- जयंती पर याद किए गए बाबा, डीएसपीएमयू के वीसी ने दी श्रद्धांजलि

रांची। किसान परिवार में जन्मे असीमित प्रतिभा के धनी स्वर्गीय कार्तिक उरांव काफी संघर्ष के बाद उच्च शिखर पर पहुंचे थे। यह काफी कम लोग ही जानते हैं कि एचईसी, बीएयू और सेंट्रल लाइब्रेरी की बिल्डिंग का डिजाइन कार्तिक उरांव ने ही तैयार किया था। वे एक कुशल इंजीनियर तो थे ही, एक बेहतरीन राजनेता भी थे। भारत सरकार के कई विभागों में स्वतंत्र प्रभार के मंत्री रहने के बावजूद उन्होंने खुद को हमेशा अपनी मिट्टी से अलग नहीं होने दिया। मंगलवार को डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी यूनिवर्सिटी में स्वर्गीय कार्तिक उरांव की 95वीं जयंती समारोह के मौके पर उक्त विचार वाइस चांसलर प्रो (डॉ) सत्यनारायण मुंडा ने रखे। उन्होंने स्वर्गीय कार्तिक उरांव के व्यक्तित्व पर विस्तार से प्रकाश डाला।

जीवन पर शोध की जरूरत

मौके पर विशिष्ठ अतिथि के रूप में मौजूद साहित्यकार महादेव टोप्पो ने कहा कि कार्तिक बाबा जैसे लोगों के जीवन पर शोध करने की आवश्यकता है। आज सम्पूर्ण झारखंड में कई ऐसे गुमनाम महापुरुष हैं, जो समाज के साथ-साथ राज्य एवं राष्ट्र के लिए अपना सम्पूर्ण जीवन समर्पित कर रहे हैं।

स्वतंत्र चेयर की स्थापना हो

इस अवसर पर मारवाड़ी कॉलेज के प्राचार्य डॉ उमेश चंद्र मेहता ने भी विचार रखे। विज्ञान संकाय के डॉ दिवाकर त्रिपाठी ने कहा कि यूनिवर्सिटी में स्वर्गीय कार्तिक उरांव के नाम से स्वतंत्र चेयर की स्थापना हो, जिसके माध्यम से यहां की विभूतियों के सोच के अनुरूप समाज एवं राष्ट्र के विकास को रेखांकित किया जा सके। इस अवसर पर कुलसचिव डॉ एनडी गोस्वामी, हिंदी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ अनिल ठाकुर, पीपीके कॉलेज बुंडू में इतिहासकार डॉ सुभाष चंद्र मुंडा ने भी सभा को संबोधित किया।

जीवन परिचय प्रस्तुत किया

इसके पूर्व कुंड़ुख भाषा के विभागाध्यक्ष प्रो रामदास उरांव ने कार्तिक उरांव का जीवन परिचय प्रस्तुत किया। स्वागत भाषण नागपुरी भाषा के विभागाध्यक्ष प्रो लाल एसएन शाहदेव ने किया। मौके पर जनजातीय एवं क्षेत्रीय भाषा के समन्वयक डॉ विनोद कुमार, एमसीए विभाग के डायरेक्टर डॉ आईएन साहू, विभाग के शिक्षक डुमनी माई मुर्मू, विक्रम सेठ, उमेश साव के साथ साथ काफी संख्या में स्टूडेंट्स उपस्थित थे। मंच संचालन जय किशोर मंगल ने किया।