एमबीबीएस की सीट 150 से बढ़कर 250 की गयी
RANCHI (17 March) : केंद्र सरकार ने देश में डॉक्टरों की कमी देखते हुए भारतीय चिकित्सा परिषद (एमसीआई) को यूजी एवं पीजी की मेडिकल सीटों को बढ़ाने का निर्देश दिया है। इसके तहत एमबीबीएस की सीट 150 से बढ़ाकर 250 कर दी गयी है। 30 सितंबर, 2017 तक राज्य चिकित्सा परिषदों/एमसीआई में कुल 10,41,395 एलोपैथिक डॉक्टर पंजीकृत हैं। देश की अबादी वर्तमान में 1.33 अरब है। आंकड़ों के अनुसार एक डॉक्टर पर लगभग 1596 लोगों की संख्या स्वास्थ्य सेवा के लिए निर्भर रहती है। इसे देखते हुए सरकार ने एमसीआई को सीटें बढ़ाने का निर्देश जारी कर दिया है।
एमसीआई को दिए निर्देश में और क्या है
चिकित्सा कॉलेजों की स्थापना के लिए भूमि, संकाय, स्टॉफ, बेड की संख्या और अन्य संरचना की आवश्यकताओं के संबंध में मानदंडों में छूट दिया जाना है। नये पीजी पाठ्यक्रम प्रारंभ करने तथा पीजी सीटें बढ़ाने के लिए राज्य सरकार के चिकित्सा कॉलेजों को सुदृढ़ व उन्नत करना है। जिला तथा रेफरल अस्पतालों से संबद्ध नये चिकित्सा कॉलेजों की स्थापना करनी है। एमबीबीएस सीटें बढ़ाने के लिए वर्तमान राज्य व केंद्रीय सरकारी चिकित्सा कॉलेजों को सुदृढ़ ल उन्नत करना है। देश भर में चिकित्सा कॉलेजों में सभी एमडी / एमएस विषयों के लिए छात्रों की तुलना में अध्यापकों का अनुपात 1:1 से बढ़ाकर 1:2 और सेंवदनाहरण विज्ञान, न्यायिक औषधि, रेडियोथैरेपी, चिकित्सा आंकोलॉजी, शल्य चिकित्सा आंकोलॉजी और मनश्चिकित्सा विज्ञान के विषयों में 1:1 से बढ़ाकर 1:3 कर दी गई है।
इसके अतिरिक्त सार्वजनिक निजी सहायता प्राप्त सरकारी चिकित्सा कॉलेजों में प्रोफेसर के लिए सभी नैदानिक विषयों में अध्यापक एवं छात्र अनुपात 1:2 से बढ़ाकर 1:3 और जहां सहायक प्रोफेसर यूनिट के अध्यक्ष हैं, वहां पर अनुपात 1:1 से बढ़ाकर 1:2 कर दिया गया है। इससे देश में विशेषज्ञों की संख्या में वृद्धि होगी। चिकित्सा कॉलेजों में अध्यापकों, डीन, प्रिंसिपल, निदेशक के पदों पर नियुक्ति व विस्तार तथा पुन: रोजगार के लिए आयु-सीमा 65 वर्ष से बढ़ाकर 70 वर्ष करनी है। संकाय की कमी को पूरा करने के लिए संकाय के रूप में नियुक्ति हेतु डीएनबी अर्हता और विदेशी अर्हता को मान्यता दी गई है।