रांची(ब्यूरो)। राजधानी रांची में आने वाली हर योजना में जंग लग जाती है। लेटलतीफी यहां की परंपरा बन गई है। किसी न किसी कारण से हर योजना को लंबे समय तक लटका कर रखा जा रहा है। शहर में बनने वाले कांटाटोली फ्लाईओवर से लेकर रातू रोड एलिवेटेड रोड कबके तैयार हो गए होते। समय पर काम पूरा होने पर आज लोगों को इसका लाभ मिल रहा होता, लेकिन ऐसा नहीं है। झारखंड अलग होने के 22 साल बाद भी आम लोगों को जाम से लेकर टूटी-फूटी सड़क की समस्या झेलनी पड़ रही है। समस्या का समाधान होने की जगह दिनोंदिन परेशानियां बढ़ती जा रही हैं। कांटाटोली, रातू रोड के बाद अब सिरमटोली फ्लाईओवर योजना को भी फंसाने की कवायद शुरू कर दी गई है। दरअसल, सिरमटोली में बनने वाले फ्लाई ओवर में बदलाव करते हुए इसे केबल स्टे ब्रिज के रूप में बनाने का निर्णय लिया गया है। अब फिर से डिजाइन तैयार की जाएगी, जिससे योजना को पूरा होने में लंबा वक्त लगेगा।

समय के साथ लागत भी बढ़ी

योजनाओं में लेटलतीफी से न सिर्फ आम पब्लिक को परेशानी होती है। बल्कि योजनाओं की लागत में बढ़ोतरी हो जाती है। इससे समय की बर्बादी के साथ सरकारी खजाने का भी दुरुपयोग होता है। करीब सात साल पहले कांटाटोली फ्लाई ओवर की योजना तैयार की गई थी। 2017 में इसपर काम शुरू हुआ। उस वक्त इसकी लागत 42 करोड़ थी। जो आज बढ़कर 230 करोड़ रुपए पहुंच गई है। हालांकि, इसकी लंबाई में भी वृद्धि की गई है। 900 मीटर के बजाय 2250 मीटर लंबे फ्लाईओवर का निर्माण किया जा रहा है। यानी इसकी लंबाई करीब ढाई गुना बढ़ी तो लागत भी करीब साढ़े पांच गुना तक बढ़ गई। ऐसी ही स्थिति रातू रोड एलिवेटेड रोड की भी है। एलिवेटेड रोड से पहले कचहरी से लेकर पिस्का मोड़ तक सड़क चौड़ीकरण फिर फ्लाईओवर की योजना तैयार की गई, जिसे फिर से बदल कर एलिवेटेड रोड कर दिया गया। इसके बाद भी निर्धारित समय पर काम शुरू नहीं हुआ। एलिवेटेड रोड का प्रस्ताव तीन साल पहले बना था। उस वक्त 225 करोड़ रुपए की लागत तय की गई थी, जो अब बढकर 534 करोड़ रुपए तक पहुंच चुकी है। अब भी सिर्फ स्वाइल टेस्टिंग का ही काम शुरू हुआ है, जिसमें और तीन महीने का समय लगेगा।

सिरमटोली में बनेगा केबल स्टे ब्रिज

सिरमटोली में बनने वाले फ्लाईओवर पर फिलहाल विराम लग गया है। नई योजना के अनुसार अब इस स्थान पर केबल स्टे ब्रिज बनाने का निर्णय लिया गया है। रेलवे और आम पब्लिक की ओर से आ रही समस्या के बाद ऐसा निर्णय लिया गया है। निर्माण की कुल लागत 337 करोड़ रुपये तय की गई है, जिम्मा एलएनटी कंपनी को दिया गया है। यह केबल स्टे ब्रिज सिरमटोली से राजेन्द्र चौक व मेकॉन गोलचक्कर तक बनेगा। इसकी लंबाई 2.34 किमी है, यह चार लेन होगा। ब्रिज का एक हिस्सा राजेन्द्र चौक से नेपाल हाउस की ओर भी उतरेगा। चार लेनवाले ब्रिज की लंबाई 1632 मीटर और दो लेन वाले की लंबाई 295 मीटर होगी। केबल स्टे ब्रिज के लिए जमीन अधिग्रहण की कम जरूरत पड़ेगी।

आम पब्लिक हलकान

योजनाओं में लेटलतीफी के कारण सबसे ज्यादा असर आम पब्लिक पर पड़ रहा है। इन दिनों फिर से लोगों को सड़क पर चलने में परेशानी शुरू हो गई। कांटाटोली से लेकर बहू बाजार तक और इधर किशोरी यादव चौक से पिस्का मोड़ तक लंबा जाम लग रहा है। इसका असर मेन रोड पर भी पड़ रहा है। पुलिस भी लोगों से अपील करती नजर आ रही है कि थोड़ा अधिक समय लेकर घर से निकलें। क्योंकि सड़क पर जाम में फंसना पड़ सकता है। सबसे ज्यादा परेशानी मरीजों को हो रही है। भीषण जाम में एंबुलेंस भी फंस रही है। स्कूल, कॉलेज और नौकरी में जाने वाले लोगों पर भी असर पड़ रहा है।