--परिवहन विभाग के सचिव की अध्यक्षता में हुई मीटिंग
--अधिकारियों समेत 50 से अधिक प्राइवेट बस ओनर्स ने दी सहमति
--इसी हफ्ते गाइडलाइन आने के बाद शुरू हो जाएगा काम
>RANCHI: रांची से राज्य के विभिन्न जिलों में खटारा बसों से सफर करने वालों के लिए गुड न्यूज है। क्भ् नवंबर से राज्य के विभिन्न जिलों के लिए रांची से डिलक्स बस सर्विस शुरू की जाएगी। इस नन स्टॉप डिलक्स बस सेवा को शुरू करने का निर्णय सोमवार को परिवहन विभाग के सचिव रतन कुमार की अध्यक्षता में हुई बैठक में लिया गया। मौके पर विभागीय अधिकारियों के अलावा विभिन्न जिलों के करीब भ्0 से अधिक बस ओनर्स मौजूद थे।
मिलेगा स्पेशल परमिट
लग्जरी बसों को स्पेशल परमिट परिवहन विभाग देगा, जो वर्तमान में मिल रहे जेनरल परमिट से अलग होगा। इस सेवा के शुरू होने के बाद पैसेंजर को बहुत परेशानी नहीं होगी। रांची से बस में बैठने के बाद सीधे वे अपनी मंजिल पर ही पहुंचेंगे। अभी जिन बसों से लोग सफर कर रहे हैं, वो जगह-जगह रुकती है। इस कारण समय की भी बर्बादी होती है।
सरकारी बस स्टैंड मे रूकेगी
सरकार द्वारा अभी गाइड लाइन तय नहीं की गई है। परिवहन विभाग के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, राज्य में जितने भी सरकारी बस स्टैंड हैं, उन्हें थोड़ा ठीक-ठाक कर इन बसों का स्टॉपेज बनाया जाएगा। इन बसों के चलने से उस स्टैंड पर दूसरे किसी भी बस की एंट्री नहीं होगी। सरकार जो यह सेवा शुरू करने जा रही है उसमे प्राइवेट ऑपरेटर को कई सुविधा दी जाएगी।
क्भ् नवंबर तक शुरू होगी सर्विस
परिवहन विभाग लग्जरी बस सेवा जल्द ही शुरू करने की तैयारी में है। पहली मीटिंग के बाद गाइड लाइन तय होगी, उसके बाद आगे की कार्यवाही शुरू होगी। परिवहन विभाग के अधिकारी इस पर जल्दी काम शुरू करने की तैयारी में हैं, ताकि राज्य स्थापना दिवस क्भ् नवंबर को यह सेवा शुरू हो जाए।
यहां के लिए शुरू होगी सर्विस
रांची से जमशेदपुर
रांची से चाईबासा
रांची से सिमडेगा
रांची से लोहरदगा
रांची से हजारीबाग
रांची से कोडरमा
रांची से चतरा
रांची से धनबाद
रांची से गिरिडीह
रांची से देवघर
रांची से पलामू
रांची से देवघर
रांची से दुमका
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वर्जन
परिवहन विभाग रांची से राज्य के दूसरे जिलों मे लग्जरी बस चलाने का विचार कर रहा है। अभी इसकी गाइड लाइन नहीं तय हुई है। लेकिन इस वीक गाइड लाइन आ जाने के बाद इस पर काम शुरू हो जाएगा। राज्य के सभी जिलों के प्राइवेट बस ओनर्स भी लग्जरी बस सेवा शुरू करने के पक्ष में हैं।
-राजेश बरवार, आरटीओ, रांची