RANCHI: राजधानी में मुख्यमंत्री से लेकर सभी मंत्री, सभी विभागों के सचिव, शहर की मेयर सहित सभी वीवीआईपी रहते हैं। हर दिन शहर में वीआईपी को भी ट्रैफि क और पार्किंग की समस्या से दो चार होना पड़ता है। लेकिन 17 सालों में किसी भी माननीय वीआईपी ने शहर की पार्किंग की स्थिति को समस्या नहीं माना। नगर निगम में कई आईएएस अधिकारी आए और चले गए, लेकिन किसी भी अधिकारी ने पार्किंग की समस्या को ठीक करना अपना कर्तव्य नहीं समझा। नतीजा यह है कि राजधानी का विकास हो रहा है, इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट हो रहा है, हर कुछ हो रहा है, लेकिन पार्किंग की समस्या का समाधान नहीं हो पा रहा है। 17 सालों में नगर निगम ने एक भी नया पार्किंग स्थल नहीं बनाया है, जहां लोगों को अपनी कार या बाइक पार्किंग करने की सुविधा मिल सके।

चले गए अधिकारी

शहर में पार्किंग व्यवस्था की देख-रेख करने और ठीक करने की जिम्मेवारी रांची नगर निगम के पास है। रांची नगर निगम में कई आईएएस अधिकारी सीईओ बन कर आए और अपना कार्यकाल पूरा करके चले गए। लेकिन किसी भी अधिकारी ने शहर में पार्किंग की स्थिति को लेकर कोई भी पहल अपनी तरफ से नहीं की। जितने भी अधिकारी आए सभी ने शहर में पार्किंग को लेकर सिर्फ प्लानिंग की। नतीजा यह निकला कि उनका प्लान इन कागजों में ही सिमट कर रह गया, और लोग पार्किंग के लिए परेशान हैं। जहां-तहां गाड़ी खड़ी कर यातायात को प्रभावित कर रहे हैं।

वीआईपी भी होते हैं परेशान

ऐसा नहीं है कि पार्किंग की परेशानी सिर्फ आम आदमी को ही हो रही है। शहर में घूमने वाले वीआईपी और उनके परिवारों को भी पार्किंग की परेशानी से जूझना पड़ रहा है। लेकिन हर पदाधिकारी पार्किंग के मामले में अपनी आंखें बंद चुका है। इसे शहर का कोई बड़ा प्रॉब्लम नहीं मान रहे हैं। कब नया पार्किंग बनकर तैयार होगा, कब से लोगों को पार्किंग की परेशानी खत्म हो जाएगी, बताने वाला भी कोई नहीं है।

तीन जगह प्रस्तावित है पार्किंग

राजधानी में बढ़ती पार्किंग की समस्या को देखते हुए शहर में तीन मल्टीलेवल पार्किंग निर्माण की योजना तैयार की गई है। कोकर, हिनू शिवपुरी और हिंदपीढ़ी के निकट इसका निर्माण किया जाएगा। निर्माण के लिए जमीन चिह्नित कर ली गई है। हिनू में वोडाफ ोन के कार्यालय के सामने 1.5 एकड़ जमीन पर पार्किंग बनाई जाएगी। यहां पांच रैयतों की जमीन अधिग्रहण की तैयारी है। वहीं, हिंदपीढ़ी क्षेत्र में 1.67 एकड़ जमीन ली जाएगी। यहां 25 रैयतों की जमीन ली जाएगी। इसके लिए उन्हें नोटिस भी जारी कर दिया गया है।