- जितना किराए में खर्च हुआ, उतने में छह हेलीकॉप्टर खरीद लिए जाते

- कई बार टेंडर किया गया लेकिन नहीं खरीदा जा सक ा हेलिकॉप्टर

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RANCHI (24 छ्वड्डठ्ठ): झारखंड को बिहार से अलग हुए 20 साल हो गए, लेकिन राज्य सरकार के पास अपना हेलिकॉप्टर तक नहीं है। बिहार से अलग होने के समय बिहार सरकार ने झारखंड को बंटवारे में भी हेलिकॉप्टर नहीं दिया। तब से यहां किराये पर हेलिकॉप्टर का इस्तेमाल हो रहा है। राज्य सरकार कई बार हेलिकॉप्टर खरीदने की पूरी तैयारी भी की, लेकिन नहीं खरीद पाई। जितना पैसा सरकार किराया के उड़न खटोला को लेकर खर्च कर दी, उतने में सरकार के पास अपना कई हेलिकॉप्टर हो जाता।

अरबों रुपए किराये पर हुए खर्च

झारखंड शायद देश का इकलौता राज्य है, जिसके गठन के 20 साल बाद भी राज्य के पास अपना एक हेलिकॉप्टर नहीं है। आलम यह है कि प्राइवेट कंपनी से किराए में हेलिकॉप्टर लेकर झारखंड सरकार काम चला रही है। कई साल तक झारखंड सरकार पांच सीटेड आर्यन एविएशन कंपनी का अगस्टा.109 हेलिकॉप्टर यूज की है। इसी हेलिकॉप्टर से मुख्यमंत्री और मंत्री यात्रा करते रहे हैं। झारखंड सरकार अभी ढाई लाख लाख रुपए प्रति घंटे फ्लाइंग की दर से हेलिकॉप्टर किराये पर ली थी। आर्यन कपंनी के हेलिकॉप्टर को झारखंड सरकार हर महीने कम से कम 50 घंटा यूज कर रही थी, बदले में कंपनी को सरकार हर महीने एक से डेढ़ करोड़ का भुगतान करती रही है। यानी सरकार सालाना 12 करोड़ रुपए हेलिकॉप्टर के किराए के रूप में खर्च कर रही है।

अभी 7 सीटर नई हेलिकॉप्टर है

अभी राज्य सरकार हेलिगो चार्टर कंपनी की सेवन सीटर नया हेलिकॉप्टर यूज कर रही है। कंपनी को हर घंटे ढाई लाख रुपए राज्य सरकार किराया दे रही है।

20 से 90 करोड़ रुपए है दाम

नेशनल से लेकर इंटरनेशनल एविएशन इंडस्ट्री में पांच सीटर से लेकर सात सीटर हेलिकॉप्टर का मिनिमम रेट 20 से 90 करोड़ रुपए है। सरकार हर महीने 12 से 18 करोड़ हेलिकॉप्टर का किराया दे रही है। एक अधिकारी ने बताया कि देश के दूसरे राज्यों के पास सिर्फ हेलिकॉप्टर ही नहीं, बल्कि उनके पास अपना एयरोप्लेन भी है। जिसका यूज वहां पर सरकार के कामकाज में किया जा रहा है, लेकिन यह झारखंड का दुर्भाग्य ही है कि हमारे पास एयरोप्लेन तो दूर हेलिकॉप्टर भी नहीं है। कई बार इसकी खरीद को लेकर योजना बनी, लेकिन बात आगे नहीं बढ़ पाई। जबकि किराये पर जितना खर्च कर दिए गए, उससे कई हेलिकॉप्टर खरीदे जा सकते थे।

विमानन निदेशक कैप्टन एसपी सिन्हा से सीधी बातचीत

सवाल: 20 सालों में सरकार के पास अपना हेलिकॉप्टर क्यों नही है?

जवाब: राज्य सरकार अभी हेलिगो चार्टर कंपनी का सेवन सीटर नया हेलिकॉप्टर यूज कर रही है।

सवाल: अपना हेलिकॉप्टर क्यों नहीं खरीद रही सरकार?

जवाब: किराया पर हेलिकॉप्टर लेना सस्ता है। एक हेलिकॉप्टर का दाम 20 से 80 करोड़ रुपए है। सरकार अपना हेलिकॉप्टर लेगी तो एक पायलट भी रखना होगा, उसकी सैलरी हर महीने देनी होगी। पांच साल बाद हेलिकॉप्टर पुराना हो जाएगा। ऐसे में जब जरूरत हो उसी समय किराया पर लेना सरकार के लिए भी अच्छा है।