RANCHI : हेमंत सोरेन की गठबंधन सरकार विभिन्न मामलों में फंसे मंत्रियों को लेकर चारों तरफ से घिरती नजर आ रही है। पुलिस ने तारा शाहदेव प्रकरण में जहां मंत्री हाजी हुसैन अंसारी और राजद के सुरेश पासवान से पूछताछ ने सरकार की किरकिरी करा दी है। उसी प्रकार योगेंद्र साव के अपराधकर्मियों से सांठगांठ करने के आरोप में उन पर विपक्ष द्वारा इस्तीफे की मांग की गई है। कांग्रेस ने इस मामले में जांच कमिटी बनाई। जांच कमिटी के आधार पर योगेंद्र साव की रिपोर्ट आलाकमान को सौंपी जाएगी। उधर, क्फ् सितंबर तक योगेंद्र साव से इस्तीफा देने के लिए कहा गया है। पर, हर बार वे सीएम के कहने पर इस्तीफा देने की बात कहकर टाल रहे हैं। यदि इस दौरान योगेंद्र साव इस्तीफा नहीं देते हैं तो उनके बर्खास्तगी का निर्णय लिया जा सकता है। यदि योगेंद्र साव बर्खास्त कर दिए जाएंगे तो हेमंत कबीना के ये तीसरे ऐसे मंत्री होगें जो बर्खास्त होगें?

ददई दूबे और साइमन मरांडी हो चुके हैं बर्खास्त

गौरतलब है कि पूर्व में चंद्रशेखर दूबे उर्फ ददई दूबे ने सीएम हेमंत सोरेन के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे, जिसके बाद सोरेन ने आलाकमान से ददई दूबे की शिकायत की थी। इसके बाद सीएम हेमंत सोरेन ने राज्यपाल सैयद अहमद के समक्ष मंत्री को बर्खास्त करने के अनुरोध से जुड़ी सिफारिश भेजी थी। राज्यपाल ने इस पर अपनी मंजूरी दे दी थी। तब उन्हें उनके पद से बर्खास्त करते हुए केएन त्रिपाठी को मंत्री पद दिया गया था। इससे पूर्व राज्यपाल सैयद अहमद ने खाद्य आपूर्ति मंत्री साइमन मरांडी को बर्खास्त कर दिया था। बताया जाता था कि लोकसभा चुनाव में झारखंड मुक्ति मोर्चा के खिलाफ काम करने के कारण मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने उन्हें हटाने की सिफारिश की थी।

नक्सली संगठन चलाने का आरोप

इधर नक्सली संगठन चलाने और हत्या की सुपारी व लेवी वसूल करने का आरोप झेल रहे झारखंड के कृषि मंत्री योगेंद्र साव पर ख्00क् के बेलतू में हुए नरसंहार में योगेंद्र साव के शामिल होने की बात सामने आई है। न्यायालय के रिकॉर्ड में बेलतू नरसंहार में शामिल द्वारिका सिंह और बिगन तुरी ने बयान दिया है कि माओवाद के खिलाफ केरेडारी में संगठित ग्राम रक्षा दल को सबक सिखाने के लिए आठ अप्रैल, ख्00क् को खुटरा गंझू के घर पर माओवादियों के एरिया कमांडर कैलाश साव ने एक बैठक की थी। इसमें योगेंद्र साव भी शामिल हुए थे। बैठक में बेलतू के कुलदीप गंझू, किशोर मिंज, नागो गंझू, मतलू गंझू व बिजली गंझू समेत दर्जनों माओवादी शामिल थे। इन पर क्ब् अप्रैल, ख्00क् को नक्सलियों ने नरसंहार की नीति बनाई थी। एरिया कमांडर के नेतृत्व में तीन सौ से अधिक नक्सली बेलतू गांव पहुंचे थे और घरों में आग लगा दी थी। इस हमले में क्फ् लोग मारे गए थे।