>-पंडरा में हर दिन 50 से 70 ट्रक आलू की है बिक्री, पहुंचा सिर्फ पांच ट्रक

-शनिवार को 28 रुपए प्रति किलो बिका आलू

RANCHI (9 Aug): पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा रोके गए झारखंड आने वाले आलू से लदे ट्रकों को अगर जल्द ही झारखंड नहीं लाया गया तो रांची समेत पूरे झारखंड में आलू की किल्लत हो जाएगी, क्योंकि झारखंड में बंगाल से जितने आलू आने चाहिए नहीं आ रहे हैं। इस कारण रांची समेत पूरे झारखंड की मंडियों से एक तरफ जहां आलू का स्टॉक समाप्त हो रहा है। वहीं आलू के दाम भी तेजी से बढ़ रहे हैं। अगर झारखंड सरकार ने पश्चिम बंगाल सरकार से मिलकर जल्द ही इस समस्या का समाधान नहीं निकाला तो पूरे राज्य में आलू को लेकर हाहाकार मच जाएगा।

ख्8 रुपए किलो बिका आलू

शनिवार को रांची में सब्जी की दुकानों पर लाल आलू जहां ख्8 रुपए प्रति किलो बिका, वहीं सफेद आलू ख्ब् रुपए प्रति किलो बिका। जबकि एक दिन पहले शुक्रवार को लाल आलू ख्म् और सफेद आलू ख्ख् रुपए प्रति किलो बिका था। रांची की पंडरा बाजार समिति में शनिवार को लाल आलू ख्ब् रुपए और सफेद आलू ख्0 से लेकर ख्क् रुपए किलो बिका। अगर मंडियों में आलू की आवक नहीं बढ़ी तो आलू के दाम और तेजी से बढ़ सकते हैं।

शनिवार को पहुंचा पांच ट्रक आलू

शनिवार को रांची की पंडरा बाजार समिति में सिर्फ पांच ट्रक आलू ही पहुंचा, जो हाथों-हाथ बिक गया। इस मंडी में डेली भ्0 से लेकर 70 ट्रक आलू की खपत है। ऐसे में इतने कम आलू की आवक से यहां पर जितनी खपत है, वह पूरी नहीं हो पा रही है।

जमाख्ाोरी की भी आशंका

झारखंड में कम आलू के आवक को देखते हुए इस बात की आशंका है कि जमाखोर इसका फायदा उठाकर आलू का दाम बढ़ा सकते हैं। ऐसे में कृषि मंत्री और झारखंड सरकार के खाद्य आपूर्ति विभाग ने शनिवार को झारखंड के सभी डीसी को इसकी निगरानी करने का आदेश दिया है कि वह इस बात का ध्यान रखें कि कोई उनके जिले में आलू की जमाखोरी न कर सके।

कृषि मंत्री ने लिखा लेटर

झारखंड के कृषि मंत्री योगेंद्र साव ने आलू के मामले में पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी को लेटर लिखकर समाधान की बात कही है। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल सरकार अपने रवैये में बदलाव नहीं करती है तो झारखंड सरकार बंगाल जानेवाली सब्जियों और अनाज की आपूर्ति रोक देगी।