RANCHI: हायर एजुकेशन डिपार्टमेंट ने राज्य की सभी यूनिवर्सिटी को वाई-फाई हाइ स्पीड से जोड़ने की योजना को दो साल पहले स्वीकृति दी थी। इसके लिए उसने सभी यूनिवर्सिटी को 46 करोड़ की राशि का आवंटन भी किया था। लेकिन दो साल बाद भी रांची यूनिवर्सिटी में अब तक वाई फाई की सुविधा बहाल नहीं की जा सकी है। वाई फाई का काम करने वाली कंपनी विप्रो ने हालांकि काम शुरू कर दिया था, लेकिन काम शुरू करते ही आरयू के प्रशासनिक भवनों में इंटरनेट सेवा भी चरमरा गई। वाई फाई के लिए कैंपस में चारो ओर फाइबर केबल बिछाने के चक्कर में बीएसएनल का फाइबर केबल कट जाने से इंटरनेट सेवा बाधित हो गई। करीब 5 महीनों से आरयू के प्रशासनिक भवन में इंटरनेट की सेवा बाधित है। इंटरनेट का काम टीचर्स और स्टूडेंट्स पर्सनल मोबाइल के माध्यम से कर रहे हैं। दूसरी बात ये है कि सड़क मरम्मत के दौरान विप्रो का भी केबल काट दिया गया, जिस वजह से भी काम रुक गया हे।

निक्की संस्था को हो चुका है भुगतान

भारत सरकार की संस्था निक्की के माध्यम से सभी यूनिवर्सिटी में वाई फाई सुविधा बहाल करने का काम किया जा रहा है। निक्की ने ही वाईफाई का काम विप्रो को दिया है। इसके एवज में सभी यूनिवर्सिटी ने भुगतान भी निक्की को कर दिया है। लेकिन भुगतान के एक साल बाद भी यूनिवर्सिटी को वाईफाई नहीं किया जा सका है।

इधर, डीएसपीएमयू में नौ लाख में शुरू हो गई वाई-फाई

डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी यूनिवर्सिटी में वाई फाई सेवा एक साल पहले ही प्रारंभ कर दी गई है। कैंपस को वाई फाई करने में मात्र नौ लाख रुपए ही खर्च हुए हैं। नौ लाख खर्च करने के बाद यूनिवर्सिटी में 30 एमबीपीएस की स्पीड से स्टूडेंट्स को इंटरनेट सेवा दी जा रही है।