रांची(ब्यूरो)। राजधानी रांची में शव मिलने का सिलसिला लगातार जारी है। आखिर कौन इन वारदात को अंजाम दे रहा है। हाल के दिनों में धुर्वा में ज्यादातर ऐसे मामले सामने आए हैं, जहां शव बरामद हुए हंै। अधिकतर मामले में आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हुई है। पुलिस की पहली प्रतिक्रिया 'आत्महत्याÓ के रूप में होती है, जबकि शवों पर चोट के निशान साफ नजर आते हैैं।

लगातार मिल रही लाशें

रांची में बीते 20 दिनों दस लाशें बरामद हो चुकी हैं। पुलिस इनकी छानबीन कर रही है। कुछ मामलों में डेड बॉडी की शिनाख्त हुई तो वहीं कुछ अब भी पहेली बने हुए हैं। जिनकी पहचान नहीं हुई है, उनकी उनकी अंत्येष्टी कर दी जाएगी। लेकिन इन शवों को पीछे किसका हाथ है, यह सवाल पहेली बन कर रह जाएगी। शनिवार को भी धुर्वा थाना क्षेत्र के मछली मार्केट के पास से एक सिपाही का शव बरामद हुआ। तो एक दिन पहले ही एक पत्रकार की डेड बॉडी भी धुर्वा थाना क्षेत्र स्थित जेएससीए स्टेडियम से मिली थी। धुर्वा थाना प्रभारी राजीव कुमार सिर्फ इतना ही कहते हैैं कि 'लाश को पुलिस ने कब्जे में ले लिया है, छानबीन चल रही है.Ó

कोई पहल नहीं

सिटी में मिलने वाले डेड बॉडी का पोस्टमार्ट कर उसे रिम्स के मॉच्र्यूरी वार्ड में रख दिया जाता है। कुछ दिनों तक अखबार और दूसरे माध्यम से इसकी सूचना सार्वजनिक करने का नियम है, लेकिन प्रशासन इसमें भी लापरवाही बरतता है। रिम्स के डॉक्टरों का कहना है कि रिम्स में कई लाशें हैं, जो अपनी पहचान के लिए मॉच्र्यूरी डिपार्टमेंट में महीनों से पड़ी हुई हैं। उन लाशों की शिनाख्त करने में न तो पुलिस तत्परता दिखा रही है, न रिम्स प्रबंधन और न ही कोई एजेंसी ऐसे मामलों पर ध्यान देती है। धुर्वा के अलावा नामकुम, चुटिया, जगन्नाथपुर, डोरंडा, कोतवाली समेत अन्य इलाकों से भी लावारिस लाशें बरामद हुई हंै। वैसे तो ज्यादातर अधेड़ या बुजुर्ग के शव ही लावारिस हालत में पाए जाते हैं। लेकिन, इधर युवाओं में भी इस तरह की घटनाओं को देखा जा रहा है। शुक्रवार को मिले लावारिस लाश में एक कम उम्र के युवक की भी है, जिसकी पहचान पूर्व पत्रकार के रुप में हुई है। महिलाओं की भी डेड बाडी पुलिस रजिस्टर में दर्ज है। प्रशासन के सामने सबसे बडा सवाल यह है कि शहर में लावारिस लास मिलने के पीछे किसका हाथ है। पुलिस इस गुत्थी को सुलझा नहीं पा रही।

अननोन डेड बॉडी सुनते ही किनारा

पुलिस विभाग के एक पदाधिकारी ने बताया कि लावारिस लाश मिलने की स्थिति में यूडी केस दर्ज कराया जाता है। लेकिन यदि डेड बॉडी के पास से कोई दस्तावेज या मोबाईल फोन नहीं मिलता, उस परिस्थिति में बॉडी की शिनाख्त कर पाना मुश्किल हो जाता है। हॉस्पिटल में पोस्टमार्टम के बाद व्यक्ति का फोटो जारी करने का नियम है, लेकिन इसे मानते बहुत कम ही लोग हैं। थाने का रजिस्टर देख मिसिंग केस दर्ज कराने वालों को बुलाकर पहचान कराई जाती है। कुछ मामलों में पहचान हो पाती है। ज्यादातर लावारिस लाश समझ कर ही अंत्येष्टि करनी पड़ती है। रांची में लावारिस लाश की बात सुनते ही सरकारी महकमे के अधिकारी पल्ला झाडऩा शुरू कर देते हैं। पधिकारियों का कहना है कि राजधानी में सिर्फ रिम्स ही ऐसा स्थान है जहां लावारिस लाश रखी जाती है। लेकिन न तो हॉस्पिटल मैनेजमेंट और न ही पुलिस विभाग की ओर से इन लावारिस लाश का अंतिम संस्कार कराया जाता है। बल्कि सामाजिक संगठन के लोग इस जिम्मेवारी को निभाते है।

फैक्ट फाइल

04 दिसंबर : धुर्वा थाना क्षेत्र के मछली मार्केट के पास से एक सिपाही का शव बरामद, पुलिस कर रही छानबीन।

03 दिसंबर : धुर्वा थाना क्षेत्र के जेएससीए स्टेडियम के पास से ही एक युवक का शव बरामद। युवक पहचान तो हुई लेकिन किसने मारा यह अभी पहेली है।

30 नवंबर : चुटिया में अज्ञात महिला का शव बरामद किया गया। पुलिस छानबीन कर रही है।

30 नवंबर : बुंडू से एक युवक का शव लावारिस हालत में बरामद हुआ। पहचान नहीं हो सकी है।

29 नवंबर :चान्हों से एक युवक का शव बरामद। हत्या का कारण पता नहीं। पुलिस छानबीन कर रही है।

27 नवंबर: तुपुदाना रेलवे ट्रैक से एक एक युवक का शव बरामद, युवक की पहचान नहीं हो पाई।

24 नवंबर : ओरमांझी थाना क्षेत्र ये एक युवक शव लावारिस हालत में मिला। कातिल का पता नहीं।

23 नवंबर :कोतवाली थाना क्षेत्र स्थित एक रेस्ट हाउस से एक व्यक्ति का शव बरामद।

लावारिस लाश मिलने पर पुलिस कार्रवाई करती है। बॉडी को पोस्टमार्टम के लिए भेजा जाता है। जहां कई जानकारी मिलती है। जिसके आधार पर आरोपी को गिरफ्तार किया जाता है।

एसके झा, एसएसपी रांची