करने का निर्देश दिया गया है, जिससे कि मरीजों के बढ़ने की स्थिति में निपटा जा सके।

अबतक 33843 कोरोना पाजिटिव रांची में

31 मार्च 2020 को रांची में कोरोना संक्रमण का पहला मामला सामने आया था। उसके बाद से आजतक 33843 कोरोना पािॅजिटिव मरीज राजधानी में मिल चुके है। जबकि 33205 लोग रिकवर होकर घर लौट चुके है। वहीं कोरोना से मरने वालों की संख्या 252 पहुंच गई है। अब केवल सिटी में 400 से अधिक कोरोना के एक्टिव केस है। टेस्टिंग की रफ्तार बढ़ने से नए मामले भी तेजी से बढ़ रहे हैं।

स्टेशन और एयरपोर्ट पर सैंपलिंग तेज

कोरोना के बढ़ते मामले को देखते हुए एयरपोर्ट और रेलवे स्टेशन पर पर्याप्त इंतजाम किए गए हैं। बाहर से आने वाले पैसेंजर्स का वहीं पर स्वाब सैंपल लेकर आरटीपीसीआर टेस्ट के लिए भेजा जा रहा है। इससे इतना तो साफ हो गया कि हेल्थ डिपार्टमेंट इसबार रिस्क लेने के मूड में नहीं है। इसलिए सैंपलिंग तेज करने का निर्देश दिया गया है, ताकि कोरोना पॉजिटिव की पहचान करते हुए उनका इलाज शुरू किया जा सके।

खुद से लोग करा रहे टेस्ट

कोरोना के मामले जब बढ़े तो लोग भी खुद से जागरूक हो रहे हैं। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि कोविड टेस्ट सेंटर पर लोगों की भीड़ दिखने लगी है। लोग खुद से लाइन में लगकर अपना कोविड टेस्ट करा रहे हैं। इस वजह से भी नए मामले सामने आ रहे हैं।

दवाई के साथ कहीं फ्री में न मिल जाए कोरोना

रिम्स कैंपस में चैरिटेबल दवाई दोस्त में दवा खरीदने के लिए मरीजों की लंबी लाइन लगी रहती है। चूंकि वहां पर दवाएं सस्ती दर पर मिल जाती हैं। लेकिन दवा खरीदने के चक्कर में लोग मास्क भूल जा रहे हैं। वहीं सोशल डिस्टेंसिंग का तो नामोनिशान ही नहीं है। वहीं ड्यूटी में तैनात गार्ड भी इसे फालो नहीं करा रहे हैं। ऐसे में दवा खरीदने के चक्कर में लोग फ्री में कोरोना तो साथ नहीं ले जा रहे हैं।