रांची(ब्यूरो)। राजधानी रांची की सड़कों पर रात के आठ बजे के बाद मयखाना सजने लगता है। शहर के प्रमुख चौराहों पर से जब आप गुजरेंगे तो कहीं कार में तो कहीं ठेला पर तो कहीं स्कूटी पर ही लोग बोतलें खोलते नजर आ जाएंगे। इन सड़कों से पुलिस की गाडिय़ां भी गुजरती हैं, लेकिन उनको कोई कुछ नहीं करता है। सड़क पर जाम छलकाने वालों पर कभी भी पुलिस सख्ती नहीं बरतती है। नतीजा है कि सड़कों पर मयखाने की संख्या हर दिन बढ़ रही है।

यहां सबसे अधिक भीड़

रांची में कोकर डिस्टलरी पुल के पास, बरियातू में करमटोली चोक के पास, कचहरी में रियाडा भवन के पास आए दिन सड़क पर लोग जाम छलकाते हुए नजर आ जाएंगे। इसके अलावा अल्बर्ट एक्का चौक, कचहरी चौक, रेलवे स्टेशन और कांटाटोली चौक जैसे पब्लिक प्लेसेज में भी शराबियों की महफिल हर दिन जमती है। इतना ही नहीं, सड़कों के किनारे खुलेआम लोग शराब पी रहे हैं, पर इनकी ओर पुलिस प्रशासन का ध्यान नहीं जा रहा है। ऐसे में कई बार नशे में धुत होकर ये हुड़दंग भी करने से पीछे नहीं हटते हैं, जिस कारण राह से गुजर रहे लोगों खासकर महिलाएं अपने को काफी असुरक्षित महसूस करती हैं। दरअसल ये अब सड़क को ही बार बना बैठे हैं, तभी तो वाइन शॉप से बोतल लेते हैं और फिर सड़क के किनारे ही पी लेते हैं शराब।

कार में ही भीड़

यहां शराबियों के भी अजब-गजब ठिकाने हैं। कोई चौक-चौराहे पर बोतल खोलता है तो कहीं सड़क के किनारे शराबियों की महफिल जमती है। इतना ही नहीं, अब शराबियों ने कार को भी बार बना लिया है। रात आठ बजे के बाद मेन रोड में गाडिय़ों में बैठकर शराब पीते लोगों को आसानी से देखा जा सकता है। मेन रोड में ही कडरू मोड़ के पास सड़क किनारे लगी गाडिय़ों में भी बोतलें खुलती हैं। स्टेशन रोड भी सुरक्षित जगह नहीं है, जहां कार में बैठकर शराब पीने पर किसी तरह का कोई डर-भय नहीं है।

नहीं लगता किसी से डर

शराबियों ने कानून को भी ताक पर रख दिया है। चौक-चौराहे व सड़कों के किनारे शराब का सेवन करनेवाले नियम-कानून की धच्जियां उड़ा रहे हैं। अल्बर्ट एक्का चौक, मेन रोड स्थित काठी कबाब रेस्टॉरेंट, रोस्पा टावर के पास स्थित वाइन शॉप के सामने, कडरू मोड़, ओवरब्रिज, बूटी मोड़, स्टेशन रोड, खादगढ़ा बस स्टैंड और मोरहाबादी मैदान समेत ऐसे कई पब्लिक प्लेसेज हैं, जहां बेखौफ होकर लोग शराब पी रहे हैं पर इन्हें रोकनेवाला कोई नहीं है।

ताक पर नियम-कानून

नियम के मुताबिक, सड़क या पब्लिक प्लेसेज पर शराब बेचना और शराब पीना अपराध है। ऐसे वाइन शॉप, जो अवैध रूप से खुले में शराब की बिक्री करते हैं, उनके लाइसेंस को कैंसिल करने का भी प्रॉविजन है। इसके अलावा पब्लिक प्लेस पर जो शराब पीते पकड़े जाते हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई किए जाने का नियम है। ऐसे मामलों में संबंधित व्यक्ति के खिलाफ केस भी दर्ज किया जा सकता है।

ठेला-खोमचा वाले भी जिम्मेदार

राजधानी में शराब की दुकान के सामने शराब पीने वालों की तादाद बढऩे के लिए ठेले व खोमचे वाले भी जिम्मेदार हैं। दुकान के सामने करीब आधा दर्जन ठेले व खोमचे वालों ने दुकानें लगा रखी हैं। इसीलिए लोग उन्हीं दुकानों के पास खड़े होकर शराब पीते नजर आते हैं। लोग बार में अधिक पैसा नहीं खर्च करना चाहते हैं, इसलिए दुकान से शराब खरीदते हैं और सामने ही ठेला के पास चखना लेकर महफिल सजाकर बैठ जाते हैं।

राजधानी की सड़कों पर शराब पीना कानूनन जुर्म है। उत्पाद विभाग द्वारा समय-समय पर इसके खिलाफ अभियान चलाया जाता है। जो पकड़े जाते हैं, उन्हें जुर्माना लगाया जाता है। विभाग की ओर से जल्द ही पब्लिक प्लेसेज पर शराब पीनेवालों के खिलाफ अभियान शुरू किया जाएगा।

-रामलीला रवानी, सहायक उत्पाद आयुक्त, रांची