रांची (ब्यूरो)। सिटी के लोगों के लिए जीरो कट का सपना बहुत जल्द पूरा होनेवाला है। लाख कोशिश के बावजूद अब तक सिटी को 24 घंटे बिजली नहीं मिल पा रही है। अगले महीने से चतरा जिले के टंडवा स्थित नॉर्थ कर्णपुरा थर्मल पावर प्लांट से बिजली का उत्पादन शुरू होगा, जबकि साल 2024 से पतरातू में बन रहे एनटीपीसी के प्लांट से भी उत्पादन शुरू हो जाएगा। इससे राज्य को भरपूर बिजली की सप्लाई होने लगेगी। नॉर्थ कर्णपुरा पावर प्लांट भी एनटीपीसी की इकाई है। ऐसे में दो नए पावर प्लांटों से बिजली का उत्पादन होने से झारखंड बिजली के मामले में आत्मनिर्भर बन जाएगा और दूसरे राज्यों पर बिजली के लिए निर्भर नहीं रहना पड़ेगा।

कई जिलों को लाभ

नॉर्थ कर्णपुरा पावर प्लांट से उत्पादन शुरू होने से रांची के अलावा अन्य तीन जिलों को भी लाभ होगा, जिसमें चतरा, रामगढ़ और हजारीबाग जिला शामिल है। इन सभी जिलों को 24 घंटे बिजली मिलने लगेगी।

660 मेगावाट की तीन ईकाइयां

नॉर्थ कर्णपुरा पावर प्लांट की क्षमता क्षमता 1990 मेगावाट है। इस पावर प्लांट में 660 मेगावाट की तीन इकायां लगाई जा रही हैैंं। इस पावर प्लांट की आधारशिला पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने 6 मार्च 1999 में ही रखी थी। इस प्लांट का निर्माण कार्य वर्ष 2013 में शुरू हुआ था और दिसंबर 2020 में इस पावर प्लांट के ब्लॉयलर का सफल परीक्षण भी किया गया था।

दूसरे राज्यों को भी फायदा

नॉर्थ कर्णपुरा पावर प्लांट पर कुल 14500 करोड़ रुपए खर्च किए जा रहे हैं। इस पावर प्लांट के बनने से झारखंड दूसरे राज्यों बिहार, ओडि़शा और पश्चिम बंगाल समेत अन्य रोज्यों को भी झारखंड बिजली बेच सकेगा।

सेल्फ डिपेंडेंट होंगे हम

पतरातू स्थित एनटीपीसी का पावर प्लांट से वर्ष 2024 से बिजली का उत्पादन शुरू होगा। पहले फेज में यहां से 2400 मेगावाट की बिजली का उत्पादन शुरू होगा। इस प्लांट के बनने से भी झारखंड बिजली के मामले में आत्मनिर्भर बन जाएगा और अन्य राज्यों को भी बिजली बेच सकेगा। पतरातू के पावर प्लांट से दो चरणों में 4000 मेगावाट बिजली का उत्पादन किया जाएगा।

85 प्रतिशत हिस्सा राज्य को

पतरातू स्थित एनटीपीसी से उत्पादित बिजली का 85 प्रतिशत हिस्सा झारखंड को मिलेगा और शेष बिजली एनटीपीसी बाजार दर पर अन्य राज्यों को बेच सकेगा। इससे झारखंड को पर्याप्त मात्रा में बिजली मिलने लगेगी।

पीएम ने रखी थी आधारशिला

पतरातू के पावर प्लांट पर कुल 11500 करोड़ रुपए खर्च किए जा रहे हैं। इस प्लांट की आधारशिला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2018 में रखी थी।

राज्य को कितनी जरूरत

झारखंड में वर्तमान में पीक आवर में 1600 मेगावाट बिजली की जरूरत होती है। यहां शाम में लगभग 1300 मेगावाट बिजली की डिमांड है। इस पावर प्लांट के चालू होने से झारखंड को करीब 500 मेगावाट बिजली मिलेगी। फिलहाल यह बिजली झारखंड खरीद रहा है।

दोनों पावर प्लांट से एक निश्चित मात्रा में बिजली झारखंड को मिलेगी। नॉर्थ कर्णपुरा से इसी वर्ष अगस्त माह से बिजली का उत्पादन शुरू होने लगेगा। दोनों पावर प्लांटों से बिजली मिलने से निश्चित रूप से राज्य को लाभ होगा।

-अजीत प्रताप सिंह, एजीएम, एनटीपीसी