आई एलर्ट

- शहर से गांव तक सूख गए पानी के स्त्रोत

- गर्मी शुरू होते ही मचा पानी के लिए हाहाकार

RANCHI (30 Mar) : सिटी और आसपास के गांवों में गर्मी शुरू होते ही पानी के लिए हाहाकार मचना शुरू हो गया है। शहर के पांच बड़े और प्रमुख तालाब जहां सरकार ने पहले ही सुखा दिए हैं, वहीं सिटी के बाहर नदियों में एक बूंद भी पानी नहीं है। तोरपा के कारो नदी का नजारा बेहद भयावह है। यहां एक बूंद पानी नहीं है। केवल रेत ही रेत दिखाई पड़ता है। तेजी से सूख रहे जल स्त्रोत लाखों लोगों के लिए संकट बनते जा रहे हैं।

शहर के आठ तालाब सुखाए गए, मचा त्राहिमाम

रांची के टुंकी टोला तालाब और डॉक्टर्स कालोनी के पीछे तेतर टोली तालाब को मोटर लगा कर सुखाया गया। लगभग एक महीने तक मोटर से पानी निकाल कर तालाबों को पानी रहित कर दिया गया। इतना ही नहीं, बरियातू के जोड़ा तालाब में से एक को भी सुखाया गया। इसके बाद मधुकम तालाब, दिव्यायन तालाब, हात्मा बस्ती स्थित तालाब, बहू बाजार स्थित बनस तालाब में भी एक बूंद पानी नहीं बचा है। इन तालाबों पर करीब ख् लाख लोग अपने दिनचर्या के लिए निर्भर थे। इन तालाबों का पानी भले ही पानी के लिए इस्तेमाल नहीं किया जाता था, लेकिन नहाने, कपड़े और अन्य सामान धोने के लिए इनका बड़े पैमाने पर इस्तेमाल होता था।

निगम ने शुरू नहीं की टैंकर से जलापूर्ति

सिटी की इन सभी तालाबों को सुखा कर गहरा किया जा रहा है। इनके किनारे पक्के घाट बनाए जाएंगे। साथ ही सुंदरीकरण भी होना है। अब मुसीबत यह है कि गर्मी के इस मौसम में इतनी बड़ी संख्या में तालाबों के सूख जाने से लोगों को पानी कहां से मिलेगा? जिन इलाकों के तालाब सूख चुके हैं, वहां सरकारी चापाकल पर भीड़ बढ़ गई है। नगर निगम की ओर से अभी तक टैंकर से जलापूर्ति की शुरुआत नहीं की गई है। निगम के अधिकारी अभी तैयारी में जुटे हैं। उम्मीद की जा रही है कि अप्रैल में टैंकर से मुहल्लों में जलापूर्ति शुरू कर दी जाए।

कई इलाकों में घट गया पानी का लेवल

जिन इलाकों में तालाब सुखाए जा चुके हैं, वहां का वाटर लेवल भी डाउन हो गया है। लगभग सभी इलाकों में बोरिंग के तीन से चार प्रयास विफल साबित हो रहे हैं। ब्00 फीट तक बोर करने के बाद पानी निकल तो रहा है, लेकिन इसके भी जल्द ही सूख जाने का अनुमान है। पिछले साल जब सामान्य से कम बारिश हुई थी तो राजधानी में पानी का लेवल क्00-क्भ्0 फीट तक नीचे चला गया था। इसके बावजूद तालाब में पानी को बचाने की बजाय उसे बहा ि1दया गया।

बाक्स

तोरपा में ख्ख्00 घरों में वाटर सप्लाई बंद

खूंटी जिले के तोरपा में कारो नदी पूरी तरह से सूख चुकी है। इससे करीब ख्ख्00 घरों में जलापूर्ति होती थी, जो फिलहाल बंद है। यहां एक छोटे से कूप का निर्माण कर किसी प्रकार लोगों तक पानी पहुंचाने की कोशिश हो रही है, लेकिन यह प्रयास ऊंट के मुंह में जीरा साबित हो रहा है। स्थानीय लोग एक अरसे से यह मांग कर रहे हैं कि कारो नदी पर प्रस्तावित छलटा डैम का निर्माण किया जाए, ताकि जल स्तर भी बढ़े और गर्मी में नदी के सूखने की समस्या से निजात मिले। सरकार ने इस मामले में अभी तक कोई कदम नहीं उठाया है.

कोट

सौदर्यीकरण का काम अच्छा है, लेकिन इन सभी तालाबों को स्मार्ट इरिगेशन सिस्टम के साथ विकसित किया जाना चाहिए, ताकि शहर में वाटर लेवल ठीक किया जा सके। मानसून का अनुमान और मौजूदा जल संकट चिंताजनक है।

पंकज सोनी, अध्यक्ष, मिशन ब्ल

कोट

तालाब सुखाने के बदले ड्रेजिंग मशीन से गाद हटाया जाना बेहतर उपाय है। इस बारे में कई बार सरकार से बातचीत की जा चुकी है, इसके बावजूद आज तक पुरानी तकनीक का ही इस्तेमाल किया जा रहा है। इससे बड़ा दुर्भाग्य और कुछ नहीं हो सकता।

बिनय सरावगी, उद्योगपति समाजसेव

कोट

नक्षत्र वन स्थित हटनिया तालाब भी सूख चुका है। यहां से पंप लगाकर राजभवन में पानी की आपूर्ति की जाती है। यही वजह है कि तालाब सूख गया है। यहां हर रोज बड़ी संख्या में पर्यटक आते हैं। तालाब की दुर्दशा से लोगों में मायूसी है।

बैद्यनाथ कुमार, समाजसेवी