रांची(ब्यूरो)। सिटी में अंडरग्राउंड केबलिंग का काम चल रहा है। लेकिन इसकी रफ्तार इतनी ज्यादा सुस्त है कि यह कह पाना भी मुश्किल है कि यह काम कब पूरा होगा और कब आम नागरिकों क ो इसका लाभ मिलेगा। दलअसल, छह साल पहले साल 2018 में राजधानी रांची में अंडरग्राउंड केबलिंग का काम शुरू हुआ था। अब तक इसमें करीब 410 करोड़ रुपए खर्च हो चुके हैं। लेकिन न तो अब तक यह काम पूरा हुआ है और न ही लोगों को इसकी कोई सुविधा मिल रही है। नागरिकों को इसकी सुविधा तो नहीं मिली लेकिन अंडरग्राउंड केबलिंग के नाम पर असुविधा जरूर खड़ी कर दी गई है। कई स्थानों पर महीनों केबलिंग के लिए सड़क खुदाई कर ऐसे ही छोड़ दी गई है, जिससे आवागमन में लोगों को परेशानी हो रही है। यह काम कब तक पुरा होगा, इसका जवाब विभाग के पास भी नहीं है।

बारिश में बिगड़ी शहर की सूरत

बारिश के कारण पूरे शहर की सुरत बिगड़ी हुई है। नाली जाम रहने की वजह से कुछ देर की बारिश में ही सड़क पर तालाब की स्थिति बन जाती है। इधर, अंडरग्राउंड केबलिंग के लिए खोदी गई सड़क की वजह से लोगों को आने-जाने में समस्या झेलनी पड़ रही है। कहीं अंडरग्राउंड केबलिंग तो कहीं नाला निर्माण के नाम पर सड़क की खुदाई कर दी गई है। आने वाला समय फेस्टिवल का है। ऐसे में खरीदारी करने से लेकर घूमने वाले लोग भी सड़क पर निकलेंगे। जिसे देखते हुए सड़क को दुरुस्त करना पहली प्रायोरिटी होनी चाहिए। लेकिन इस ओर न तो विद्युत निगम, न नगर निगम और न ही पथ निर्माण विभाग का ध्यान है।

जारी है बिजली कटौती

अंडरग्राउंड केबलिंग का उद्देश्य लटकते तारों से निजात दिलाते हुए बिजली कटौती से भी राहत दिलाने की थी। लेकिन इनमें कोई अब तक पूरी नहीं हुई है। हल्की बारिश में आज भी घंटों बिजली कटने की समस्या जस की तस बनी हुई है। जेबीवीएनएल ने हर हाल में 23 घंटे बिजली उपलब्ध कराने का दावा किया था। यह दावा कभी पूरा ही नहीं हुआ। मानसून से पहले झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड (जेबीवीएनएल) ने निर्बाध बिजली आपूर्ति की तैयारी की थी। लेकिन बारिश ने निगम की सारी तैयारियों की पोल खोलकर रख दी है।

2018 में शुरू हुआ अंडरग्राउंड केबलिंग का काम

अंडरग्राउंड केबलिंग का काम साल 2018 में शुरू हुआ था। हालांकि यह योजना 2015 में तैयार की गई थी। लेकिन इसे धरातल पर उतरने में तीन साल लग गए। काम शुरू हुए छह साल बीत गए हैं, अब भी इसे पूरा नहीं किया जा सका है। जबकि इस योजना में अब तक करीब 400 करोड़ रुपए खर्च हो चुके हैं। जानकारी के मुताबिक, अंडरग्राउंड केबलिंग से अरगोड़ा पीएसएस, हरमू पीएसएस, पुंदाग, कुसई, आईटीआई पिस्कामोड़ पीएसएस, कुसई, मोरहाबादी, राजभवन पीएसएस, कांके, एयरपोर्ट, कोकर अर्बन, कोकर रूरल पीएसएस, आरएमसीएच पीएसएस, पानी टंकी बरियातू और सदर अस्पताल पीएसएस को जोड़ दिया गया है। इसके बाद भी बारिश होते ही इन इलाकों में बिजली पहले की तरह ही फौरन बिजली काट दी जाती है। निगम के अधिकारियों का कहना है कि एहतियात के तौर पर बिजली कटौती करना जरूरी है।

बार-बार मिलता रहा है एक्सटेंशन

अंडरग्राउंड केबलिंग का काम केईआई को दिया गया है। समय पर योजना पूरी नहीं होने के कारण बार-बार एजेंसी को एक्सटेंशन मिलता रहा है। बीते साल दिसंबर में ही जून तक अंडरग्राउंड केबलिंग पूरा करने का आदेश दिया गया था। लेकिन इस डेटलाइन को खत्म हुए भी तीन महीन बीत गए हैं। इससे पहले भी बीते साल फरवरी महीने में योजना पूरी करने का लक्ष्य रखा गया था। आज भी कई इलाकों में काम अधूरा है। अब तक 120 किलोमीटर अंडरग्राउंड केबलिंग का काम पूरा हुआ है। राजधानी में अब तक रातू रोड, कांके, मोरहाबादी, मेन रोड, हरमू आदि इलाकों में केबलिंग कार्य पूरा हो चुका है। जबकि एयरपोर्ट, हिनू समेत अन्य इलाकों में अंडरग्राउंड केबलिंग का काम अधूरा है।