रांची(ब्यूरो)। बिजली विभाग की कारस्तानी की हद है। या तो लोगों को समय से बिजली बिल नहीं मिलता या फिर मनमाना बिल भेज दिया जाता है। विभाग द्वारा भेजे जा रहे मनमाने बिल से आम पब्लिक परेशान है। जानकारी के अनुसार, बीते दो महीने मेें करीब दो सौ उपभोक्ताओं को खपत से ज्यादा बिल भेजा गया है। आम पब्लिक अपनी शिकायत लेकर विभाग के चक्कर लगा रही है। सुबह से ही बिल में सुधार कराने के लिए कंज्यूमर डिवीजन और सब डिवीजन का चक्कर लगा रहे हैं। हेसल सरोवर नगर के रहने वाले उपभोक्ता मनोज कुमार ने बताया कि छह साल पहले का बिजली अब जोड़कर भेजा गया है। जबकि पहले ही बकाये सभी बिल का सेटलमेंट करा दिया गया था। लेकिन बीते महीने के बिल में जोड़ कर छह साल पहले का भी भेज दिया गया है। उन्होंने बताया हर महीने करीब तीन सौ रुपए के आसपास बिल भेजा जाता था। इस बार 4400 रुपए का बिल भेजा गया है। इसमें सुधार के लिए कार्यालय का चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन कोई कुछ सुनने को तैयार नहीं है।

ना मीटर रीडिंग ना समय से बिल

विद्युत वितरण विभाग की मनमानी से इन दिनों जिले के अधिकतर उपभोक्ता परेशान हैं। कहीं मीटर रीडिंग नहीं हो रही है तो कहीं बिजली बिल ही नहीं भेजा जा रहा है। कुछ स्थानों पर अनाप-शनाप बिजली बिल भेजा रहा रहा है। सुधार के लिए उपभोक्ता बिजली ऑफिस काचक्कर लगाने को मजबूर हैं। लोगों का कहना है कि विभाग की ओर से जानबूझकर मीटर रीडिंग में गड़बड़झाला किया जा रहा है। बिजली उपभोक्ताओं की यह परेशानी लंबे समय से बनी हुई है, जो दूर नहीं हो रही है। जिले के शहर व ग्रामीण क्षेत्र में लोगों की एक जैसी शिकायतें हैं। शहरी क्षेत्र की ही बात करें तो कई उपभोक्ताओं के यहां मीटर चालू होने के बाद भी कई महीने तक मीटर की रीडिंग ही नहीं की गई है। इस दौरान हर महीने उनको एवरेज खपत के नाम पर बिजली बिल भेजा गया है। यही नहीं, कई महीने बाद अचानक रीडिंग दिखाकर अनाप-शनाप बिजली बिल भुगतान करने के लिए कहा जा रहा है, जो उपभोक्ताओं की समझ से परे है। बिजली बिल को देखकर उपभोक्ताओं का माथा ठनका हुआ है। वहीं बिजली विभाग के कई दावों के बावजूद व्यवस्था में सुधार नजर नहीं आ रहा है।

ऑफिस में नहीं मिलते अफसर

बिजली विभाग की मनमानी, अनाप-शनाप बिल थमाने को लेकर शहर व ग्रामीण क्षेत्र के उपभोक्ताओं की भीड़ हर दिन बिजली ऑफिस के सामने नजर आ रही है। लोग अपनी-अपनी शिकायत लेकर आ तो रहे हैं लेकिन उनकी शिकायतों का निपटारा नहीं हो रहा है। दर्जनों लोग हर दिन शिकायत ऑफिस तो आ रहे हैं लेकिन यहां इनकी शिकायत सुनने वाला कोई नहीं है। सबसे बुरे हालात पिस्का मोड़ फीडर के उपभोक्ताओं का है। यहां रिपेयरिंग करने वाले कर्मचारी तो रहते हैं, लेकिन अफसर नदारद रहते हैं। इस कारण लोग अपनी शिकायत दर्ज नहीं करा पा रहे हैं। पिस्का मोड़ कार्यालय में शिकायत लेकर आए रामेश्वर सिंह ने बताया कि बीते तीन दिन से कम्पलेन लेकर आ रहे हैं। लेकिन यहां कोई सुनने वाला ही नहीं है। रामेश्वर सिंह ने कहा कि तीन महीने से मीटर रीडिंग नहीं हुई है, एकाएक 17267 रुपए का बिल भेज दिया गया है, जो कहीं से भी स्वीकार योग्य नहीं है। महीने में तीन या चार सौ यूनिट बिजली की खपत है। ऐसे में इतना हेवी बिल समझ से परे है।

बिल जारी करने में लापरवाही

उपभोक्ताओं की यह भी शिकायत है कि विभाग की ओर से बिजली बिल बंटवाने में भी लापरवाही बरती जा रही है। कई उपभोक्ताओं ने बताया कि उनको समय पर बिजली बिल नहीं मिलता। इस कारण भुगतान के लिए समय नहीं मिल पाता है। मीटर रीडिंग का काम आउटसोर्सिंग के माध्यम से कराया जाता है। बिजली बिल में गड़बड़ी का मुख्य कारण हर महीने रेगुलर मीटर रीडिंग नहीं होना है। मीटर रीडरों की मनमानी के कारण इस तरह की परिस्थिति सामने आ रही है। विभागीय मॉनिटरिंग के अभाव में मीटर रीडरों की मनमानी जारी है। इसका खामियाजा सामान्य बिजली उपभोक्ताओं को भुगतना पड़ रहा है। अरबन व रूरल एरिया में लोगों की एक जैसी शिकायत है। कई महीने बाद अचानक रीडिंग दिखाकर अनाप-शनाप बिजली बिल भुगतान करने के लिए कहा जा रहा है, जो उपभोक्ताओं की समझ से परे है।