रांची (ब्यूरो) । राजधानी रांची में मर्डर आम बात हो गई है। हर दूसरे दिन किसी न किसी व्यक्ति की डेडबॉडी बरामद होती ही है। किसी की हत्या कर दी जाती है तो किसी अज्ञात का शव बरामद किया जाता है। इस महीने अबतक आधा दर्जन शव बरामद हो चुके हैं। कुछ में पुलिस की तेज कार्रवाई से अपराधी कानून की गिरफ्त में होते हैं तो कुछ मामलों में अपराधी बच निकलने में सफल हो जाते हैं। दैनिक जागरण आइनेक्स्ट ऐसे ही अनसुलझे मामलों को प्रकाशित कर रहा है। आज के अंक में हम बात करेंगे भाजपा नेता प्रेम सागर मुंडा हत्याकांड के बारे में। इस चर्चित मामले में पुलिस को अबतक कोई खास सफलता नहीं मिली है। दिनदहाड़े अपराधियों ने प्रेम सागर मुंडा को मौत के घाट उतार दिया था। इस मामले में प्रेम के दुश्मनों से लेकर टीपीसी तक के भी हाथ होने की बात कही गई। लेकिन पुलिस मुख्य अपराधी को गिरफ्तार करने मेें अब भी सफल नहीं है। इस मामले में पुलिस अबतक तीन दर्जन संदिग्धों से पूछताछ कर चुकी है। लेकिन पुलिस के हाथ खाली हैं।

सरेराह मारी थी गोली

बीजेपी अनुसूचित जनजाति मोर्चा के प्रदेश उपाध्यक्ष प्रेम सागर मुंडा की हत्या तीन साल पहले कर दी गई थी। मोरहाबादी मैदान फुटबॉल स्टेडियम के समीप अपराधियों ने मुंडा को गोली मारते हुए रिंग रोड की ओर भाग निकले थे। शाम करीब सात बजे इस वारदात को अंजाम दिया गया। पांच से छह अपराधियों ने प्रेम सागर को घेरकर गोली मारी और फरार हो गए। पुलिस ने इस मर्डर मिस्ट्री को उग्रवादी संगठन टीपीसी से जोड़ कर देखना चाहा। लेकिन संगठन के लोगों ने खुद ही पत्र जारी कर पुलिस के कयास पर पानी फेर दिया। यह भी बताया गया कि मृतक नक्सलियों के लिए लेवी वसूलने का काम किया करता था, और लेवी में विवाद के कारण ही उसे गोली मार दी गई। लेकिन पुलिस अपने इस दावों को आजतक साबित नहीं कर सकी है।

चोरी की बाइक में आए थे शूटर्स

पुलिस को छानबीन में यह जरूर मालूम हुआ है कि घटना में इस्तेमाल की गई बाइक चोरी की थी। तीन मार्च 2020 को शाम सात बजे करीब दो अपराधी बाइक से आए आए, प्रेम सागर मुंडा से कुछ बात की, जिसके बाद अपराधियों ने उस पर फायरिंग कर दी। नाइन एमएम की पिस्टल से ताबड़तोड़ छह गोलियां बरसाई गर्ई थीं। एक गोली प्रेम के सिर में व शेष शरीर के अन्य हिस्सों में लगी थी। गोली मारने के बाद अपराधी मौके से एदलहातू के रास्ते फरार हो गए। घटना के बाद स्थानीय लोगों की मदद से आनन-फानन में प्रेम सागर मुंडा को रिम्स ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

संपत्ति जांच कर रही एजेंसी

प्रेम सागर मुंडा के खिलाफ एनआइए भी जांच में जुटी थी। टेरर फंडिंग के मामले में चतरा के पिपरवार (कांड संख्या 36-19) में प्रेम सागर मुंडा समेत 77 आरोपियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी। एनआइए सभी आरोपितों की चल-अचल संपत्ति को खंगालने में जुटी है। बताया गया है कि प्रेम ने रांची स्थित मोरहाबादी, कांके सहित कई इलाके में संपत्ति खरीदी थी। टीएसपीसी से जुड़े प्रेम सागर मुंडा के खिलाफ एनआइए के साथ-साथ पुलिस भी जांच में जुटी थी। प्रेम के खिलाफ टंडवा थाना में (कांड संख्या 222-18) भी मामला दर्ज है। नाम नहीं छापने की शर्त पर एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि प्रेम सागर मुंडा उग्रवादियों के लिए काम करता था। उसपर लेवी वसूलने समेत कई मामले दर्ज हैं। मामले की जांच दो एसपी व पांच डीएसपी कर रहे है।