रांची(ब्यूरो)। राजधानी रांची में रात के अंधेरे में चोरी करना तो आम बात है। चोरों का दुस्साहस इस कदर बढ़ गया ह कि दिनदहाड़े भी चोरी से पीछे नहीं हट रहे हैं। बीते कुछ दिनों में दिन के उजाले में चोरी को अंजाम दिया गया है। कुछ घंटे भ्भी घर या फ्लैट बंद कर परिवार कहीं जा रहे हैं तो उतनी ही देर मेें चोर अपना काम कर निकल जाते हैं। चोर अपना काम कर रहे हैं, लेकिन सुरक्षा के नाम पर कहीं कोई व्यवस्था नजर नहीं आती। आलम यह है कि अपार्टमेंट के फ्लैट में भी दिन दहाड़े चोरी करके निकल जा रहे हैं। बीते दिनों बरियातू थाना क्षेत्र कुसुम विहार में स्थित एक अपार्टमेंट में अज्ञात अपराधियों ने चोरी की बड़ी वारदात को अंजाम दिया है। ख्खास बात यह है कि यह चोरी रात के अंधेरे में नहीं, बल्कि दिन की रोशनी में हो रही है। ऐसे ही दूसरे इलाकों से भी शिकायतें सामने आई हैं।

चोरी से पहले रेकी

सिटी में चोरों का गिरोह एक्टिव है। गिरोह के सदस्य राजधानी के पॉश इलाकों की पहले रेकी करते हैं। फिर उसके बाद वारदात को अंजाम देते हैं। गिरोह के सदस्य अपार्टमेंट के इर्द-गिर्द घूमते है जहां बंद फ्लैट को ये लोग चिन्हित करते हैं फिर वहां से कीमती सामान और कैश ले उड़ते हैं। राज्य में सबसे ज्यादा चोरी राजधानी रांची में हो रही है। रांची में चोरों का फिर आंतक बढ़ गया है। चोरी की वारदात रांची में सबसे च्यादा हो रही हैं। राज्य भर में जितनी चोरी की वारदात थाने में दर्ज होती हैं, उनमें 20 फीसदी से अधिक सिर्फ राजधानी की हैं। वहीं, राजधानी की पुलिस दावा करती है कि यहां के लोगों व उनके जान-माल की सुरक्षा के लिए सबसे ज्यादा सुरक्षा व्यवस्था है। अधिक से अधिक संख्या में पुलिस की तैनाती है। इसके बाद भी इतनी बड़ी संख्या में चोरी होना इस बात को दर्शाता है कि राजधानी के लोगों का सामान घर में भी सुरक्षित नहीं है।

चोरी में रांची अव्वल

यदि छह महीने में राज्य भर में हुई चोरी की वारदातों पर नजर डाली जाए, तो सबसे ज्यादा चोरी रांची में ही हुई। नवंबर महीने में 211 से ज्यादा चोरी की वारदात विभिन्न थानों में दर्ज हुईं। वहीं अक्टूबर में 190 और सितंबर में 200 से अधिक चोरी की वारदात हुई है। अगर राज्य भर में हुई कुल चोरी की वारदातों से इसका प्रतिशत निकाला जाए तो यह 20 फीसदी से ज्यादा है।

खरीदार रहता है तैयार

पुलिस की मानें तो चोरी के सामान खरीदने वाले व्यक्ति भी पहले से तैयार कर लिये जाते हैं। जो भी दाम मिले उसी कीमत पर सामान छोड़ दिया जाता। वह व्यक्ति इसे दूसरी जगह सप्लाई कर देता है। वहीं कैश हाथ लगने पर सभी सदस्य आपस में बंटवारा कर लेते हैं। चोरों के गिरोह में ताला तोडऩे वाले एक्सपर्ट से लेकर लॉकर खोलने वाले समेत तमाम शातिर लोग शामिल होते हैं। गिरोह में महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं। इनका काम भी घरों और दुकानों की रेकी करना ही होता है। दिन में विभिन्न इलाकों में घूमकर घरों को चिन्हित करती हैं। मौका मिलते ही दिन में भी महिलाएं सामानों पर हाथ साफ कर लेती हैं। कई बार लोगों के घरों से लैपटॉप, मोबाइल फोन जैसे सामान गायब होने की शिकायतें थानों तक पहुंच चुकी हैं। लेकिन पुलिस न तो चोरों तक पहुंच पाती है और न ही चोरी हुए सामान को रिकवर करने में पुलिस को सफलता मिल रही है।

केस-1

बरियातू थाना क्षेत्र के कुसुम विहार में अज्ञात अपराधियो ने दिनदहाड़े सुधा एनक्लेव अपाटमेंट स्थित फ्लेट में चोरी को अंजाम दिया। घर के लोग घर बंद करके बच्चे को स्कूल से लाने गए थे। इसी बीच चोरों ने घर में हाथ साफ कर लिया।

केस-2

डोरंडा थाना क्षेत्र कीकिलबर्न कॉलोनी में भी ऐसी ही वारदात हुई। कॉलोनी में रहने वाले उमेश प्रताप सिंह के घर के कीमती सामान और कैश चोरो ने उड़ा लिये। इसे भी उस वक्त अंजाम दिया गया है जब उमेश अपने भतीजे को लेने स्कूल गए हुए थे।