रांची : झारखंड लोक सेवा आयोग ने संयुक्त सिविल सेवा मुख्य परीक्षा स्थगित कर दी है। आयोग ने मंगलवार को इस संबंध में सूचना जारी कर दी। परीक्षा की संशोधित तिथि बाद में जारी की जाएगी। यह परीक्षा सात नवंबर से 11 नवंबर तक होनेवाली थी। हालांकि आयोग ने अपरिहार्य कारणों से परीक्षा स्थगित होने की बात कही है, लेकिन जेपीएससी सूत्रों की मानें तो मुख्य परीक्षा के लिए प्रकाशित एक विषय के प्रश्नपत्र में त्रुटि होने के कारण यह निर्णय लेना पड़ा। परीक्षा आयोजित करने को लेकर आयोग की तैयारी पूरी नहीं थी। अब यह परीक्षा अगले साल जनवरी-फरवरी में हो सकती है। उल्लेखनीय है कि 'दैनिक जागरण' ने 21 अक्टूबर के अंक में खबर प्रकाशित कर जेपीएससी मुख्य परीक्षा स्थगित होने की संभावना जताई थी।

 

दो साल में भी पूरी नहीं हुई परीक्षा

संयुक्त सिविल सेवा परीक्षा दो साल में भी पूरी नहीं हो सकी है। पहले इसे अगस्त 2015 में छठी जेपीएससी सिविल सेवा परीक्षा के नाम से शुरू किया गया था। बाद में इसमें विवाद होने के कारण इसे संयुक्त सिविल सेवा परीक्षा-2016 के नाम से शुरू किया गया। विभिन्न राज्य सेवाओं में कुल 326 पदों पर होनेवाली नियुक्ति के लिए इस परीक्षा के पूरे होने में दो साल से अधिक समय लग गए। इसके बावजूद अभी तक मुख्य परीक्षा ही लटकी हुई है।

 

पीटी का जारी हुआ था संशोधित रिजल्ट

यह परीक्षा शुरू से ही विवादित रही है। पहले सीसैट को लेकर यह परीक्षा विवादित रही तो बाद में प्रारंभिक परीक्षा के परिणाम में विवाद हुआ। झारखंड लोक सेवा आयोग ने झारखंड हाईकोर्ट के निर्देश पर सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा का संशोधित परिणाम 11 अगस्त को जारी किया था। पूर्व में जारी परिणाम में 5,138 अभ्यर्थी सफल हुए थे। संशोधित परिणाम में 6103 अभ्यर्थी सफल हुए है। इनमें, 2866 अनारक्षित, 1275 एसटी, 608 एससी, 832 बीसी वन तथा 522 बीसी टू के अभ्यर्थी हैं। इससे पहले आयोग ने 23 फरवरी को प्रारंभिक परीक्षा का परिणाम जारी किया था।

 

अभ्यर्थियों में निराशा

मुख्य परीक्षा स्थगित किए जाने से इसमें शामिल होनेवाले अभ्यर्थियों में निराशा है। उनका कहना है कि तैयारी पूरी होने के बाद अंतिम समय में परीक्षा टलना दुर्भाग्यपूर्ण है। इससे उनकी तैयारी पर असर पड़ सकता है।

 

लटकी हुई है अगली परीक्षा

यह परीक्षा पूरी नहीं होने से संयुक्त सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा-2017 लटकी हुई है। इस परीक्षा की प्रक्रिया शुरू नहीं की जा रही है। जेपीएससी ने नवंबर में ही यह परीक्षा लेने का निर्णय लिया था। बकायदा आयोग ने इसे कैलेंडर में भी शामिल किया था।