रांची (ब्यूरो)। रांची क ी अलग-अलग सड़कों पर सिटी बस और ट्रैक्टर पूरे दिन दौड़ती हैं। ड्राइवर को जहां भी थोड़ी जगह नजर आती है, वे अपनी गाड़ी को आवश्यकता से अधिक स्पीड में भगाने लग जाते हंै। इन मामलों को लेकर राजधानी के जागरूक लोग भी सोशल मीडिया के माध्यम से उठाने लगे हैं। कोई फेसबुक तो कोई ट्विटर पर खतरनाक ड्राइविंग की पोल खोल रहा है। 'दैनिक जागरण-आई नेक्स्टÓ ने भी इसकी पड़ताल क,ी जिसमे सोशल मीडिया में उठाए ये मुद्दे सही साबित हुए। मेन रोड के अलग-अलग एरिया में काफी देर तक हमने सिटी बस की एक्टिविटी पर नजर रखी। जैसे-तैसे चलाने के अलावा सिटी बस के ड्राइवर रोड पर कहीं भी गाड़ी खड़ी कर सवारी बैठाते और उतारते नजर आए।

हो चुके हैं कई हादसे

लापरवाही से गाड़ी चलाने के कारण कई बार सड़क हादसे हो चुके हंै। सिटी बस और ट्रैक्टर चालक ने भी कई बार रोड एक्सीडेंट किया है। ज्यादा कटिंग मारने के चक्कर में कई बार रोड पर ही ट्रैक्टर पलट जाते हैैं। बीते हफ्ते ही हरमू रोड में एक ट्रैक्टर कूड़ा सहित सड़क पर ही पलट गया। जिससे सड़क पर ही सारा कचरा फैल गया। वहीं बिरसा चौक के समीप सिटी बस चालक ने एक बाइक सवार को ठोक दिया। सड़क पर पैदल चलने वाले और टू-व्हीलर पर चलने वालों को ज्यादा परेशानी होती है। रांची की अधिकतर सड़कों पर पाथ वे और फुटपाथ नहीं हैं। इस कारण पैदल चलने वालों के लिए पहले से ही मुसीबत है। लेकिन ऐसे में बस और टै्रक्टर चालकों की कलाबाजी लोगों को और परेशान करती जा रही है।

ड्राइवर्स को ट्रेनिंग की जरूरत

रांची नगर निगम से करीब 20 बस सिटी में चल रही है। वहीं ट्रैक्टर, टाटा एस और दूसरी गाडिय़ा भी नगर निगम की ओर से शहर में चलती है। ज्यादातर ड्राइवर नशे में होते हैं और जैसे-तैसे गाड़ी चलाते हैं। इन ड्राइवर्स को प्रोपर ट्रेनिंग की सख्त जरूरत है। लोग मांग कर रहे हैैं कि नगर निगम को इस दिशा में पहले करते हुए सभी ड्राइवर्स के प्रशिक्षण की व्यवस्था करनी चाहिए। इसके अलावा सिटी में बस स्टॉपेज भी नहीं है। जिस वजह से यात्री जहां-तहां खड़े होकर बस का इंतजार करने लगते है। बस चालकों को बीच सड़क पर ही गाड़ी रोककर यात्री बिठाना पड़ता है। नगर निगम यदि शहर में बस पड़ाव का स्थान चिन्हित कर दे और इसे सख्ती के साथ पालन कराया जाए तो रोड पर जाम की समस्या भी दूर होगी। साथ ही सभी ड्राइवर की डं्रक एंड ड्राइव की भी जांच होनी चाहिए।