RANCHI: सदर हॉस्पिटल सुपरस्पेशियलिटी में लगातार नए विभागों को शुरू करने का काम चल रहा है। मैटरनिटी और चाइल्ड वार्ड से शुरू नई बिल्डिंग में आई, आर्थो, इएनटी, फिजियोथेरेपी के बाद अब हार्ट ओपीडी भी शुरू हो चुका है। जहां पर दिल के मरीजों का इलाज किया जा रहा है। पुरानी बिल्डिंग में इमरजेंसी वाली जगह पर ही डॉक्टर मरीजों का इलाज कर रहे हैं। हालांकि, मरीजों को दवाएं बाहर से ही खरीदनी पड़ रही हैं। हालांकि, सबसे बड़ी राहत की बात यह है कि दिल की मामूली समस्या के लिए अब प्राइवेट हॉस्पिटल और रिम्स की दौड़ मरीजों को नहीं लगानी होगी।

9 बजे से लेकर 3 बजे तक ओपीडी

इमरजेंसी को नई बिल्डिंग में शिफ्ट कर दिया गया। इसके बाद उस जगह को कार्डियो-डायबिटीक ओपीडी बना दिया गया है। जहां पर एक्सपर्ट डॉक्टर सुबह 9 बजे से लेकर दोपहर के तीन बजे तक मरीजों को देख रहे हैं। वहीं मरीजों की तत्काल जांच व इसीजी भी की जा रही है। इससे मरीज की बीमारी का पता चल जाता है। वहीं गंभीर मरीजों को इको टेस्ट के लिए रिम्स व प्राइवेट सेंटर भेजा जा रहा है। ताकि उनकी बीमारी की सही जानकारी मिल सके। इतना ही नहीं सीवियर मरीजों को रिम्स इलाज के लिए भेज दिया जा रहा है।

हर दिन दो दर्जन से अधिक मरीज

हॉस्पिटल में वैसे तो हर दिन इलाज के लिए एक हजार से अधिक मरीज आते हैं। अब कार्डियो ओपीडी शुरू होने से दो दर्जन से अधिक मरीज केवल दिल के इलाज के लिए पहुंच रहे हैं। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि मरीजों का भरोसा सदर हॉस्पिटल पर किस कदर बढ़ा है। दिल के मरीजों में बच्चे से लेकर बुजुर्ग तक शामिल हैं, जो इलाज के लिए हर दिन आ रहे हैं।

डायबिटीज के मरीजों का भी इलाज

डायबिटीज के मरीजों के लिए पहले सदर हॉस्पिटल में इलाज की व्यवस्था नहीं थी। लेकिन, कार्डियो के साथ डायबिटिक मरीजों का भी इलाज चल रहा है। अब डायबिटीज के मरीजों का इलाज करने के साथ ही उनका डाइट चार्ट भी तैयार किया जा रहा है। इस व्यवस्था के चालू होने से अब मरीजों की जेब पर डाका नहीं पड़ रहा है। वहीं अधिकतर दवाएं उन्हें हॉस्पिटल के दवा वितरण केंद्र से ही मिल जा रही है।

अभी एक शुरुआत है। धीरे-धीरे व्यवस्था बदलेगी और दिल के मरीजों का इलाज हमलोग यहीं पर करेंगे। छोटी-मोटी दिल व डायबिटीज की समस्या को यहीं दूर कर दिया जाएगा। जिससे रिम्स पर भी मरीजों का लोड कम हो जाएगा। मशीनें मंगाई जा रही है जिसका फायदा भी मरीजों को मिलेगा। फिलहाल ब्लड टेस्ट और इसीजी की फैसिलिटी सरकारी दर पर अवेलेवल है। एक बेहतर विभाग जल्द ही मरीजों को मिलेगा।

डॉ एके झा, इंचार्ज कार्डियो ओपीडी