रांची(ब्यूरो)। सड़क पर सलीके से न चलने का खामियाजा रांची के लोगों ने इस साल खूब भुगता है। इसी साल अक्टूबर महीने 5237 लोगों का डीएल तीन महीने के लिए सस्पेंड किया जा चुका है। एक साल में इतनी अधिक संख्या में लाइसेंस पहले कभी सस्पेंड नहीं हुए। इस बार सड़क पर सख्ती के साथ नियमों का पालन कराया गया, जिसका परिणाम है कि करीब पांच हजार से भी ज्यादा लोगों का लाइसेंस सस्पेंड हुआ। वहीं बीते साल महज 1290 लाइसेंस ही सस्पेंड हुए थे। इसकी एक वजह यह भी है कि बीते साल कोरोना को लेकर लॉकडाउन भी था और सड़क पर वाहनों का मूवमेंट भी कम था।

ये कैसी ट्रेनिंग

लाइसेंस बनने से पहले आवेदकों को सड़क सुरक्षा से जुड़ी ट्रेनिंग दी जाती है। आवेदनकर्ता को क्लास में बिठाकर सड़क पर गाड़ी चलाने के रूल समझाए जाते हैं। किस सिग्नल के जलने पर कौन सा एक्शन लेना है, टर्न लेने से पहले क्या करना है, जेब्रा क्रासिंग समेत अन्य जानकारी भी दी जाती है। लेकिन, लाइसेंस सस्पेेंड होने की संख्या बता रही है कि क्लास के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति हो रही है। किस तरह से लोगों को ट्रैफिक रूल बताए जाते हैं, इसकी बानगी रांची की सड़कों पर भी देखने को मिलती है। कहीं से भी कोई भी कट मार कर निकलने की होड़ में रहता है। सिग्नल की परवाह नहीं। रेड सिग्नल के बाद भी स्टॉप लाइन पार कर ही लोग अपनी गाड़ी खड़ी करते हैं। रेड लाइट जंप का भी ख्याल नहीं रहता है। इसके अलावा बिना हेलमेट, बिना सीट बेल्ट लगाकर चलने की आदत अबतक लोगों की खत्म नहीं हुई है। डीटीओ ऑफिस बिल्डिंग में ही आवेदकों को ट्रैफिक नियम बताए जाते हैं। निजी कंपनी द्वारा एक्सपर्ट को बुलाकर नियम समझाने का प्रयास किया जाता है। लेकिन कौन व्यक्ति कितना सीखा, इसकी जांच नहीं की जाती। इसी का नतीजा है कि सड़क पर रूल ब्रेक करने वालों कीे संख्या में कमी नहीं आ रही है।

लाइसेंस बनवाने के हंै कई स्टेप

लाइसेंस बनवाने से पहले कई चरणों से होकर गुजरना पड़ता है। लाइसेंस बनवाने वाले आवेदकों को सबसे पहले लर्निंग के प्रोसेस से गुजरना पडता है। ड्राइविंग स्किल और रूल सीखने के लिए एक महीने का समय दिया जाता है। एक महीने के बाद टेस्ट भी लिया जाता है। टेस्ट में भी कई लोग फेल होते हंै, उनसे फिर से टेस्ट लिया जाता हैै। लेकिन नियम बार-बार नहीं समझाए जाते। रांची के मोरहाबादी मैदान में ड्राइविंग टेस्ट ली जाती है। टू-व्हीलर के लिए आठ के निशान पर जमीन पर पांव रखने बिना गाड़ी चलानी होती है। वहीं फोर व्हीलर चालक को चिन्हित रेखा के अंदर फारवर्ड और रिवर्स कराया जाता है। ऐसा नहीं कर पाने वालों को टेस्ट में फेल बताकर फिर से प्रयास करने को कहा जाता है। इसकी अलग प्रक्रिया होती है। सबकुछ सही होने के बाद लाइसेंस निर्गत कर दिया जाता है। लेकिन सड़क पर पुलिस लोगों को रूल ब्रेक करते हुए पकड़ लेती है और उनका लाइसेंस तीन माह के लिए स्पेंड कर दिया जाता है।

हर माह 500 लाइसेंस सस्पेंड

इस साल जनवरी से अक्टूबर तक 5237 डीएल सस्पेंड किए जा चुके हैं। रूल ब्रेक करने वाले लोगों का लाइसेंस जब्त कर ट्रैफिक पुलिस की ओर से लाइसेंस सस्पेंड करने की अनुशंसा डीटीओ से की जा चुकी है। पुलिस की सख्ती के कारण हर महीने 500 से ज्यादा लाइसेंस सस्पेंड हो रहे हैैं। लाइसेंस सस्पेंसन के पीरियड में लोगों को ड्राइव नहीं करना होता है। ऐसा करते पाए जाने पर फाइन किया जाता है। लेकिन अधिकतर लोग है जिनका लाइसेंस जब्त या सस्पेंड हो चुका है, वे बेधड़क गाड़ी चला रहे हैं। तीन या इससे ज्यादा बार लाइसेंस सस्पेंड होने पर उसे हमेशा के लिए रद्द कर दिया जाता है।

इन कारणों से डीएल हो रहा सस्पेंड

- बिना हेलमेट और बिना सीट बेल्ट बांधे ड्राइविंग करने पर

- ट्रीपल राइड करने पर

- कैपिसिटी से ज्यादा माल ढुलाई पर

- रैश ड्राइविंग करने पर

- डं्रक एंड ड्राइव मामले में

- ट्रैफिक नियमों की बार-बार अनदेखी करने पर

किस साल कितने डीएल हुए निलंबित

साल डीएल सस्पेंड

2018 74

2019 1942

2020 1295

2021(अक्टूबर तक) 5237