RANCHI : एनएसयूआई और जेसीएम ने रांची यूनिवर्सिटी से अगले साल आयोजित होनेवाले दीक्षांत समारोह में दो सेशन के स्टूडेंट्स को एक साथ डिग्री देने की मांग की है। मंगलवार को दोनों छात्र संगठनों ने एग्जामिनेशन कंट्रोलर डॉ आशीष झा के ऑफिस का घेराव करने के बाद उन्हें मेमोरेंडम सौंपा। इनका आरोप है कि दीक्षांत समारोह नहीं होने से दो बैच के स्टूडेंट्स को डिग्री नहीं मिल सकी है, जिस कारण उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

यह है मामला

एनएसयूआई के तनुज खत्री और जेसीएम के तालकेश्वर महतो ने बताया कि पिछले दो सालों से रांची यूनिवर्सिटी का दीक्षांत समारोह आयोजित नहीं हुआ है। ऐसे में सेशन 2011-13 और 2013-15 के हजारों स्टूडेंट्स व पीएचडी उत्तीर्ण को डिग्री नहीं मिल सकी है। ये लंबे समय से डिग्री मिलने का इंतजार कर रहे हैं। ऐसे में यूनिवर्सिटी को चाहिए कि वह जल्द से जल्द दीक्षांत समारोह आयोजित कर दो सेशन के स्टूडेंट्स को एक साथ डिग्री देने की पहल करे।

डोरंडा कॉलेज में मानवाधिकार जागरूकता कार्यक्रम

डोरंडा कॉलेज में मंगलवार को मानवाधिकार जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। राष्ट्रीय मानवाधिकार परिषद और कॉलेज के राष्ट्रीय सेवा योजना विंग के संयुक्त तत्वावधान में हुए इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर झारखंड राज्य महिला आयोग की चेयरपर्सन महुआ माजी मौजूद थीं। उन्होंने मानवाधिकार जागरूकता प्रोग्राम को गांव-गांव तक पहुंचाने की आवश्यकता पर जोर दिया। इस मौके पर आरयू ह्यूमन राइट कोर्स के को-ऑर्डिनेटर डॉ। पीके सिंह ने कहा कि लिंगीय भेदभाव को दूर कर मानवाधिकार का संरक्षण घर से ही शुरू करना होगा। राष्ट्रीय मानवाधिकार परिषद के अध्यक्ष सुभाष साहू ने मानवाधिकार शिक्षा को और बढ़ावा देने की की जरूरत बताई। प्रोग्राम का संचालन डॉ एचबी सिंह ने किया, जबकि प्रिंसिपल डॉ वीएस तिवारी, एग्जामिनेशन कंट्रोलर डॉ आशीष कुमार झा समेत कई डिग्निटरीज इस मौके पर मौजूद थे।