रांची (ब्यूरो)। रांची सहित राज्य भर में हर दिन जो बिजली की किल्लत हो रही है उसे दूर करने के लिए अब झारखंड सरकार अल्टरनेटिव एनर्जी पर काम करना शुरू कर दी है। इसके लिए झारखंड रिन्यूएबल एनर्जी डेवलपमेंट(ज्रेडा) की ओर से रांची सहित राज्य भर में 320 मेगावाट का सोलर पावर पार्क बनाने की तैयारी की जा रही है। इस पार्क को बनाने के लिए जगह चिन्हित कर ली गई है। अब वहां की फि जिब्लिटी रिपोर्ट करके पूरी तरह से एसेसमेंट तैयार किया जाएगा। इसके लिए एजेंसी का चयन किया जा रहा है।

जो एग्रीकल्चर लैंड नहीं है

ज्रेडा के एक अधिकारी ने बताया कि राज्य के 4 जिलों में सोलर एनर्जी पार्क बनाने के लिए करीब 100 एकड़ जमीन चिन्हित कर ली गई है। प्रस्ताव के मुताबिक उस भूमि पर सौर ऊर्जा का प्लांट लगाना लाभप्रद है जो कृषि के लायक नहीं है। सरकार सौर ऊर्जा नीति बनाएगी, ताकि सौर ऊर्जा योजनाओं के लिए जमीन चिन्हित की जा सके। एक मेगावाट बिजली उत्पादन के लिए पांच एकड़ भूमि की जरूरत होगी। सौर उर्जा उत्पादन के लिए सरकार किसानों को भी प्रेरित करेगी। केंद्र सरकार इसके लिए सब्सिडी भी मुहैया कराती है। तीन किलोवाट तक के प्लांट पर 40 प्रतिशत और चार किलोवाट तक के लोड पर 20 प्रतिशत सब्सिडी का प्रावधान है।

हर जिले में एसेसमेंट

सरकार ने हर जिले में बिजली की डिमांड और उसके मुकाबले सौर ऊर्जा की संभावना पर अध्ययन किया है। इसके मुताबिक बोकारो में कुल डिमांड 141 मेगावाट है। इसमें 60 मेगावाट सौर ऊर्जा उत्पादन किया जा सकता है। इसी प्रकार चतरा में 10 मेगावाट, देवघर में 45 मेगावाट, धनबाद में 100 मेगावाट, दुमका में 25 मेगावाट, पूर्वी सिंहभूम में 70 मेगावाट, गढ़वा में 30 मेगावाट, सरायकेला में 40 मेगावाट, सिमडेगा में 10 मेगावाट का उत्पादन हो सकता है। पश्चिम सिंहभूम में 40 मेगावाट, गिरिडीह में 41 मेगावाट, गोड्डा में 15 मेगावाट, गुमला में 15 मेगावाट, हजारीबाग में 70 मेगावाट, जामताड़ा में 15 मेगावाट, खूंटी में 10 मेगावाट, कोडरमा में 60 मेगावाट, लातेहार में पांच मेगावाट, लोहरदगा में 10 मेगावाट, पाकुड़ में 10 मेगावाट, पलामू में 40 मेगावाट, रामगढ़ में 30 मेगावाट, रांची में 180 मेगावाट और साहिबगंज में 20 मेगावाट सौर ऊर्जा का उत्पादन किया जा सकता है। यानी हर जिले की आधा से ज्यादा बिजली डिमांड की आपूर्ति सौर ऊर्जा उत्पादन के जरिए की जा सकती है।

2026 तक 5000 मेगावाट लक्ष्य

झारखंड वर्ष 2026 तक 5000 मेगावाट सौर ऊर्जा का उत्पादन करेगा। ज्रेडा द्वारा सौर ऊर्जा नीति 2021 का प्रस्ताव तैयार किया गया है, प्रस्ताव में सरकार ने 2026 तक राज्य के विभिन्न हिस्सों में पांच हजार मेगावाट सोलर पावर का लक्ष्य रखा है। इसी के तहत नीति तैयार की गई है, साथ ही सोलर विलेज, सोलर सिटी और सोलर डिस्ट्रिक्ट भी बनाने की बात कही गई है।

हर गांव में सोलर प्लांट

राज्य सरकार ने राज्य में सोलर विलेज, सोलर सिटी और सोलर डिस्ट्रिक्ट को बढ़ावा देने की बात कही है। इसके तहत ग्रामीण इलाकों में मिनी और माइक्रो ग्रिड की स्थापना की जानी है। गांवों में सौर ऊर्जा आधारित कोल्ड स्टोरेज की स्थापना, कृषि उत्पादों के लिए सोलर ड्रायर, सोलर पंप, सोलर चरखा को बढ़ावा देने की बात कही गई है। राज्य सरकार ने पहले चरण में 1000 गांवों को पूर्ण सोलर विलेज बनाने का लक्ष्य रखा है। इसमें जेएसएलपीएस का सहयोग लेकर संबंधित गांवों का चयन किया जाएगा, जहां सारा कुछ सौर ऊर्जा पर आधारित होगा।

हर साल का लक्ष्य तय

ज्रेडा ने पांच हजार मेगावाट लक्ष्य प्राप्त करने के लिए साल दर साल का लक्ष्य निर्धारित किया है। इसके तहत वर्ष 2022 में 483 मेगावाट, वर्ष 2023 में 807 मेगावाट, 24 में 1075 मेगावाट, 25 में 1600 मेगावाट व 2026 में 1035 मेगावाट क्षमता के पावर प्लांट विभिन्न स्रोतों से लगाए जाएंगे। इसमें 1800 मेगावाट सोलर पार्क, 1200 मेगावाट नन सोलर पार्क, 800 मेगावाट फ्लॉटिंग सोलर प्लांट और 200 मेगावाट कैनल टॉप सोलर प्लांट स्थापित किए जाएंगे। वहीं 250 मेगावाट रूफटॉप, 220 मेगावाट कैप्टिव सोलर प्लांट, 250 मेगावाट सोलर एग्रीकल्चर और 110 मेगावाट मिनी तथा माइक्रो ग्रिड स्थापित किए जाएंगे।

320 मेगावाट बिजली का होगा उत्पादन

राज्य में सोलर एनर्जी पार्क को लेकर झारखंड के रिन्यूवल एनर्जी डेवलपमेंट एजेंसी (जरेडा) के डायरेक्टर केके वर्मा से बातचीत

रिपोर्टर- राज्य में चार सोलर एनर्जी पार्क लगने वाला है, यह प्रोसेस कहां पहुंचा है?

डायरेक्टर- झारखंड का सोलर एनर्जी पॉलिसी 2022, 5 जुलाई को लागू होगा। मुख्यमंत्री इसकी शुरुआत करेंगे। इससे सोलर एनर्जी में इन्वेस्टमेंट भी आएगा और उत्पादन भी होगा।

रिपोर्टर- सोलर पार्क कहां कहां बनेगा

डायरेक्टर- झारखंड में सोलर पार्क रांची, पलामू गढ़वा और देवघर में बनेगा। इसके लिए हर जिले में 100 एकड़ जमीन जरेडा को उपलब्ध करा दी गई है। जमीन का आवंटन भी हो गया है। अब जरेडा को हैंड ओवर किया जाएगा।

रिपोर्टर- सोलर एनर्जी से क्या लाभ राज्य को मिलेगा?

डायरेक्टर- झारखंड में चार सोलर पार्क बन जाने के बाद 320 मेगावाट बिजली का उत्पादन राज्य में होने लगेगा। अभी 300 मेगावाट सोलर एनर्जी की खरीदारी कर रहे हैं। जब राज्य में उत्पादन होने लगेगा तो कम लागत में खरीदारी होगी।