रांची(ब्यूरो)। लोकसभा चुनाव को लेकर सरगर्मियां तेज हो चुकी हैं। विभिन्न पार्टियों द्वारा अब उम्मीदवारों के नामों की घोषणा भी होने लगी हैं। ऐसे में वे लोग जो अपना कीमती वोट देकर उम्मीदवारों को चुन कर सदन भेजते हैं, उनके विचार भी आने जरूरी हैं। हालांकि, अब चुनाव को लेकर आम नागरिकों में चर्चा का दौर भी शुरू हो चुका है। एक खास वर्ग जिनके वोट किसी भी चुनाव में काफी अहमियत रखते हैं वो वर्ग है युवा। दैनिक जागरण आईनेक्स्ट की ओर से लगातार युवाओं के विचार जानने के लिए राजनी-टी परिचर्चा का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें राजधानी रांची के अलग-अलग क्षेत्रों में जाकर चौपाल लगाकर युवाओं के विचार जानने का प्रयास किया जा रहा है। युवा भी राजनी-टी के चौपाल में बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं और अपनी राय भी रख रहे हैं। रविवार को मोरहाबादी स्थित आर्यभट्ट कैंपस में राजनी-टी का आयोजन किया गया, जिसमें युवाओं ने बेबाकी से अपनी राय रखीं।
शिक्षा, स्वास्थ्य व रोजगार ही मुद्दा
युवाओं ने बताया कि इस बार भी शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार ही मुख्य मुद्दा रहेंगे। पहले भी इन्हीं मुद्दों पर चुनाव हुए हैं। आज भी वही स्थिति बनी हुई है। हालांकि शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में कुछ बहुत काम जरूर हुए हैं। लेकिन रोजगार के मुद्दे पर युवा हमेशा से सिर्फ ठगे गए हैं। चुनाव से पहले पार्टियां कई सपने दिखाती हैं। सुनहरे सपने दिखाए जाते हैं। लाखों लाख नौकरी देने के वादे किए जाते हैं, लेकिन होता कुछ नहीं। पढ़े-लिखे युवा आज भी दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर हैं। रोजगार के क्षेत्र में सरकार को ईमानदारी से काम करने की जरूरत है।

क्या कहते हैं युवा
मैं पहली बार वोट दूंगा। कई सरकारें आईं और चली गईं। लेकिन रोजगार आज भी बहुत बड़ी समस्या बनी हुई है। इसके समाधान पर सरकार ध्यान नहीं देती है। वोट देने से पहले रोजगार का मुद्दा मेरे लिए सबसे अहम मुद्दा रहेगा। पार्टी या उम्मीदवार कोई मायने नहीं रखता है। युवाओं के हित और उनके भविष्य की जो पार्टी बात करेगी। उसे अपना मत दूंगा। प्रलोभन और लोक लुभावन वादों के चक्कर नहीं पडेंग़े।
-उज्ज्वल कुमार

नई शिक्षा नीति में कई बदलाव किए गए हैं, जो स्वागत योग्य है। शिक्षा के पैटर्न में और भी बदलाव की जरूरत है। कोर्स के अलावा टेक्निकल स्टडी भी जरूरी है। प्राइवेट शिक्षण संस्थानों में फिर भी क्वालिटी एजुकेशन पर जोर दिया जाता है। लेकिन यहां की फीस काफी ज्यादा है। जो आम लोगों की पहुंच से दूर है। प्राइवेट शिक्षण संस्थानों का फीस स्ट्रक्चर में सरकार को हस्तक्षेप करना चाहिए। साथ ही गवर्नमेंट स्कूलों में भी शिक्षा का स्तर सुधारना चाहिए।
-दीक्षा कुमारी

महिलाओं की सुरक्षा में भी अभी बहुत काम होने हैं। झारखंड के दुमका में ही शर्मसार कर देने वाली घटना घटी है। ऐसे अपराधियों को जबतक कठोर सजा नहीं मिलेगी। महिलाएं और लड़कियां असुरक्षित ही रहेंगी। कड़ा से कड़ा कानून बना कर फास्ट ट्रैक कोर्ट के तहत ऐसे लोगों को सख्त सजा दिलवानी चाहिए। शादी की उम्र पहले से 18 वर्ष निर्धारित है। इसे बढ़ाकर यदि 21 साल कर दिया जाता है तो यह लड़कियों के लिए बेहतर कदम होगा।
-सुरभी कुमारी

पार्टी और उम्मीदवार कोई मायने नहीं रखता है। जनहित की बात करने वाले को ही सत्ता में बैठने का अधिकार है। वर्तमान सरकार जनहित की बात करती है, और विकास के कई काम भी कर रही है। इसलिए वर्तमान सरकार को फिर से मौका दिया जा सकता है। ताकि अधूरे काम पूरे हो सकें। आने वाली सरकार से यही उम्मीद रहेगा कि वो जनहित में काम करे, इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में विकास करे। बेरोजगारी की समस्या को दूर करे।
- अतुल कुमार

अब सबकुछ डिजिटलाइज्ड हो रहा है। प्रधानमंत्री भी इसे बढ़ावा देते हैं। अब सब्जी वाले से लेकर दूधवाले भी ऑनलाइन ट्रांजेक्शन कर रहे हैं। ऐसे में वोटिंग प्रक्रिया भी ऑनलाइन कर देनी चाहिए। आज कोई भी घर या परिवार ऐसा नहीं जिसके पास स्मार्ट फोन नहीं है। ऐसे में ऑनलाइन वोटिंग होने से देश का प्रत्येक नागरिक इसमें शामिल हो सकेगा, और देश में सशक्त सरकार का गठन हो सकेगा। सरकार मजबूत होगी तो विकास की रफ्तार भी बढ़ेगी।
- अंकित कुमार

मैं परिवाद को गलत मानता हूं। राजनीति में हर किसी को अवसर मिलना चाहिए। पढ़े-लिखे, साफ छवि वाले व्यक्ति जिनमें कुछ बेहतर करने का जज्बा हो उन्हें तो अवश्य मौका देना चाहिए। लेकिन भारत की राजनीति में परिवार वाद हावी है। एक ही परिवार के सदस्यों को बार-बार मौका मिलता रहता है तो वहीं वोटरों की भी समस्या है कि वे अपनी जाति को देखकर वोट करते हैं। जाति, धर्म से ऊपर उठकर हमें साफ और स्वच्छ छवि वाले व्यक्ति का चयन करना चाहिए। जो देशहित में काम करे।
-ओम कुमार

वन नेशन वन इलेक्शन देशहित में अच्छा निर्णय है। इससे न सिर्फ पैसे की बचत होगी, बल्कि समय भी बचेगा। एक इलेक्शन कराने में सरकार का करोड़ों रुपए खर्च हो जाता है। यदि एक ही बार में सभी चुनाव करा दिए जाएं तो एक ही खर्च में चुनाव निपट जाएगा। चुनाव में इस बार भी शिक्षा, स्वास्थ और रोजगार ही मुद्दा है। हायर स्टडी में और काम करना होगा। अपने ही राज्य में बेहतर शिक्षण मुहैया कराए जाने से स्टूडेंट्स को बाहर पढऩे नहीं जाना पड़ेगा।
-चंदन कुमार

अभी लोकसभा चुनाव होना है। फिर विधानसभा का भी इलेक्शन होने वाला है। हमें राष्ट्रहित में सोचने वाला प्रधानमंत्री और राज्यहित में काम करने वाला मुख्यमंत्री का चयन करना है। मैं सभी लोगों से आग्रह करूंगी कि बिना किसी लालच, प्रलोभन में आए निष्पक्ष रूप से वोट करें। सुनहरे सपने दिखाने वाले उम्मीदवार से दूर रहें, जो सिर्फ चुनाव में ही एक्टिव होते हैं उनसे भी दूर रहने में ही फायदा है।
- खुशबू कुमारी

वोट फोर बेस्ट
देश में, राज्य में हुए डेवलपमेंट के काम का विश्लेषण करते हुए ही अपने मत का प्रयोग करें। करप्शन के खिलाफ आज भी जंग जारी है। यह बेहद गंभीर समस्या है। इसे पूरी तरह दूर करना होगा। करप्शन फ्री भारत बनाने के लिए वोट करें। जो पार्टी करप्शन मुक्त भारत बनाने का वादा करेगी, वोट उसी को दिया जाएगा। सभी यूथ मिलकर बेस्ट उम्मीदवार का चयन करेंगे।
-दिवाकर आनंद

मेरा मुद्दा
- क्वालिटी एजुकेशन को बढ़ावा दिया जाए।
- टेक्नीकल स्टडी पर काम करने की जरूरत है।
- बेरोजगारी को जड़ से मिटाना प्रमुख मुद्दा रहेगा।
- करप्शन फ्री भारत का निर्माण हो।
- गरीबी, बेरोजगारी, अशिक्षा दूर हो।