RANCHI:आज ब्लड डोनर्स डे है। पिछले साल बहुत सारे लोगों की जान सिर्फ इसलिए बच पाई क्योंकि किसी न किसी ने अपना क्भ् मिनट समय व फ्भ्0 मिलीलीटर खून दिया। ब्लड डोनर्स द्वारा थोड़ा समय और थोड़ा खून देने से हजारों लोगों को जीने के लिए कई साल मिल गए। लेकिन इतना पर्याप्त नहीं है, और खून की जरूरत है। रांची में हर महीने करीब फ्भ्00 यूनिट खून चाहिए, लेकिन मिलता है सिर्फ क्700 यूनिट है। यानी करीब ब्8 फ सदी ही खून मिल पाता है। वहीं, देश भर में हर साल फ्0 लाख यूनिट ब्लड की कमी है।

तुरंत खून बनता है

रिम्स के डॉ जेके मित्रा बताते हैं कि कोई भी स्वस्थ व्यक्ति रक्तदान कर सकता है। इससे शरीर में किसी भी प्रकार की समस्या नहीं आती है। जितना खून आप दान करते हैं, उतना खून अगले फ्-ब् दिन में बन जाता है। ट्रॉमा के केस में सबसे ज्यादा खून बहता है। थैलेसिमिया, हीमोफीलिया से पीडि़त लोगों को बार-बार खून चढ़ाने की जरूरत होती है। ऐसे में वॉलंटरी ब्लड डोनर ही जिंदगी बचा सकते हैं।