RANCHI: राजधानी के स्वास्थ्य पर संकट मंडराने लगा है। कोविड सेंटर की ड्यूटी में तैनात चार पुलिस अधिकारियों समेत बरियातू थानेदार सपन कुमार महथा कोरोना पॉजिटिव हो गए हैं। इससे पहले ही राजधानी के तीन थानेदार कोरोना पॉजिटिव हैं, इस कारण उनका क्वारन्टीन में इलाज किया जा रहा है। ऐसे में सेंटर की सुरक्षा भी अहम हो गई है। दूसरी तरफ काम के दबाव से कोविड टास्क फोर्स ने भी अपने हाथ खड़े कर दिए हैं। कोविड के मामले से बढ़ते काम के दबाव के कारण कोविड टास्क फोर्स के सदस्यों ने रिम्स प्रबंधन को कह दिया है कि जिम्मेदारी नहीं उठा पाएंगे, वो काम से हटना चाहते हैं। टास्क फोर्स के को-ऑर्डिनेटर डॉ। प्रभात कुमार ने रिम्स निदेशक को पत्र लिख कर सभी को कायरें से मुक्त करने की मांग की है।

टेंशन में डॉक्टर्स

कोरोना की वजह से बढ़ रहे संकट से आम लोगों के साथ-साथ अब डॉक्टर्स भी इससे तनाव ग्रसित होते जा रहे हैं। इसका जीता-जागता उदाहरण रिम्स में देखने को मिल रहा है। रिम्स में बनाए गए कोविड टास्क फोर्स के सदस्य अब कोरोना की वजह से काम के बढ़ते दबाव से खुद को परेशान बता रहे हैं और वो अपनी जिम्मेदारियों से हटना चाहते हैं।

अफसर नहीं सुन रहे आग्रह

कोविड टास्क फोर्स के सदस्यों का कहना है कि इस विपरीत परिस्थिति में जिस प्रकार से हम लोग लगातार सरकार का साथ देते हुए काम कर रहे हैं। इसके बावजूद सरकारी अफसर उन्हें लताड़ते और दुत्कारते हैं। इससे उनका मनोबल गिरता है। इसिलिए कोविड टास्क फोर्स के लोगों ने यह निर्णय लिया है कि अपने पद से हट जाएं, ताकि स्वास्थ्य विभाग बेहतर लोगों को लाकर और भी अच्छे तरीके से काम करवा सके।

कम संसाधन में बेहतर काम का प्रयास

कोविड टास्क फोर्स के अध्यक्ष डॉ। प्रभात कुमार ने अपनी नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा है कि पिछले 4 महीनों में कम से कम संसाधन में हम लोगों ने बेहतर काम करने का प्रयास किया। 100 बेड से 172 बेड तक ले जाने का काम कोविड टास्क फोर्स के लोगों ने किया है, लेकिन इसके बावजूद वरिष्ठ अधिकारी किसी भी गलती का आरोप कोविड टास्क फोर्स पर ही डाल रहे हैं, जिससे हम लोग काफी व्यथित हैं और इसी को लेकर हम लोगों ने यह निर्णय लिया है कि अगर सरकार और स्वास्थ्य विभाग कोविड टास्क फोर्स के सदस्यों को बदलना चाहते हैं तो वो बदल कर किसी और को भी बना सकते हैं।

चार माह से जूझ रहा टास्क फोर्स

डॉ। प्रभात कुमार ने कहा कि 4 महीने तक इतने कम संसाधन में कोविड टास्क फोर्स ने जो रिम्स की बेहतरी के लिए काम किया है, वो काबिले तारीफ है। अगर सरकार और वरिष्ठ अधिकारी इससे संतुष्ट नहीं हैं तो वो अन्य लोगों को कोई टास्क फोर्स की जिम्मेदारी देने का काम कर सकते हैं।

रिम्स ने माना जायज हैं मांगें

बता दें कि पिछले दिनों स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा कोविड टास्क फोर्स के लोगों को बेहतर काम नहीं करने को लेकर लतारा गया था। इसके साथ ही साथ कोविड टास्क फोर्स के सदस्यों ने भी काम के बढ़ते दबाव को लेकर प्रबंधन के सामने हाथ खड़े कर दिए थे, लेकिन रिम्स प्रबंधन ने कोविड टास्क फोर्स की मांगों को जायज बताते हुए कोविड टास्क फोर्स के सदस्यों की संख्या को बढ़ाने का आश्वासन दिया है, ताकि कोविड टास्क फोर्स के लोगों पर काम का दवाब कम हो सके।

अनुबंधित स्वास्थ्यकर्मियों की बढ़ी परेशानी

झारखंड में अनुबंध पर कार्यरत स्वास्थ्यकर्मी अपनी मांगों को लेकर 4 अगस्त को सांकेतिक हड़ताल पर रहे, अगर सरकार उनकी मांगों को पूरी नहीं करती है तो सभी ने कार्य का बहिष्कार की घोषणा की है। अनुबंध पर कार्यरत एएनएम-जीएनएम और लैब टेक्नीशियंस का कहना है कि कोरोना काल में वो अपनी जान पर खेलकर मरीजों की सेवा कर रहे हैं, लेकिन सरकार उनके साथ उदासीन रवैया अपना रही है।

परमानेंट की मांग

अनुबंध पर कार्यरत एएनएम-जीएनएम और लैब टेक्नीशियंस का कहना है कि कोरोना काल में वो अपनी जान पर खेलकर मरीजों की सेवा कर रहे हैं, लेकिन सरकार उनकी उपेक्षा कर रही है। हड़ताल पर जा रहे अनुबंध पर बहाल स्वास्थ्यकर्मियों ने सरकार से अपील की है कि अनुबंध पर कार्यरत सभी कर्मचारियों को परमानेंट करें, ताकि कोरोना के संकट में वो निर्भीक होकर मरीजों की सेवा कर सकें। स्वास्थ्यकर्मियों ने सरकार से वेतनमान बढ़ाने की भी मांग की है।

सफाई कर्मी भी नहीं आ रहे काम पर

विदित हो कि कई कोविड सेंटर जैसे पारस, रिम्स, गांधी नगर समेत अन्य अस्पतालों में कोरोना के डर के कारण सफाई कर्मी भी खुद को काम से अलग-थलग कर रहे हैं। सफाई कर्मियों से काम पर नहीं आने के कारण डयूटी नसरें और अन्य स्टाफ्स पर काम का प्रेशर काफी बढ़ गया है।