रांची (ब्यूरो) । श्री राधाकृष्ण मंदिर में सात दिवसीय संगीतमय श्रीमद भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के चौथे दिन श्री कृष्ण भगवान की जन्म कथा का वर्णन हुआ।

सप्त दिवसीय संगीतमय श्रीमद भागवत कथा के चौथे दिन श्री राधाकृष्ण मंदिर,रातु रोड में मोहन श्याम दुबे (श्याम भैया) तथा रास बिहारी दुबे (श्री धाम वृंदावन) ने कृष्ण जन्म की कथा का मार्मिक ढंग से वर्णन किया,जिसे सुन श्रोता मंत्रमुग्ध हो उठे। श्रीमद भागवत कथा में श्री मोहन श्याम दुबे (श्याम भैया) ने कृष्ण जन्म कथा के बारे में वर्णन करते हुए बताया कि द्वापर युग में पृथ्वी पर राक्षसों के अत्याचार बढने लगे, तब पृथ्वी गाय का रूप धारण कर अपनी व्यथा सुनाने के लिए तथा उद्धार के लिए ब्रह्मा जी के पास गई।

सभी देवता चिंतित हुए

यह सुनकर सभी देवता भी बहुत चिंतित हुए। ब्रह्मा जी सब देवताओं एवं पृथ्वी को साथ लेकर भगवान विष्णु के पास क्षीर सागर ले गए,उस समय भगवान विष्णु अन्नत शैया पर शयन कर रहे थे। स्तुति करने पर भगवान की निद्रा भंग हो गई। भगवान ने ब्रह्मा जी एवं सब देवताओं को देखकर उनके आने का कारण पूछा तो पृथ्वी ने बताया कि भगवान मैं पाप के बोझ से दबी जा रही हूं, मेरा उद्धार कीजिए।

यह सुनकर भगवान विष्णु ने उन्हें आश्वस्त करते हुए कहा कि चिंता न करें,मैं नर-अवतार लेकर पृथ्वी पर आऊंगा और इसे पापों से मुक्ति प्रदान करूंगा, मेरे अवतार लेने से पहले कश्यप मुनि मथुरा के यदुकुल में जन्म लेकर वसुदेव नाम से प्रसिद्ध होंगे। मैं ब्रज मण्डल में वासुदेव की पत्नी देवकी के गर्भ से कृष्ण के रूप में जन्म लूंगा,तुम सब देवतागण ब्रज भूमि में जाकर यादव वंश में अपना शरीर धारण कर लो.कुरुक्षेत्र के मैदान में मैं पापियों का संहार कर पृथ्वी को पापों से भारमुक्त करूंगा।

गोपियों के रूप में पैदा हुए

इसके पश्चात् देवता ब्रज मण्डल में आकर यदुकुल में नन्द यशोदा तथा गोप गोपियों के रूप में पैदा हुए।

समाज के मीडिया प्रभारी नरेश पपनेजा एवं अरुण जसूजा ने जानकारी दी कि कथा के दौरान कंस का अत्याचार, वासुदेव और देवकी जी को कैद में रखना,भगवान श्री कृष्ण का मथुरा में कारागार के भीतर जन्म सहित अन्य कई रोचक प्रसंगों का मार्मिक वर्णन किया गया.इस दौरान भगवान श्री कृष्ण के जन्म लेने पर मनोरम झांकी निकाली गई और महिलाओं ने जमकर सोहर और बधाई गीत गाए.कथा का समापन 28 अगस्त को हवन के साथ होगा। इस मौके पर चंद्र्रभान तलेजा, रामचंद्र किंगर, राजेश किंगर,रामचंद्र तलेजा,मनोहर लाल जसूजा,ललित किंगर,अंचल किंगर,पंकज किंगर, चंद्रशेखर किंगर,देवेश किंगर,संतोष किंगर,कृषि किंगर समेत अन्य शामिल थे।