रांची(ब्यूरो)। राजधानी में अपराधी बेलगाम हो गए हैं। हत्या, लूट, छिनतई और चोरी को लगातार अंजाम दे रहे हैं। राजधानी में हर तीसरे दिन हत्या हो रही है। हत्या की वजह से हर इलाके में दहशत का माहौल हैं। कई बड़े मामलों में पुलिस खुलासा नहीं कर पाई है। कुछ मामलों का खुलासा हुआ है लेकिन इस तरह से राजधानी में दिनदहाड़े हत्या होने की वजह से पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठने लगे हैं। पुलिस आकंड़ा के अनुसार, जनवरी से लेकर अगस्त तक 96 लोगों की हत्या कर चुकी है। पुलिस की लापरवाही इससे स्पष्ट हो रही है कि रातू इलाके में स्कार्पियो में फर्जी नंबर लगाकर पांच अपराधी घंटों घूमते रहे लेकिन पुलिस को इसकी भनक तक नहीं लगी। स्कार्पियो में अपराधी हथियार लेकर बैठे थे पर पुलिस को कहीं से इसकी जानकारी नहीं मिल पाई। एसएसपी चंदन सिन्हा ने सख्त आदेश दिया है कि सुबह शाम वाहन चेङ्क्षकग अभियान चलाया जाए। लेकिन सड़क पर तैनात पुलिसकर्मी एसएसपी का भी आदेश नहीं मान रहे हैं। रातू इलाके में वाहन चेङ्क्षकग अभियान चलता तो अपराधी पुलिस की पकड़ में होते। पुलिस को हत्या होने के बाद स्कार्पियों का नंबर मिला। नंबर की जांच की गई तो नंबर फर्जी निकला।

ढके थे शूटर्स के चेहरे

पुलिस का कहना है कि कारोबारी अभिषेक श्रीवास्तव को गोली मारने वाले अपराधियों ने चेहरा ढका हुआ टोपी पहना था। इस वजह से कोई उनका चेहरा नहीं देख पाया। कांड को अंजाम देने के बाद सभी अपराधी ङ्क्षरग रोड की ओर फरार हो गए। लेकिन पुलिस ने शहर में चेङ्क्षकग अभियान लगा दिया। बरियातू रोड, रातू रोड और अन्य इलाकों में हर स्कार्पियो को रोका गया और गहनता से जांच की गई। हालांकि अपराधी भागने में सफल हो गए और पुलिस हाथ पर हाथ रखकर बैठी रही।

टीपीसीएस के रंगदारी मांगने की चल रही जांच

पुलिस का कहना है कि इस ङ्क्षबदु पर भी जांच चल रही है कि टीपीसीएस द्वारा कारोबारी से रंगदारी की मांग की गई थी या नहीं। पिपरवार में टीपीसीएस उग्रवादी सक्रिय हैं। एसएसपी चंदन सिन्हा का कहना है कि रांची में कारोबारी से रंगदारी की मांग नहीं की गई है। इस कांड का खुलासा करने के लिए एसआइटी का गठन किया गया है। इस मामले में दो डीएसपी और तीन थानेदार को लगाया गया है। रांची पुलिस की टीम अलग अलग इलाकों में छापेमारी कर रही है।

शव पहुंचते ही घर जुटे लोग

कारोबारी अभिषेक श्रीवास्तव का शव जैसे ही घर पहुंचा सैकड़ों लोग मौके पर पहुंच गए। पत्नी का रो-रो कर बुरा हाल था। कारोबारी की जब हत्या हुई तब वह तिलैया में था। वहीं से सीधा वह रांची पहुंचा और उसके आने के बाद शव घर लाया गया। पुलिस अभी भाई का बयान नहीं ले पाई है। पुलिस का कहना है कि भाई का बयान लेने के बाद इस मामले में अहम सुराग मिलने की संभावना है।

इन बड़े कांड में एसआईटी फेल

टायर कारोबारी की हुई हत्या

वर्ष 2023 में टायर कारोबारी गोपाल श्रीवास्तव की हत्या कर दी गई। इस मामले में एसआइटी का गठन किया गया। लेकिन पुलिस अपराधियों को पकडऩा तो दूर इस बात का भी पता नहीं लगा पाई कि हत्या का कारण क्या रहा।

पूर्व एसपीओ हत्याकांड

रांची पुलिस ने वर्ष 2018 में हुई पूर्व एसपीओ बुधु दास हत्याकांड का खुलासा नहीं कर पाई। इस कांड का खुलासा करने के लिए एसआइटी का गठन हुआ था। लेकिन पुलिस ने साक्ष्य के अभाव में केस ही बंद कर दिया।

गहना घर गोलीकांड

वर्ष 2019 में लालपुर इलाक में स्थित गहना घर जेवरात दुकान में अपराधियों ने दुकान के दोनों संचालक को गोली मारकर जख्मी कर दिया था। इस मामले में अपराधियों ने लाखों रुपये का जेवरात लूट लिया था। इसमें भी एसआइटी फेल साबित हुई।

राजेश पाल हत्याकांड

डेली मार्केट इलाके वर्ष 2022 में जेवर दुकान के संचालक राजेश पाल की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस मामले में भी एसआइटी का गठन हुआ लेकिन टीम कुछ नहीं कर पाई। इस मामले में भी अपराधियों ने जेवरात लूट लिया था।