RANCHI: सीएम हाउस से क्00 मीटर दूर, नेता प्रतिपक्ष आवास के अपोजिट व गवर्नर हाउस से सटे आड्रे हाउस के पास स्थित पेड़ पर फांसी लगाकर एक युवक ने रविवार को खुदकुशी कर ली। राजधानी रांची की सिक्योरिटी को तार-तार करने वाला यह हादसा राज्य के इस सबसे बड़े वीआईपी इलाके में दोपहर एक बजे तब हुआ, जब रोड पर आने-जाने वाले लोगों का तांता लगा हुआ था। हमेशा टाइट सिक्योरिटी होने के बावजूद यहां किसी की नजर आत्महत्या कर रहे इस युवक पर नहीं पड़ी। जबकि युवक को पेड़ से लटकने व खुदकुशी करने में कम से कम ख्0-ख्भ् मिनट तो लगे ही होंगे। हालांकि, राहगीरों की नजर पड़ी, लेकिन तब तक वह इस दुनिया से चल बसा था।

शव की पहचान नहीं

इस रोड से गुजर रहे लोगों ने जब युवक को झूलते देखा, तो इसकी सूचना पीसीआर वैन को दी। इसके बाद पुलिसकर्मियों ने युवक के शव को पेड़ से उतारकर रिम्स पहुंचाया। शव का पोस्टमार्टम डॉक्टरों ने किया। युवक की पहचान फिलहाल नहीं हो पाई है। पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली है।

पॉकेट में मात्र क्0 रुपए

सुसाइड करने वाले इस युवक के पैंट के पॉकेट से सिर्फ दस रुपए मिले है। इसके अलावा न कोई सुसाइड नोट मिला है, और ना ही कोई आईडी प्रूफ मिला है। इस वजह से पुलिस किसी ठोस नतीजे पर नहीं पहुंच पाई है। पुलिस का अनुमान है कि युवक रांची शहर का नहीं है, वह आसपास के गांव का रहने वाला है। उसके बाल बढ़े हुए हैं। दाढ़ी भी बढ़ी हुई है। पुलिस छानबीन में जुट गई है।

हाथ में निशा लिखा है

मृतक युवक के बाएं हाथ पर निशा लिखा हुआ है। गोदना गुदवा कर निशा लिखा है। पुलिस मान रही है कि निशा उसकी बेटी का नाम हो सकता है। वहीं, कुछ पुलिस अधिकारियों का कहना है कि युवक गांव का लग रहा है, जो ट्रॉजर- टीशर्ट व गमछा लपेटे हुए है। हो सकता है कि सुबह-सुबह लड़ाई झगड़ा हुआ होगा और उसने रांची आकर सुसाइड कर ली।

उठ रहे ये सवाल

वीआईपी रोड पर कहां थी सुरक्षा

जिस जगह पर युवक ने आत्महत्या की है, वो रांची का सबसे वीआईपी रोड है। गवर्नर हाउस से सटे आड्रे हाउस की बाउंड्री के पास युवक ने आत्महत्या की है। सामने विपक्ष के नेता हेमंत सोरेन का घर है। बगल में सूचना भवन है, जहां आईआईएम रांची है। थोडी दूर पर दीन दयाल नगर में मुख्य सचिव, विकास अयुक्त के घर हैं। बगल में ही आईएएस ऑफिसर्स क्वार्टर्स हैं। आखिर यहां उसे फांसी लगाते हुए किसी ने क्यों नहीं देखा।

कहां गए सीसीटीवी कैमरे

गवर्नर हाउस की बाउंड्री व नेता प्रतिपक्ष का बगल में ही घर है। सुरक्षा की लिहाज से सीसीटीवी कैमरा भी लगाया गया है। दिन के समय में जब इस रोड पर लोग काफी संख्या में आते-जाते हैं, तो कोई व्यक्ति पेड़ पर रस्सी डाल कर झूलने की तैयारी करता है, और किसी की नजर तक नहीं पडती है। ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर वीआईपी इलाके में लोग कैसे सेफ हैं।

बिजी रास्ते में किसी ने कैसे नहीं देखा

वीआईपी रोड में पुलिस से लेकर हर वीआईपी लोगों का आना-जाना लगा रहता है। दिन में उस व्यक्ति को सुसाइड करने के लिए कम से कम ख्0 मिनट से अधिक का समय तैयारी करने में लगा होगा, ऐसे में किसी ने उसको रोका नहीं, किसी की नजर आखिर उस पर क्यों नहीं पड़ी।