>RANCHI : खूंटी एसपी अनीश गुप्ता ने शनिवार को कहा कि पीएलएफआई के दो धुरंधर नक्सलियों की चर्चित जोड़ी को मार गिराना पुलिस का अगला टारगेट है। इनमें से एक है पीएलएफआई का जोनल कमांडर जिदन गुडि़या और दूसरा है संगठन प्रमुख दिनेश गोप। पुलिस जिदन की तलाश में जोर-शोर से छापेमारी चला रही है। इस दौरान पिछले क्0 दिनों से मुठभेड़ भी हो रहे हैं। तपकरा की मुखिया रीता गुडि़या के पति और पीएलएफआई का जोनल कमांडर जिदन गुडि़या इनामी नहीं है, लेकिन उसकी इलाके में धमक और व्यवसायियों से करोड़ों रुपए लेवी वसूलने के मामले में वह चर्चा में आ गया है। मूल रूप से तपकरा पंचायत के गुट्टूहातू गांव निवासी फ्भ् वर्षीय जिदन गुडि़या पढ़ाई-लिखाई में कमजोर था। वह मैट्रिक की परीक्षा में फेल हो गया था। उसके घर के लोग उसे काम करने के लिए कहते थे, लेकिन उसका काम में मन नहीं लगता था। उसने कई बार नौकरी पाने का प्रयास किया, लेकिन मैट्रिक फेल होने के कारण उसकी कहीं नौकरी नहीं लग रही थी।

मां-बाप ने कराई शादी

गांव में बेकार घूमते देख उसके माता-पिता ने उसकी शादी रीता गुडि़या से कर दी। आमदनी नहीं होने के कारण गृहस्थी में दरार आने लगा। इस दौरान गांव से नक्सलियों की टीम जा रही थी। जिदन गुडि़या के एक करीबी ने बताया कि इसी दौरान उसने भी पीएलएआई संगठन से जुड़ने की सोची। इसके लिए वह मौके की ताक पर रहने लगा।

पीएलएफआई से जुड़ा

एक दिन जब दस्ता उसके गांव में आया तो उसने शामिल होने की बात की। फिर उसे पीएलएफआई सुप्रीमो दिनेश गोप से मिलवाया गया। शुरुआती दौर में वह संगठन में दस्ते का हथियार ढोता था। फिर, उसे लेवी वसूलने की जिम्मेवारी दी गई। पांच फुट चार इंच के जवान को दस्ते की ओर से हथियार दिलाया गया। वह दस्ते के साथ जाकर क्रशर मालिकों, व्यवसायियों से दिनेश गोप के लिए लेवी वसूलने लगा। उसके काम को देखते हुए दिनेश गोप ने जिदन को तोरपा, खूंटी और रनिया का जोनल कमांडर बना दिया। इसके बाद उसने संगठन में कई बेरोजगार युवकों को जोड़ा, जिसमें शुक्रवार को मदहातू में मारा गया आशीषन गोप और शनिका पूर्ति भी शामिल थे।

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प्वाइंट टू बी नोटेड---

पत्‍‌नी बनी तपकरा पंचायत की मुखिया

जब जिदन गुडि़या पीएलएफआई का जोनल कमांडर बन गया तो उसने अपनी पत्‍‌नी रीता गुडि़या को अपने दम पर तपकरा की मुखिया बना दिया। जिदन गुडि़या अपने गांव के लोगों की भी आर्थिक तौर पर मदद करता रहा। यही वजह थी कि जब भी जिदन गुडि़या अपने गांव जाता था और पुलिस की रेड पड़ती थी तो उसे सूचना मिल जाती थी और वह फरार हो जाता था।

पत्नी को भेज दिया रांची

गांव में पुलिस की दबिश बढ़ने से जिदन ने अपनी पत्‍‌नी को सेफ जगह पर रखना मुनासिब समझा। उसने अपनी पत्‍‌नी रीता गुडि़या को गांव से हटाकर रांची के जगन्नाथपुर थाना एरिया के लटमा प्रेमनगर रोड नंबर किराए पर रखवा दिया। इसका पता पुलिस को तब चला जब तोरपा पुलिस ने जगन्नाथपुर पुलिस की मदद से उसके घर में छापेमारी की। छापेमारी के क्रम में रीता गुडि़या पुलिस की आंखों में धूल झोंककर फरार हो गई थी।

घर से मिले लेवी के सात लाख रुपए

पुलिस ने जब उसके घर की तलाशी ली तो उसके घर से सात लाख रुपए जब्त किए गए थे। उक्त राशि तुपुदाना, खूंटी के बॉर्डर एरिया में क्रशर व्यवसायियों और ठेकेदारों से लेवी के रूप में मिले थे, जिसकी उगाही रसीद के माध्यम से की गई थी। जिदन के गुर्गे लेवी की राशि को रीता गुडि़या के पास आकर जमा करा देते थे।

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जिदन को पकड़ने के लिए जाल

जिदन गुडि़या को धर-दबोचने के लिए पुलिस ने जाल बिछाया है। पुलिस ने जिदन के साले को तीन दिनों तक अपने पास रखा और उससे जिदन और उसके दस्ते के बारे में पूछताछ की। उसकी निशानदेही पर पुलिस ने कई बार संयुक्त ऑपरेशन चलाए, जिसमें कई पीएलएफआई नक्सली पकड़े गए और मुठभेड़ में मारे गए।

संगठन विस्तार को नहीं रोक पा रही पुलिस

पीएलएफआई नक्सली संगठन दिनोंदिन तेज रफ्तार से अपने दायरे का विस्तार करके खूंटी, गुमला, सिमडेगा और रांची शहर तक पहुंच गया है। वह अपने संगठन को फ्रेंचाइजी पर देकर झारखंड से सटे ओडि़शा के सुंदरगढ़ जिले में और छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले तक फैला हुआ है। पीएलएफआई ने यह साम्राज्य केवल सात वर्षों में फैलाया है। जबकि झारखंड पुलिस के द्वारा पीएलएफआई के कई नामी-गिरामी कैडरों को पकड़ा गया है, लेकिन पीएलएफआई सुप्रीमो दिनेश गोप आज भी पुलिस की पकड़ से दूर है।

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