RANCHI : राम लखन सिंह यादव कॉलेज, कोकर का 'लोगो' तो बदल दिया गया, पर कॉलेज की बदहाली कब दूर होगी, यह बड़ा सवाल है। इंफ्रास्ट्रक्चर और फैसिलिटीज के मामले में कॉलेज की स्थिति काफी दयनीय है। जरूरत के हिसाब से न कमरे हैं और न ही लाइब्रेरी में किताबों को रखने की जगह। कॉलेज के साथ यह समस्या लंबे अर्से से बनी हुई है, पर इस ओर यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन का ध्यान नहीं जा रहा है।

कॉमन रूम तक नहीं

राम लखन सिंह यादव कॉलेज रांची यूनिवर्सिटी का कॉन्स्टीट्एंट कॉलेज है। यहां स्टूडेंट्स के बैठने के लिए कॉलेज में कोई व्यवस्था नहीं है। कॉमन रूम नहीं होने से स्टूडेंट्स को काफी परेशानी होती है। ऐसे में स्टूडेंट्स या तो ग्राउंड में बैठते हैं या फिर खड़े-खड़े क्लास शुरू होने का इंतजार करते हैं।

लाइब्रेरी में बुक्स के लिए जगह नहीं

यहां की लाइब्रेरी भी दयनीय हालत में है। दो छोटे कमरों में लाइब्रेरी सिमटी हुई है। किताबें भी कुछ इस कदर रखी हुई हैं कि जरूरत की किताब ढूंढ़ना भी मुश्किल है। लाइब्रेरी की प्रॉपर वे में साफ-सफाई भी नहीं होती है। यहां गंदगी पसरी रहती है। इतना ही नहीं, लाइब्रेरी में रीडिंग रूम का नहीं होना भी स्टूडेंट्स को काफी खलता है, पर इस ओर यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन का ध्यान नहीं है।

शेड के नीचे चलती है क्लासेज

कॉलेज में करीब पांच हजार स्टूडेंट्स है, पर इनके क्लासेज के लिए जरूरत के हिसाब से क्लासरूम नहीं हैं। किसी तरह क्लासेज चल रहे हैं। हालांकि, कैंपस में शेड बनाकर कुछ क्लासरूम बनाए गए हैं, जहां इंटरमीडिएट के क्लासेज चलते हैं। क्लास रूम की कमी और जगह कम होने की वजह से जहां-तहां बेंच रखी हुई है।

बरामदे में एग्जाम

यूनिवर्सिटी के कई एग्जाम्स के सेंटर यहां बनाए जाते हैं, पर सेंटर बनाने वक्त इस बात का ध्यान नहीं रखा जाता है कि यहां कितनी स्टूडेंट्स के सीटिंग अरेंजमेंट हो सकती है। ऐसे में अक्सर बरामदे में बैठकर स्टूडेंट्स को एग्जाम देना पड़ता है।

वर्जन

जितना संभव है, उतना करते हैं। इंटर के क्लासेज के लिए टेंपररी क्लास रूम बनाए गए हैं। कोशिश यही है कि यहां स्टूडेंट्स को बेहतर फैसिलिटीज मिले।

डॉ एम आर्या

प्रिंसिपल, आरएलएसवाई कॉलेज