रांची (ब्यूरो)। चैंबर की हेल्थ उप समिति के चेयरमेन डॉ अभिषेक रामाधीन ने कहा कि डॉक्टर्स को पर्याप्त सुरक्षा देना सरकार और पुलिस प्रशासन का दायित्व है, यदि अपराधियों के मनोबल को तत्काल नहीं रोका गया तब ऐसी घटनाओं से परेशान होकर राज्य से डॉक्टर्स का पलायन आरंभ हो जायेगा जिससे राज्य की चिकित्सा व्यवस्था बुरी तरह प्रभावित होगी। सरकार यदि डॉक्टर्स को सुरक्षा नहीं देगी, तब मरीजों का ईलाज कैसे होगा?

व्यवसायी पहले से ही आंदोलन पर

वर्तमान में कुछ विभागों की अव्यावहारिक नीतियों के कारण आज झारखंड के व्यापारी सड़कों पर आंदोलनरत हैं ही, यदि डॉक्टर्स को भी परेशान किया गया तो वो भी अपनी सुरक्षा के लिए सड़कों पर उतरने को विवश होंगे। यह काफी गंभीर मुद्दा है जिससे राज्य की छवि पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। अपराधियों को कंट्रोल नहीं करने के कारण आज डॉक्टर्स को हड़ताल करने पर विवश होना पड़ रहा है जो राज्यवासियों की चिकित्सा व्यवस्था के लिए चिंता का विषय है। स्थानीय प्रशासन को इस घटना में संलिप्त अपराधियों की जल्द गिरफ्तारी कर कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि भविष्य में किसी भी डॉक्टर्स के साथ ऐसी अप्रिय घटनाएं नहीं हों।

आइएमए ने हड़ताल की चेतावनी दी

विदित हो कि धनबाद में डॉक्टर समीर कुमार के साथ घटित घटना पर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन, धनबाद द्वारा यह निर्णय लिया गया है कि यदि 8 मई तक पुलिस प्रशासन ठोस कार्रवाई करते हुए चिकित्सकों के अनुकूल माहौल बनाने में विफल रहती है तब धनबाद के सभी अस्पताल 9 मई 2022 की सुबह 6 बजे से बेमियादी हड़ताल पर चले जाएंगे।