रांची (ब्यूरो)। कार्यक्रम के दौरान इस संगोष्ठी के आयोजन सचिव डॉ ईश्वरी प्रसाद गुप्ता के द्वारा अपने स्वर्गीय दादा एवं दादी और माता-पिता के नाम पर वनस्पति विभाग में गोल्ड मेडल देने की शुरुआत की गई। इसी के तहत दोनों शिक्षाविदों को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम के दौरान राष्ट्रीय स्तर पर वनस्पति विज्ञान में उल्लेखनीय कार्यों के लिए शिक्षकों को सम्मानित किया गया।

जलवायु परिवर्तन पर चर्चा

इस मौके पर ग्लोबल वार्मिंग, जलवायु परिवर्तन और प्रदूषण के मूल विषयों पर आधारित इस सम्मेलन का उद्घाटन विशिष्ट अतिथियों के द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया गया। इसके बाद उद्घाटन सत्र का प्रारंभ संजय कुमार, अवकाशप्राप्त डायरेक्टर जेनरल ऑफ फारेस्ट, भारत सरकार के की नोट एड्रेस से किया गया। इसमें उन्होंने मानव समाज, जलवायु परिवर्तन और पारिस्थिकी के अंतरसंबंध और संतुलन के विषय में विस्तार से बताया।

प्रो नाग ने सुझाए उपाय

शिक्षाविद प्रो केके नाग ने वर्तमान समय की सबसे बड़ी आवश्यकता मानवता को बताया और भावी पीढ़ी को सामूहिकता और मानवता को सामने रखकर प्रत्येक कार्य को करने की सीख दी। उन्होंने कहा वनस्पति जगत में भी सूक्ष्मतम जीवों की महत्ता पर बल दिया जाता है। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि रांची विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति और वर्तमान में उषा मार्टिन विश्वविद्यालय, रांची के कुलपति प्रो रमेश कुमार पांडेय ने कहा कि आने वाली पीढ़ी के अस्तित्व के लिए तीन दिवसीय इस संगोष्ठी का विषय काफी प्रासंगिक है और आशा है कि इसके काफी सार्थक परिणाम निकलेंगे।

इन्होंने भी रखे विचार

इस अवसर पर सत्र के विशिष्ट अतिथि प्रो पी कौशिक, पूर्व विभागाध्यक्ष और डीन, गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय, हरिद्वार, डॉ के एम पटेल, अध्यक्ष, ग्लोबल एग्रो बायोटेक, डॉ जे भंगाले और डॉ एसके गुप्ता, एपीएसआई के सचिव ने भी अपने विचार रखे। इस अवसर पर इस संगोष्ठी के आयोजन सचिव सह कन्वेनर डॉ ईश्वरी प्रसाद गुप्ता ने इस संगोष्ठी के उद्देश्यों और लक्ष्यों को पटल के समक्ष रखा।

इनकी भी रही मौजूदगी

इससे पूर्व अतिथियों का स्वागत विश्वविद्यालय के डीएसडब्ल्यू डॉ अशोक कुमार महतो और मंच संचालन डॉ शालिनी लाल ने किया। मौके पर उपस्थित शिक्षाविदों में विश्वविद्यालय की कुलसचिव डॉ नमिता सिंह, डॉ राम लाल, प्रो कुनुल कंदीर आयोजन के सह कन्वेनर डॉ अशोक नाग और डॉ अपर्णा सिन्हा, डॉ विद्यन कुमारी, डॉ रश्मि मिश्रा डॉ गीतांजलि सिंह, डॉ राजीव रंजन डॉ गणेश चंद्र बास्के, डॉ एसएम अब्बास आदि उपस्थित रहे। यह जानकारी विश्वविद्यालय के पीआरओ प्रो राजेश कुमार सिंह ने दी।