--छह माह बाद रिम्स में एक भी कोरोना मरीज नहीं

- 18 पोस्ट कोविड मरीजों का न्यू ट्रॉमा सेंटर में किया जा रहा इलाज

- रिम्स में ब्लैक फंगस के सात मरीज हैं फिलहाल भर्ती

रांची : करीब छह माह के बाद रिम्स में एक भी कोरोना पॉजिटिव मरीज भर्ती नहीं है। इसके बाद रिम्स के ट्रॉमा सेंटर को अब सामान्य मरीजों के इलाज के लिए खोला जा रहा है। इसे लेकर प्रबंधन ने तैयारी शुरू कर दी है, फिलहाल 18 पोस्ट कोविड मरीजों का इलाज न्यू ट्रॉमा सेंटर में किया जा रहा है। जबकि ब्लैक फंगस के सात मरीज अभी भी विभिन्न वार्ड में भर्ती हैं। जबकि दूसरी ओर सदर अस्पताल में एक पॉजिटिव मरीज का इलाज चल रहा है, जबकि तीन बच्चे कोरोना संदिग्ध के रूप में इलाजरत हैं। रिम्स का ट्रामा सेंटर को सामान्य मरीजों के इलाज के लिए पहले से ही खोलने की तैयारी थी, लेकिन लगातार संक्रमितों की बढ़ती संख्या के कारण इसे पूरा नहीं किया जा सका। अब पॉजिटिव मरीज नहीं हैं तो इसे खोलने की तैयारी है, हालांकि डेंगू वार्ड को अभी भी आइसोलेशन के लिए रिजर्व रखा गया है।

अभी भी सावधानी बेहद जरूरी है

भले ही रिम्स में एक भी मरीज नहीं बचा है, लेकिन अभी भी सावधानी बेहद जरूरी है ताकि संक्रमण फैलने का खतरा कम हो सके। बाजार में अभी भी शारीरिक दूरी का पालन नहीं किया जा रहा है, इतना ही नहीं वैक्सीनेशन केंद्रों पर कोरोना गाइडलाइन का पालन नहीं हो रहा है। लोग मास्क और सैनिटाइजेशन जैसी चीजों को भूलते जा रहे हैं, जिससे अधिक तेजी से संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ सकता हैं। अभी जिले में कुछ दिनों से लगातार कोविड मरीजों के मिलने का सिलसिला जारी है, हालांकि इनमें अधिकतर संक्रमितों का इलाज घर में हो रहा है। कुछ मरीज अभी निजी अस्पतालों में इलाज करवा रहे हैं, जो खतरे से बाहर बताया जा रहा है। ए¨सप्टोमैटिक मरीजों को परमिशन के बाद ही होम आइसोलेशन में भेजा जा रहा है।

105 एक्टिव मरीज

इस सभी के बीच ¨चता का विषय अभी भी बना हुआ है जिले में एक्टिव मरीजों की संख्या 105 है। पिछले शनिवार से दर्जनों में संक्रमित मिलने शुरू हो गए थे। इस माह सर्वाधिक 28 मरीज मिल चुके हैं और अगस्त की शुरुआत में 17 मरीज मिल चुके हैं। इसमें ज्यादातर मरीज होम आइसोलेशन में ही हैं।

ब्लैक फंगस के 07 मरीज

रिम्स में पोस्ट कोविड के मरीज लगातार आ रहे हैं, जिनमें ज्यादातर मरीजों को एडमिट करने की जरूरत पड़ रही है। ब्लैक फंगस के सात मरीजों का इलाज रिम्स में चल रहा है। पीआरओ डा। डीके सिन्हा ने बताया कि रिम्स में एक भी कोरोना मरीज अब नहीं बचा है जबकि ब्लैक फंगस में मरीजों की संख्या भी अधिक है लेकिन सभी खतरे से बाहर है और उम्मीद जताई जा रही है कि जल्दी वे स्वस्थ हो जाएंगे। इन सात मरीजों में एक पोस्ट ब्लैक फंगस का मरीज इलाजरत है।

ट्रीटमेंट प्रोटोकोल है तैयार

कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर से लड़ने के लिए टास्क फोर्स ट्रीटमेंट प्रोटोकोल तैयार कर लिया गया है। इसमे रिम्स के कई विशेषज्ञ डाक्टरों ने ट्रीटमेंट प्रोटोकोल तैयार किया है। इसका समन्वयक डा। प्रभात कुमार को बनाया गया है। कोरोना की पहली और दूसरी लहर में संक्रमितों के उपचार को लेकर आइसीएमआर के गाइडलाइंस के अनुसार केंद्र और राज्य सरकार ने ट्रीटमेंट प्रोटोकोल तैयार किया था, उसी आधार पर तीसरी लहर में बच्चों के संभावित संक्रमण को ध्यान में रखकर इस ट्रीटमेंट प्रोटोकोल को तैयार किया गया है, जिससे बच्चों को देखने में आसानी होगी। प्रोटोकॉल में सामान्य लक्षणों के अलावा बच्चों की बीमारियों के उपचार पर विशेष फोकस किया जाएगा।