रांची (ब्यूरो) । कांके स्थित रॉक गार्डेन के पीछे अधूरे बने अर्बन हाट को एक बार फिर से पूरा करने की कवायद शुरू हो गई है। नगर निगम इसकी प्रक्रिया शुरू करते हुए इसका टेंडर भी जारी कर दिया है। दो फरवरी को टेंडर खोला जाएगा। 15 फरवरी तक एजेंसी चयन कर काम शुरू करा दिया जाएगा। दिल्ली के अर्बन हाट की तर्ज पर इसका निर्माण कराया जाएगा। इसके निर्माण में 10.63 करोड रुपए खर्च किए जाएंगे। काम पूरा करने के लिए 18 महीने का वक्त दिया जाएगा। बीते पांच साल से अर्बन हाट निर्माण का काम ठप पड़ा है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के संज्ञान लेने पर बीते साल अप्रैल महीने में ही अधूरे निर्माण को पूरा करने का आदेश जारी किया गया था। लेकिन इसका टेंडर निकलने में आठ महीने का समय निकल गया। अब टेंडर जारी तो कर दिया गया है, लेकिन समय पर इसका निर्माण पूरा होता है या नहीं, यह वक्त बताएगा।

5 करोड़ में बनाया खंडहर

अर्बन हाट के निर्माण की योजना अगस्त 2016 में बनाई गई थी। 2017 से इसका निर्माण कार्य शुरू हुआ। कुछ कंस्ट्रक्शन के काम भी हुए। निर्माण में सरकार पांच करोड़ रुपए पहले ही खर्च कर चुकी है। लेकिन यहां बनाए गए कमरे भी अब खंडहर में बदल चुके हैं। बीते पांच साल से काम बंद रहने की वजह से इसकी हालत बदहाल हो चुकी है। बार-बार योजना बदले जाने के कारण यह आज तक आकार नहीं ले सका है। कभी अर्बन हाट तो कभी स्किल डेवलपमेंट सेंटर कभी गल्र्स हॉस्टल बनाने के निर्णय ने यहां एक भी काम नहीं होने दिया है। अब फिर से इसके रि-कंस्ट्रक्शन का निर्णय लिया गया है। आधे-अधूरे बने अर्बन हाट का एक बार फिर से निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा, जहां क्षेत्रीय हस्तकला सहित विभिन्न कारीगरों को रोजगार उपलब्ध कराने की योजना है।

नशेबाजों का बना अड्डा

काम बंद रहने की वजह से दिनोंदिन यह बदहाल होता जा रहा है। यहां लगी पाइप और नल पूरी तरह से टूट चुके हैं। कुछ लोगों ने यहां अतिक्रमण करना भी शुरू कर दिया है। वहीं हॉल में रखे कई सामान भी चोरी कर लिए गए हैं। इधर अधूरा भवन शराबियों और गंजेडिय़ों के फेवरिट प्लेस बन गया हैं। कमरों में दारू-शराब की बोतलें इधर-उधर गिरी हुई हैं। आसपास के लोगों ने बताया कि खुला स्थान होने के कारण यह असामाजिक तत्वों का अड्डा बन गया है। यहां हर शाम शराबियों की महफिल सजती है। कमरों में बने शटर को नीचे गिराकर असामाजिक तत्वों द्वारा यहां गांजा और शराब पीना तो आम बात हो गई है।

स्थानीय को रोजगार की योजना

अर्बन हाट की नींव भी इसी उद्देश्य से रखी गई थी, यहां के लोकल लोगों को रोजगार मिलेगा और उनकी आर्थिक स्थिति सुधरेगी। छोटे और बड़े व्यवसायिओं को भी एक बड़ा मार्केट मिलने की उम्मीद थी, जिससे व्यावसायिक गतिविधियां भी बढ़तीं। मगर ऐसा हो नहीं सका। अर्बन हाट बनाने के पीछे की सोच यह थी कि यहां देशभर के शिल्पकार दुकान लगाएंगे और स्थानीय शिल्पकारों को भी अपना उत्पाद बेचने के लिए बाजार मिलेगा। इस सपने को साकार करने के लिए काम भी शुरू हुआ, लेकिन अचानक सरकार का मन बदला और अर्बन हाट की जगह इसे स्किल डेवलपमेंट सेंटर बनाने की कवायद होने लगी, जिसके बाद काम पर ब्रेक लगा तो आजतक लगा हुआ ही है। हालांकि, अब एक बार फिर से निमार्ण कार्य शुरू होने के निर्णय से व्यवसायिओं की उम्मीद बढ़ी है।

दिल्ली हाट की तर्ज पर निर्माण

कांके में बनने वाले अर्बन हाट को दिल्ली के अर्बन हाट की तर्ज पर तैयार किया जाएगा, जिस प्रकार दिल्ली हाट में गांव के पारंपरिक बाजार का माहौल दिखाई देता है। यहां विभिन्न पारंपरिक सामान देखने को मिलते हैं। हस्तशिल्प, भोजन और सांस्कृतिक एक्टिविटीज भी दिल्ली अर्बन हाट में देखी जा सकती है। इसी तर्ज पर रांची में भी अर्बन हाट बनेगा जहां पारंपरिक, सांस्कृतिक और हस्तशिल्प देखा जा सकेगा।