रांची(ब्यूरो)। रामगढ़ से लेकर बुंडू तक ऐसा कोई भी दिन नहीं, जब नेशनल हाईवे पर सड़क दुर्घटना नहीं होती है। बड़े हादसे होने पर कई लोगों को अपनी जान भी गंवानी पड़ती है। अधिक दुर्घटना होने के बाद नेशनल हाईवे पर लोगों को इलाज की सुविधा तत्काल मिले, इसके लिए ट्रॉमा सेंटर बनाने की कवायद शुरू की गई, अच्छी बात यह है कि रामगढ़ और बुंडू दोनों जगहों पर ट्रॉमा सेंटर बनकर तैयार है। अब इस नेशनल हाईवे पर एक्सीडेंट होने पर लोगों की जान गोल्डन आवर में बचाई जा सकती है। क्योंकि इस ट्रॉमा सेंटर में सारी सुविधाएं उपलब्ध हो गई हैं।

डॉक्टर भी हुए नियुक्त

राष्ट्रीय राजमार्ग पर सड़क हादसों में घायलों को अब तत्काल इलाज उपलब्ध होगा। स्वास्थ्य विभाग द्वारा बुंडू में एनएच-33 पर ट्रॉमा सेंटर तैयार है। इसके लिए डॉक्टरों और मेडिकल स्टॉफ को प्रतिनियुक्त कर दिया गया है। शुरुआत में ट्रामा सेंटर में छह बेड की सुविधा उपलब्ध होगी। बाद में इसे बढ़ाकर 10 बेड का किया जाएगा। गंभीर रूप से घायल यात्रियों का समय पर इलाज हो सकेगा और उनकी जान बच सकेगी।

घायलों का तत्काल इलाज

रांची से जमशेदपुर के बीच 100 किमी के दायरे में एनएच पर एक भी ट्रॉमा सेंटर नहीं है। इस मार्ग पर पडऩेवाले प्राथमिक व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में डॉक्टरों व संसाधनों की भारी कमी है। इस कारण गंभीर रूप से घायलों का तत्काल उपचार नहीं हो पाता है। इसी तरह हजारीबाग से रांची के बीच भी ट्रामा सेंटर नहीं है, जिसके कारण इस रूट पर एक्सीडेंट होने पर लोगों का समय पर इलाज नहीं हो पाता था। अब रामगढ़ में भी ट्रॉमा सेंटर खुल जाने से लोगों को तत्काल इलाज की सुविधा मिलेगी।

रामगढ़ में यहां ट्रॉमा सेंटर

रामगढ में भी ट्रॉमा सेंटर तैयार है। इससे बड़ा लाभ यह होगा कि राष्ट्रीय राजमार्ग पर सड़क दुर्घटना की स्थिति में घायलों का तत्काल उपचार हो सकेगा। चुटुपालू घाटी से रामगढ़ की ओर आते ही सड़क किनारे इसका निर्माण कराया गया है, ताकि आपात स्थिति में घायलों को तत्काल चिकित्सकीय सुविधा उपलब्ध कराई जा सके। ऐसे में घायलों का समय पर इलाज कर उनकी जान बचाई जा सकेगी। रामगढ़ सदर अस्पताल करीब आठ-नौ किलोमीटर दूर छत्तरमांडू में स्थित है। फोरलेन सड़क निर्माण के साथ ही यहां ट्रामा सेंटर बनवाने की मांग तेज हुई थी।

चुटपालू घाटी में अक्सर हादसे

रामगढ़ रांची मार्ग पर चुटपालू घाटी में आए दिन दुर्घटनाएं होती हैं। शायद किसी दिन ऐसा हो जब दुर्घटना न होती हो। उस दिन स्थानीय पुलिस भी राहत महसूस करती है। रविवार को ही एक ट्रेलर दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इसमें चालक गंभीर रूप से घायल हो गया, जिसे तत्काल सदर अस्पताल रामगढ़ में इलाज के लिए भर्ती कराया गया। ट्रामा सेंटर शुरू हो जाने तक घायलों को तत्काल यहां लाकर इलाज शुरू किया जाएगा।

124 ब्लैक स्पॉट

राज्य में 240 दुर्घटना संभावित क्षेत्रों में 124 ब्लैक स्पॉट के रूप में चिह्नित किए गए हैं। इसमें से कई इस हाइवे पर मौजूद हैं। समय पर इलाज नहीं मिलने के कारण दुर्घटना में लोगों की जान चली जाती है। सबसे अधिक दुर्घटनाएं रामगढ़ से लेकर बुंडू तक नेशनल हाईवे पर होती हैं। अब इन दोनों जगहों पर ट्रॉमा सेंटर शुरू हो जाने से लोगों को इलाज की सुविधा तत्काल मिलेगी।