राज्य विकास परिषद की पहली बैठक में सीएम रघुवर दास ने चेताया

RANCHI (3 Jan) : मुख्यमंत्री रघुवर दास ने अधिकारियों को चेताया है कि अब विकास योजनाओं को लागू करने में किसी प्रकार की कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। अधिकारियों को फील्ड में जाना होगा, ऑन स्पॉट वेरिफिकेशन करना होगा। अब खानापूर्ति से काम नहीं चलेगा। मुख्यमंत्री ने मंगलवार को राज्य विकास परिषद की पहली बैठक की अध्यक्षता करते हुए उक्त बातें कही।

गरीबों का जीवन स्तर सुधारना है लक्ष्य

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्राकृतिक संसाधनों की भरमार, उपजाऊ भूमि, रमणीय स्थल और मेहनतकश मानवबल होने के बाद भी झारखंड में गरीबी है। गरीबी रेखा से नीचे जीवनयापन करनेवालों की संख्या काफी ज्यादा है। हमारा लक्ष्य है गरीबी रेखा से नीचे जीवन जीनेवालों के जीवनस्तर में सुधार आए। इसके लिए उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार जरूरी है।

हर दिन के एक्शन प्लान पर होगा काम

सीएम ने कहा कि राज्य विकास परिषद का गठन इसी उद्देश्य से किया गया है कि राज्य के विकास के लिए क्भ् साल का विजन तैयार हो। सात या पांच साल की स्ट्रेटजी और तीन साल का एक्शन प्लान तैयार हो। यानी लघु व दीर्घकालीन विकास योजनाएं न केवल बनें, बल्कि उनका क्रियान्वयन भी हो। सरकार प्रति दिन के एक्शन प्लान पर काम करेगी। यानी प्रति दिन कितनी सड़कें बनेंगी, कितने गांव-घर में बिजली पहुंचेगी। तभी योजनाओं का सही तरीके से और समयबद्ध क्रियान्वयन किया जा सकेगा।

कई मानकों में राष्ट्रीय स्तर से पीछे

सीएम ने कहा कि हम कई चीजों में राष्ट्रीय मानक में पिछड़े हुए हैं, इसे मानने में कोई बुराई नहीं है। समस्या मानने से ही उसके निराकरण की दिशा में काम किया जा सकता है। श्री दास ने कहा कि राज्य विकास परिषद में से उपसमिति बनायी जायेगी, जो तीन साल का रोड मैप तैयार करेगी। इसमें लक्ष्य निर्धारित करने के साथ ही उनके क्रियान्वयन के भी सुझाव दिए जाएंगे। विभागों के बीच समन्वय स्थापित कर योजनाओं को धरातल पर उतारा जायेगा।

सखी मंडल को चार लाख की मदद

उन्होंने कहा कि कृषि हमारे लिए पहली प्राथमिकता है। कृषि से हमारा तात्पर्य केवल फसल नहीं है। पशुपालन, मछली पालन, बागवानी आदि को बढ़ावा दिया जा रहा है। ये ग्रामीण अर्थव्यवस्था की लाइफ लाइन हैं। लोगों को इनसे जोड़ कर उनके जीवनस्तर में सुधार लाया जा सकता है। इसी कड़ी में सखी मंडली को चार लाख रुपये की आर्थिक मदद कर मुर्गीपालन से जोड़ा जा रहा है। मुर्गीपालन से उत्पादित अंडों की बिक्त्री नजदीकी स्कूलों में होगी। इसी तरह झारखंड में श्वेत क्रांति लाने के उद्देश्य से भ्0 गाय तक सब्सिडी दी जा रही है। इससे गांव के लोगों की आय भी बढ़ेगी और राज्य दूध के मामले में आत्मनिर्भर बनेगा। राज्य में गरीबी रेखा से नीचे जीवन जीनेवाले परिवारों की सूची तैयार करायी जा रही है।

तालाबों का होगा जीर्णोद्धार

मुख्यमंत्री दास ने कहा कि सरकार का जोर सिंचाई व्यवस्था बढ़ाने को लेकर भी है। राज्य के तीन से पांच एकड़ क्षेत्रफल वाले फ्00 तालाबों का जीर्णोद्धार कराया जाएगा। इसी तरह लघु व कुटीर उद्योगों को भी बढ़ावा दिया जा रहा है। हम कुटीर, लघु उद्योग, लाह, तसर आदि के लिए अलग-अलग बोर्ड का गठन करने जा रहे हैं। इनमें इस क्षेत्र के विशेषज्ञ होंगे। इससे बड़ी संख्या में ग्रामीणों को स्वरोजगार से जोड़ा जा सकेगा। इस साल अनुसूचित जाति व जनजाति के लोगों के लिए अलग से बजट पेश किया जाएगा। आर्थिक विषमता के कारण कुछ गिरोह राज्य के ग्रामीणों को गुमराह करने में लगे थे।

बैठक में परिषद के उपाध्यक्ष सह अर्थशास्त्री सुरजीत सिंह भल्ला ने राज्य के विकास के लिए कृषि, शिक्षा के विकास पर जोर दिया। बैठक में सांसद, विधायक, नगर परिषद के अध्यक्षों ने अपने सुझाव दिये। इस दौरान राज्य के मंत्री, मुख्य सचिव राजबाला वर्मा, विकास आयुक्त अमित खरे, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव संजय कुमार समेत अन्य वरीय अधिकारी उपस्थित थे।