रांची(ब्यूरो)। राजधानी रांची में अवैध फूड वैन की भरमार है। हर गली और चौक-चौराहे पर फूड वैन सजने लगी हैं। इनपर किसी तरह का नियंत्रण नहीं होने के कारण दिनोंदिन इनकी संख्या बढ़ती जा रही है। हालांकि नगर निगम की ओर से अवैध फूड वैन संचालकों पर समय-समय पर कार्रवाई भी होती रही है। इसके बावजूद इनमें कोई सुधार नहीं हो रहा है। एक जानकारी के अनुसार, नगर निगम अवैध फूड वैन संचालकों से बीते पांच साल में करीब छह लाख रुपए फाइन वसूला है। बगैर लाइसेंस फूड वैन लगाने वालों से नगर निगम दस हजार रुपए का जुर्माना लेता है। वैन संचालक भी जुर्माना तो दे देते हैं लेकिन लाइसेंस के लिए अप्लाई भी नहीं करते हैं। वैन संचालकों का कहना है कि फाइन देने के बाद निगम परेशान नहीं करता। एक महीने की कमाई जुर्माने के में दे दो और 11 महीने आराम से बिना रोक-टोक बिजनेस करो।

55 में सिर्फ 23 को लाइसेंस

रांची नगर निगम राजधानी में बिना लाइसेंस के फूड वैन संचालकों के खिलाफ अभियान चला रहा है। पकड़े जाने पर उन पर जुर्माना भी लगा रहा है। बावजूद इसके अवैध फूड वैन में कमी नहीं आ रही है। नगर निगम ने सभी फूड वैन ओनर को अप्रैल अंत तक लाइसेंस लेने का आदेश दिया था। लेकिन वैन संचालकों ने इस पर कोई रुचि नहीं दिखाई। निगम के आदेश के बाद महज नौ फूड वैन संचालकों ने लाइसेंस के लिए आवेदन दिया। जबकि राजधानी रांची मेें पांच सौ से अधिक अवैध फूड वैन संचालित हो रहे हैं। सिर्फ 50 ओनर के पास ही नगर निगम का लाइसेंस है। बीते छह साल में सिर्फ 55 फूड वैन संचालकों ने लाइसेंस के लिए आवेदन किया, जिनमें से 23 को ही दस्तावेज सत्यापन के बाद लाइसेंस जारी किया गया है। बाकी के आवेदन रद्द कर दिए गए।

चार सदस्यीय टीम कर रही जांच

सिटी मिशन मैनेजर स्नेहाश्री ने बताया कि बाजार में फूड वैन लागाने के लिए लाइसेंस लेना जरूरी है। बिना लाइसेंस फूड वैन संचालन पर 10 हजार रुपए तक का जुर्माना देना होगा। लेकिन आज तक सिर्फ 9 आवेदन ही प्राप्त हुए हैं। लाइसेंस के आवेदन के लिए विक्रेता को 5 हजार रुपए का भुगतान करना होता है। इसके साथ ही उन्हें यह भी बताना होता है कि वह किस क्षेत्र के बाजार में वैन लगाना चाहते हैं। इसकी जांच के लिए निगम ने चार सदस्यीय समिति बनाई है।

किस साल, कितना जुर्माना वसूला

वर्ष कितने संचालक जुर्माना राशि

2017 7 70 हजार

2018 20 2 लाख

2019 13 1. 30 लाख

2020 2 20 हजार

2021 3 30 हजार

2022 14 1.40 लाख

क्या है पूरा खेल

फूड वैन संचालक नगर निगम की शर्तों का पालन नहीं करते, इसलिए वे लाइसेंस के लिए आवेदन भी नहीं करते हैं। लाइसेंस प्राप्त करने के लिए नगर निगम ने कुछ नियम बना रखे हैं। इसके लिए दस्तावेजों के साथ-साथ एफएसएसएआई सर्टिफिकेट की भी मांग की जाती है। इसके अलावा जिस वैन में खाने-पीने की चीजें बिक्री होनी है उसका कंडिशन भी दुरुस्त होना जरूरी है। गाड़ी के सभी पेपर अप टू डेट होने चाहिए। लेकिन सिटी में लगाए जा रहे 90 परसेंट फूड वैन कबाड़ वाहन में ही संचालित हो रहे हैं। जर्जर और कंडम हो चुकी गाड़ी का रंग-रोगन कर वहां खाने-पीने से संबंधित सामानों की बिक्री शुरू कर दी जाती है। झंझट से बचने के लिए फूड वैन संचालक लाइसेंस के लिए आवेदन ही नहीं करते। जब कोई निगम कर्मी जांच पड़ताल करने पहुंचता है तो उसके साथ साठगांठ कर दुकानदारी चलती रहती है।