रांची: राज्य पुलिस पर डॉन अनिल शर्मा की फरारी का डर बना हुआ है। झारखंड-बिहार का गैंगस्टर अनिल शर्मा अपनी मां राम सुंदरी देवी के देहांत पर पैरोल पर रांची लाया गया है। सोमवार को अनिल शर्मा ने अपनी मां का अंतिम संस्कार स्वर्णरेखा घाट पर किया। बड़ा बेटा होने के नाते अनिल शर्मा ने मां राम सुंदरी देवी को मुखाग्नि दी। भारी सुरक्षा के बीच अनिल शर्मा पुलिस गाड़ी से स्वर्णरेखा घाट पहुंचा। गाड़ी से उतरने के बाद सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मियों ने हथकड़ी को खोल दिया। हालांकि, हथकड़ी खोलने को लेकर किसी अधिकारी से इजाजत नहीं ली गई थी।

स्वर्णरेखा घाट पर सिक्योरिटी टाइट

इससे पूर्व ही स्वर्णरेखा घाट में चुटिया और नामकुम थाना की पुलिस मुस्तैद हो थी। पूरा स्वर्णरेखा घाट सुरक्षा घेरे में तब्दील रहा। इस दौरान कई भाजपा कार्यकर्ता भी स्वर्णरेखा घाट पहुंचे। फिलहाल एक दिन के पैरोल पर गैंगस्टर अनिल शर्मा दुमका जेल से भारी सुरक्षा के बीच रांची स्थित आवास देर रात लाया गया। मां को मुखाग्नि देने के बाद अनिल शर्मा को वापस दुमका जेल लाया जाएगा। इससे एक वर्ष पूर्व 13 अप्रैल 2019 को गैंगस्टर अनिल शर्मा के पिता नंदेश प्रसाद शर्मा का निधन हुआ था। उस समय भी अनिल शर्मा पैरोल पर दुमका जेल से रांची भारी सुरक्षा में आया था।

2009 में रिम्स से हुआ था फरार

हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा काट रहा कुख्यात अपराधी अनिल शर्मा 2009 में रिम्स अस्पताल से नाटकीय तरीके से फरार हो गया था। हाजीपुर जेल में बंद अनिल को अप्रैल 09 के अंतिम सप्ताह में अदालत में पेशी के लिए रांची लाया गया था। यहां रीढ़ की हड्डी में दर्द की शिकायत के बाद 10 मई को उसे रिम्स में भर्ती कराया गया। जब वह फरार हुआ उस समय उसकी सुरक्षा में तैनात सभी छह पुलिसकर्मी दूसरे कमर में सो रहे थे। पुलिस जांच में बात सामने आई कि उसे स्कार्पियो से तीन लोगों ने फरार कराया है। उसकी फरारी के मामले में बरियातू थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई, जिसमें अनिल शर्मा के अलावा कारू सिंह, सुनील सिंह, कन्हाई सिंह को भी आरोपी बनाया गया। सुरक्षा में तैनात 6 पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया और उनके खिलाफ भी प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी। बाद में अनिल शर्मा को दिल्ली से गिरफ्तार किया गया।

हजारीबाग से दुमका जेल हुआ था शिफ्ट

तीन वर्ष पहले 2017 में डीजीपी डीके पांडेय ने रांची एसएसपी, रामगढ़ व हजारीबाग के एसपी को पत्र लिखकर अनिल शर्मा पर शिकंजा कसने का आदेश दिया था। डीजीपी ने अपने पत्र के माध्यम से एसपी को बताया था कि हजारीबाग जेल में बंद रहने के बावजूद अनिल शर्मा सक्रिय है। इसके बाद उसे हजारीबाग से दुमका जेल भेजा गया था। गैंगस्टर अनिल शर्मा के खिलाफ राज्य के अलग-अलग थानों में कुल 23 मामले दर्ज हैं। पिछले 20 सालों से अनिल शर्मा जेल में बंद है।

जेल से चला रहा रंगदारी नेटवर्क

केंद्रीय कारा दुमका में उम्रकैद की सजा काट रहे गैंगस्टर अनिल शर्मा के खिलाफ सीआइडी रांची के पुलिस निरीक्षक महेश्वर प्रसाद रंजन ने दुमका के टाउन थाने में 29 सितंबर 2019 को प्राथमिकी दर्ज कराई थी। अनिल शर्मा पर जेल में रहते हुए रंगदारी मांगने, टेंडर मैनेज करने और हत्या की योजना बनाने का आरोप लगाया गया था। जेल के भीतर से अनिल शर्मा अपना रंगदारी नेटवर्क चलाता है।

रेलवे की ठेकेदारी में धमक

झारखण्ड-बिहार के रेलवे ठेकेदारी में अनिल शर्मा की खासी धमक है। जानकर बताते हैं कि रेलवे में ठेकेदारी केवल वही लोग कर सकते हैं जिन्हें अनिल शर्मा का संरक्षण मिला हुआ है। कुछ दिनों पूर्व रांची पुलिस ने अनिल शर्मा के गुर्गे डबलू को गिरफ्तार किया था जो कई लोगों से रंगदारी की डिमांड कर रहा था। साथ ही कई ठेकेदारों के सम्पर्क में भी था। स्टेशन रोड, चुटिया आदि इलाको में अनिल शर्मा के कई गुर्गे सफेदपोश होने के चक्कर में हैं, जिनपर पुलिस की भी पैनी नजर है।