रांची (ब्यूरो): देश भर का जनजातीय समुदाय बिरसा मुंडा को भगवान का दर्जा देता है। वह प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी, समाज सुधारक व श्रद्धेय जनजातीय नायक थे, जिन्होंने ब्रिटिश औपनिवेशिक सरकार की शोषणकारी व्यवस्था के खिलाफ बहादुरी से लड़ाई लड़ी और अपने जीवनकाल में ही एक महान व्यक्ति बन गए। उन्होंने जनजातियों से उलगुलान का आह्वान किया तथा जनजातीय आंदोलन को संगठित करने के साथ नेतृत्व भी दिया। उन्होंने जनजातियों को अपनी सांस्कृतिक जड़ें समझने और एकता का पालन करने के लिए प्रोत्साहित किया। इन्हीं विचारों के साथ रांची वीमेंस कॉलेज में दो दिवसीय जनजातीय गौरव दिवस कार्यक्रम का शानदार आगाज सोमवार को हुआ।

जनजातीय नायकों पर चर्चा

प्राचार्या डॉ शमशुन नेहार के निर्देशन में कॉलेज की एनएसएस विंग एक की प्रोग्राम ऑफिसर डॉ कुमारी उर्वशी, दो की प्रोग्राम ऑफिसर डॉ कुमारी भारती सिंह, कॉलेज के जनजातीय भाषा विभाग की एचओडी डॉ करमी मांझी द्वारा विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया। इसके तहत 14 नवंबर को झारखंड के स्थापना दिवस एवं भगवान बिरसा मुंडा के जन्मदिवस की पूर्व संध्या पर निबंध लेखन, काव्य पाठ प्रतियोगिता हुई। वहीं, डीबेट कॉम्पटीशन भी हुआ, जिसका विष स्वतंत्रता संग्राम में जनजातीय नायकों का योगदान रहा। निर्णायक मंडल के तौर पर समाजशास्त्र विभाग की एचओडी डॉ विनीता सिंह, एनसीसी की कोऑर्डिनेटर डॉ किरण तिवारी रहीं। आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं में 140 छात्राओं ने हिस्सा लिया।

आज पोस्टर मेकिंग

ऐसे जननायक को श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए 15 नवंबर 2022 को राष्ट्रीय सेवा योजना की छात्राओं के लिए पोस्टर बनाओ प्रतियोगिता का आयोजन किया गया है। पोस्टर के माध्यम से छात्राओं को राष्ट्रीय स्वतंत्रता आंदोलन में जनजातीय नायकों की छवि प्रस्तुत करनी है। यह प्रतियोगिताएं जनजातीय स्वतंत्रता सेनानियों के देश के लिए दिए गए बलिदान को रेखांकित करने, उनकी विरासत को आगे बढ़ाने और जनजातीय संस्कृति, कला व समृद्ध जनजातीय विरासत का संरक्षण करने के लिए आने वाली पीढिय़ों को प्रेरित करेंगी। मौके पर कॉलेज की शिक्षिकाएं एवलिना जोजो, जैमुनी ने प्रतियोगी छात्राओं का हौसला बढ़ाया।