रांची (ब्यूरो) । अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर विशेष आयोजन के तहत आज रांची विमेंस कॉलेज रांची के साइंस ब्लॉक के सभागार में प्रभारी प्राचार्य डॉ सुप्रिया के कुशल निर्देशन में राष्ट्रीय सेवा योजना की इकाई ने झारखंड एड्स कंट्रोल सोसायटी तथा टी आर वाई के सहयोग से विभिन्न प्रतियोगिताएं आयोजित की। कार्यक्रम में गायन प्रतियोगिता, मेहंदी लगाओ प्रतियोगिता, पोस्टर बनाओ प्रतियोगिता, निबंध लेखन प्रतियोगिता, रील मेकिंग प्रतियोगिता, भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।

स्टूडेंट्स को बधाई दी

प्राचार्य डॉ सुप्रिया ने सभी शिक्षकों तथा छात्राओं को बधाई एवं शुभकामनाएं प्रेषित करते हुए कहा कि अंतराष्ट्रीय महिला दिवस प्रत्येक वर्ष 8 मार्च को मनाया जाता है। विश्व भर में महिला सशक्तिकरण को प्रगाढ़ बनाने हेतु जागरूकता अभियान चलाएं जाते हैं। इस दिन महिलाओं की अनूठी ताकत का जश्न मनाया जाता है जो पूरे मानव अस्तित्व में मिलना मुश्किल है। यह एक वैश्विक दिवस है और दुनिया के अधिकांश हिस्सों में महिलाओं की अभूतपूर्व उपलब्धियों का सचेत संज्ञान लेने के लिए मनाया जाता है, भले ही वे समाज के किसी भी वर्ग से हों। महिला शक्ति ही विश्व शक्ति हैं। इनके उत्थान एवं सशक्तिकरण जागरूकता ही अहम उद्देश्य हैं।

तकनीकि बदलाव अपनाएं

राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई एक की प्रोग्राम ऑफिसर डॉक्टर कुमारी उर्वशी ने कहा कि

अंतराराष्ट्रीय महिला दिवस 2023 की थीम डिजिटल लैंगिक समानता के लिए नवाचार और प्रौद्योगिकी है। लैंगिक समानता और सभी महिलाओं और लड़कियों के सशक्तिकरण को प्राप्त करने के लिए डिजिटल युग में नवाचार और तकनीकी परिवर्तन और शिक्षा इसी के अनुरूप हमें इस वर्ष कार्य करना है।

मेहनत का परिणाम था

दर्शनशास्त्र की विभागाध्यक्ष डॉ गीता सिंह ने कहा कि यह उत्तरी अमेरिका में बीसवीं शताब्दी की मेहनत का परिणाम था जो इस दिन के उदय का समय बन गया.यही वह समय था जो विकासशील और विकसित दोनों ही देशों में नारीत्व और उसकी वीरता के इतिहास में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुआ था.महिलाएं समाज का अभिन्न अंग होती हंै। राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई दो कि प्रोग्राम ऑफिसर डॉक्टर कुमारी भारती सिंह ने कहा कि यदि इतिहास में देखा जाए तो महिलाओं को इतना सम्मान नहीं दिया जाता था। उन्हें प्रताडि़त किया जाता था। उन्हें आक्रोशित होकर नुकसान पहुंचाने की कोशिश की जाती थी। परंतु जैसे-जैसे समय बदलता जा रहा है। वैसे-वैसे महिलाओं के प्रति पुरुषों की मानसिकता जरूर बदली है।