रांची(ब्यूरो)। राज्य का सबसे बड़ा हॉस्पिटल कैदियों के फरार होने का फेवरिट प्लेस बना हुआ है। कैदी रिम्स आते हैं अपना इलाज कराने, लेकिन मौका पाकर यहां से फरार हो जाते हैं। पुलिस वाले हाथ मलते रह जाते हैं। बीते सप्ताह भी एक चोर पेट में दर्द का इलाज कराने आया और रिम्स से फरार हो गया। यह कोई पहली घटना नहीं है, बल्कि पहले भी कई बार रिम्स से कैदी फरार हो चुके हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि रिम्स से बार-बार कैदी फरार क्यों हो जाते हैं। इसी सवाल का जवाब ढूंढने के लिए दैनिक जागरण आईनेक्स्ट की टीम ने रिम्स के कैदी वार्ड का रियलिटी चेक किया। इसमें जो तथ्य सामने आए वो बेहद चौंकाने वाले रहे। आखिर क्यों न भागे यहां से कैदी, रिम्स की सुरक्षा व्यवस्था ही भगवान भरोसे है। पुलिस वाले कैदी को लेकर आते इलाज कराने और खुद दूसरे कामों में व्यस्त हो जाते हैं इसी का फायदा उठा कर कैदी नौ दो ग्यारह हो जाते हैं। वहीं रिम्स के कैदी वार्ड में भी सुरक्षा की लचर व्यवस्था है। कैदी वार्ड में कोई भी आसानी से आ जा सकता है। इसका दरवाजा भी खुला रहता है। रियलिटी चेक में खुलासा हुआ कि कैदी वार्ड के अंदर सिर्फ एक सुरक्षा कर्मी मौजूद था, जो अंदर बैठा था। इसके अलावा कुछ और लोग भी थे जो अंदर बैठकर कार्ड खेल रहे थे।

सुरक्षा में भारी चूक

रांची पुलिस की सुरक्षा व्यवस्था और रिम्स प्रबंधन को धता बताते हुए आये दिन रिम्स से कैदी फरार हो जाते हैं। पुलिस के आला अधिकारी सुरक्षा में तैनात कर्मियों को सस्पेंड कर अपने कर्तव्यों की इतिश्री कर देते हैं। जिले के आला अधिकारी कभी रिम्स की सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लेना भी जरूरी नहीं समझते। कई बार रिम्स में इलाज के लिए भर्ती होने के बाद भी कैदी भागने में सफल हो जाते हैं। दरअसल इलाज के लिए भर्ती होने पर कैदी के आसपास एक या दो सिपाही को तैनात किया जाता है। कैदी हर वक्त मौके की फिराक में रहते हैं। जहां सिपाही थोड़ा लापरवाह हुआ कैदी पक्षी की तरह उड़ जाते हैं। रिम्स इन दिनों कैदियों के भागने का सबसे बड़ा अड्डा बन गया है। यहां की सुरक्षा व्यवस्था पर धूल झोंक कर मानसिक रूप से विक्षिप्त कैदी भी फरार होने में में कामयाब हो जाते हैं। रिम्स में कैदियों की सुरक्षा के लिए मुकम्मल व्यवस्था होने का दावा किया जाता है। लेकिन हाल के दिनों में लगातार हुई घटनाओं ने इन दावों की पोल खोल कर रख दी है।

पुलिस वालों की लापरवाही

बीते हफ्ते कैदी एमएस वारिश डॉ मृत्युंजय के वार्ड से भागने में सफल हो गया। कैदी की सुरक्षा में दो सिपाही तैनात किए गए थे। दोनों के बाथरूम जाते ही मौका पाकर वारिश वार्ड से निकल गया। कैदी को पेट दर्द होने पर पुलिस ने रिम्स में भर्ती कराया था। पुलिस कर्मियों ने काफी खोजबीन की, लेकिन कहीं कुछ पता नहीं चला। इससे पहले पुलिस को ठेंगा दिखाते हुए 19 वर्षीय इलाजरत कैदी पिंटू कुमार भी रिम्स से फरार हो चुका है। पिंटू मानसिक रूप से बीमार होते हुए पुलिस को चकमा देने में सफल रहा।