देहरादून (पवन नौटियाल)। जेईई एडवांस्ड में बालिका वर्ग की टापर मुरादाबाद निवासी कनिष्का मित्तल एक सामान्य परिवार से हैं। उनके पिता अनुज कुमार मित्तल फोटो स्टेट की दुकान चलाते हैं और मां गृहणी हैं। वह बताती हैं कि इंजीनियर बनने की प्रेरणा उन्हें अपने भाई से मिली। उनका भाई भी बीटेक कर रहा है। उसी को देखकर कनिष्का ने आइआइटियन बनने की ठानी और दो साल कोटा में रहकर तैयारी की।

12वीं में 98.4 प्रतिशत अंक

कनिष्का का कहना है कि मेरी प्रतिस्पर्धा कभी किसी और से नहीं बल्कि खुद से ही थी। वह बताती हैं कि जेईई की तैयारी के लिये उन्होंने अधिकाधिक प्रश्न प्रैक्टिस किये। क्योंकि परीक्षा में हर साल कुछ नया रहता है। किसी भी विषय से और कहीं से भी सवाल आ सकते हैं। तैयारी शुरू करने से पहले उनकी गणित काफी अच्छी थी पर फिजिक्स कमजोर थी। कनिष्का के 12वीं में 98.4 और 10वीं में 99 फीसद अंक थे।

लाॅॅॅकडाउन का अहम रोल

वह बताती हैं कि लाॅॅॅकडाउन के कारण इस बार जेईई एडवांस्ड की परीक्षा काफी विलम्ब से हुई और तारीख आगे खिसकती चली गयी। पर इस समय का उन्होंने पूरा सदुपयोग किया और रोजाना 8-10 घंटे पढाई की। इस दौरान उन्होंने कमजोर पक्ष पर काम किया और शिक्षकों ने भी यह कमियां दूर करने में पूरी मदद की। इस रैंक में कहीं न कहीं लाॅॅॅकडाउन का भी अहम रोल है।

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