रांची (ब्यूरो)। धनबाद में एक सप्ताह के अंदर आग लगने की जो हृदय विदारक घटनाएं हुई हैं, उसकी राज्य के साथ-साथ पूरे देश भर में चर्चा है। आग लगने की इस घटना को लेकर लोग डरे-सहमे हैं। अब झारखंड अग्निशमन विभाग पर लोगों को आशा है कि कोई ऐसी घटना अगर होती है तो समय पर इस पर काबू पाया जाए। इसके लिए विभाग को भी दुरुस्त होना होगा, लेकिन झारखंड अग्निशमन विभाग के पास अधिकारियों और कर्मचारियों का टोटा है। ऐसे में विभाग क्या कर सकता है।
आधे से ज्यादा कर्मी कम
झारखंड के अग्निशमन विभाग के पास मैन पावर की भारी कमी है। रांची के डोरंडा स्थित अग्निशमन विभाग की ओर से खाली पड़े पदों के लिए कई बार सरकार को प्रस्ताव भेजा गया, लेकिन अब तक रिक्तियों को भरा नहीं जा सका है। विभाग में कुल 875 पद सृजित हैं, जबकि विभाग 433 पदाधिकारियों और कर्मचारियों से ही काम चला रहा है। यानी विभाग के पास वर्तमान में आधे से ज्यादा यानी 442 कर्मचारियों की कमी है।
राज्य भर में स्टाफ्स का टोटा
झारखंड में कुल 35 फ ायर स्टेशन हैं, जहां वाटर टेंडर, वॉटर वॉयजर, होम वाटर टेंडर, मिनी वाटर टेंडर, इमरजेंसी रेस्क्यू टेंडर, ब्रांडों स्काई लिफ्ट जैसे वाहनों के जरिए आग पर काबू पाया जाता है, लेकिन इन सभी जगहों पर कर्मचारियों की भारी कमी है।
अधिकतर पद खाली हैं
-राज्य भर में 875 पद स्वीकृत हैं, लेकिन वर्तमान में मात्र 433 कर्मचारी के भरोसे ही काम चल रहा है।-अपर आग अग्निशमन पदाधिकारी के दो पद हैं, दोनों खाली हैं।
-प्रमंडलीय अग्निशमन पदाधिकारी के 6 पद हैं, सभी खाली हैं
-अग्निशमन अधिकारी के 12 पद हैं, मात्र एक ही अग्निशमन अधिकारी हैं
-फायर स्टेशन अफसर के 44 पद हैं, सभी पद खाली हैं।
-सब फ ायर स्टेशन अफ सर के 44 पद हैं, 34 कर्मचारी काम कर रहे हैं।
-प्रधान अग्नि चालक के 221 पद हैं, 151 वर्तमान में काम कर रहे हैं, जबकि 70 पद रिक्त हैं
-अग्नि चालक के 502 पद हैं, फि लहाल 235 काम कर रहे हैं, 267 पद रिक्त हैं।
-स्टेनो सह कंप्यूटर ऑपरेटर के 8 पद हैं, सभी खाली हैं
-प्रधान लिपिक से लेखापाल के दो पद हैं, दोनों खाली हैं
-एलडीसी के 15 पद हैं, 6 ही काम कर रहे हैं, 9 पद रिक्त हैं।
-आदेशपाल के 18 पद हैं, 16 पद रिक्त हैं।